नई दिल्ली : विभिन्न पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि को लेकर विपक्ष के निशाने पर आयी सरकार ने बुधवार को कहा, पिछले एक वर्ष में पेट्रोल और डीजल पर केन्द्रीय करों में कोई वृद्धि नहीं हुई है.
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में पेट्रोल और डीजल पर केन्द्रीय करों में कोई वृद्धि नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल के खुदरा बिक्री मूल्यों में हुई वृद्धि उच्च अंतरराष्ट्रीय उत्पाद मूल्यों तथा विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा वसूले गए वैट में वृद्धि के चलते आधार मूल्य में वृद्धि के कारण हुई है. सरकार कच्चे तेल, पेट्रोल और डीजल के अंतरराष्ट्रीय मूल्य में अस्थिरता से संबंधित मुद्दे को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठा रही है.
पढ़ें- जुवेनाइल जस्टिस संशोधन विधेयक, 2021 राज्य सभा से भी पारित
पुरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को क्रमश: 26 जून 2010 और 19 अक्टूबर 2014 से बाजार निर्धारित बना दिया गया है. उसके बाद से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां अंतरराष्ट्रीय उत्पाद मूल्यों तथा अन्य बाजार दशाओं के आधार पर पेट्रोल और डीजल के मूल्य निर्धारण के संबंध में निर्णय लेती हैं.
उन्होंने कहा कि तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के मूल्यों को अंतरराष्ट्रीय मूल्यों तथा रूपया-डॉलर विनिमय दर में परिवर्तनों के अनुरूप बढ़ाया और घटाया है.
(भाषा)