ऊना: जिला ऊना के बहडाला स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 3 दिन पूर्व प्रधानाचार्य पर छात्र द्वारा हाथ उठाने और गला घोंटने के मामले को लेकर पशोपेश की स्थिति बनी हुई है. गौरतलब है कि इसी घटना में छात्र के पिता ने भी स्कूल में घुसकर जमकर हंगामा किया था और शिक्षकों के साथ हाथापाई तक कर डाली थी, जिसके बाद उसे हड़दंग मचाने के आरोप में पुलिस ने काबू किया और रात भर लॉकअप में रखने के बाद अगले ही दिन जमानत पर रिहा कर दिया. हालांकि जितनी बड़ी यह घटना हुई है उसकी चर्चा पूरे हिमाचल में है.
स्कूल का यह घटनाक्रम इस वक्त केंद्र बिंदु बना हुआ है. इसी बीच बड़ी घटना के बावजूद पुलिस द्वारा महज सीआरपीसी की धारा 107/151 के तहत केस दर्ज करना और आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद सरलता से जमानत मिल जाना किसी के भी गले नहीं उतर रहा. पुलिस की मानें तो इस मामले को लेकर कार्रवाई के सभी विकल्प अभी तक खुले रखे गए हैं, जबकि शिक्षा विभाग और खुद पीड़ित पक्ष की तरफ से ही इस मामले को लेकर अभी तक कोई ठोस शिकायत नहीं दी जा रही है.
दूसरी तरफ शिक्षा विभाग इस मामले को लेकर कई दौर की बैठकें कर चुका है और सोमवार को भी स्कूल परिसर में ही उप निदेशक देवेंद्र चंदेल की अध्यक्षता में मैराथन मीटिंग का आयोजन किया गया. हैरानी की बात यह भी है कि इस मामले पर न तो पीड़ित पक्ष खुलकर बोलने को तैयार है और न ही शिक्षा विभाग के आला अधिकारी. जिसके चलते यह मामला बेहद रहस्यमयी बनता जा रहा है. इतना ही नहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों और पीड़ित पक्ष पर इस मामले को रफा-दफा करने के लिए दबाव डालने की चर्चाएं भी जोर पकड़ चुकी है.
ये है पूरा मामला: जिला ऊना के तहत पड़ते बहडाला सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शुक्रवार को स्थानीय प्रधानाचार्य ने प्लस टू में पढ़ने वाले एक छात्र की अनुशासनहीनता सामने आने पर उसे अपने परिजनों को स्कूल लाने के लिए कहा था. प्रधानाचार्य की हिदायत के बाद उपरोक्त छात्र अपना बस्ता उठा कर घर चला गया. कुछ देर के बाद वह वापस अपने पिता के साथ स्कूल पहुंचा. छात्र के पिता के साथ प्रधानाचार्य जब बातचीत कर रहे थे उसी वक्त यह छात्र आग बबूला हो गया और उसने प्रधानाचार्य पर हाथ उठाते हुए उनका गला तक दबा डाला.
प्रधानाचार्य को बचाने के लिए उठे स्कूल के तीन अन्य अध्यापकों के साथ छात्र के पिता ने हाथापाई कर डाली. जिसके बाद पुलिस को मामले की सूचना दी गई. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छात्र के आरोपी पिता को गिरफ्तार किया, लेकिन उसके खिलाफ महज हुड़दंग मचाने का केस दर्ज करते हुए 24 घंटे के भीतर जमानत पर छोड़ दिया गया. जिसके चलते न केवल शिक्षा जगत में दहशत का माहौल पैदा हो गया, अपितु समाज में भी तरह-तरह की चर्चाएं गर्म हो चुकी हैं. हालंकि सोमवार को ही पीड़ित पक्ष के साथ-साथ शिक्षा विभाग के उपनिदेशक से इस मामले को लेकर पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया.
'पुलिस को नहीं मिली है कोई शिकायत': उधर, SP ऊना अर्जित सेन ठाकुर का कहना है कि स्कूल में हुए इस घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को मिली थी. जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस की टीम मौके पर पहुंची थी और प्रीवेंटिव सेक्शन के तहत इस मामले में कार्रवाई अमल में लाते हुए तुरंत छात्र के आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि इसके बाद खुद पुलिस विभाग की तरफ से थाना प्रभारी पीड़ित प्रधानाचार्य के साथ संपर्क करके मामले की विस्तृत शिकायत के संबंध में बात कर चुके हैं, लेकिन पुलिस को अभी भी इस घटनाक्रम के संदर्भ में कोई शिकायत नहीं सौंपी गई है. पुलिस अधीक्षक ने इस संबंध में शिक्षा विभाग के उपनिदेशक से भी बात की, जिसमें उन्हें बताया गया कि विभागीय स्तर पर एक जांच चल रही है और इस जांच की पूर्ण होते ही पुलिस को विस्तृत शिकायत सौंप दी जाएगी.
SP का कहना है कि एसएचओ को विशेष हिदायत जारी की गई है कि इस तरह की कोई भी शिकायत आते ही त्वरित कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए. एसपी का कहना है कि विस्तृत रिपोर्ट से पूर्व उन्हें केवल इतनी ही जानकारी दी गई है कि प्रधानाचार्य ने बच्चे और उसके पिता को अपने कार्यालय में बात करने के लिए बुलाया था और वहीं पर बहसबाजी के बाद दोनों पक्षों में झगड़ा शुरू हुआ. पुलिस अधीक्षक का कहना है कि शिक्षा विभाग की तरफ से शिकायत का इंतजार किया जा रहा है. शिकायत आते ही इस पर जरूरी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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