ऊना: हिमाचल प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने कर्फ्यू लगा दिया है. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. नेता प्रतिपक्ष ने जयराम सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी विकट स्थिति में सरकार अपने ही फैसलों पर ही कायम नहीं रहती, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने साधा सरकार पर निशाना
अग्निहोत्री ने कहा सरकार के जारी आदेशों में कहा गया है कि प्रदेश में लॉकडाउन लगा दिया गया है, लेकिन सरकार में इतना साहस नहीं है कि वह लॉकडाउन शब्द का प्रयोग कर सके. वहीं, प्रधानमंत्री ने कह दिया है कि लॉकडाउन अंतिम विकल्प होगा, इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए, इसलिए सरकार ने इसे कोरोना कर्फ्यू का नाम दे दिया. प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन लगाकर कोरोना कर्फ्यू का नाम दे दिया है.
सरकार के फैसले पर उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार जिसे कर्फ्यू का नाम दे रही है, वह दरअसल किसी भी प्रकार से कर्फ्यू नहीं है. 60 फीसदी दुकानों को खुला रखकर आवाजाही को भी अनुमति दी गई है. इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी जारी रखा जा रहा है. ऐसे में प्रदेश में सरकार किस तरह का कर्फ्यू लागू कर रही है.
लोगों के इलाज के लिए सरकार के पास पैसा नहीं
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के पास सराज के लिए तो पैसा है, लेकिन प्रदेश के विकास और कोरोना वायरस से जूझते लोगों के इलाज के लिए पैसा नहीं है. कोरोना संक्रमण के चलते लोगों की मौत हो रही है. इस समय हिमाचल प्रदेश की जनता को बचाना ज्यादा जरूरी है. इन परिस्थितियों में तो चाहे दूसरे विकास कार्यों को रोका भी जा सकता था. प्रदेश सरकार किस रणनीति के तहत काम कर रही है यह समझ से परे है.
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