ऊना: देश की सीमाओं की रक्षा के दौरान शहादत का जाम पीने वाले जिला ऊना के उपमंडल गगरेट के गणु मंडवाड़ा गांव के हवलदार अमरीक सिंह का अंतिम संस्कार सोमवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. सोमवार सुबह अमरीक सिंह का शव जैसे ही घर पहुंचा तो अश्रुओं की अविरल बहती धारा मानों मां भारती के पैर धोते यही संदेश दे रही थी कि तेरी अस्मिता की रक्षा में यहां के बलिदानी सुरमे कभी पीछे नहीं हटेंगे.
हवलदार अमरीक सिंह का शव पूरे सैन्य सम्मान के साथ सेना के जवान जब घर लेकर पहुंचे तो मां के करुण क्रंदन और पत्नी की वेदना से पत्थर दिल भी पिघल गए. हर आंख नम थी तो अमरीक सिंह अमर रहे के नारे हवा में तैर रहे थे. गौरतलब है कि दस जनवरी को श्रीनगर के कुपवाड़ा सेक्टर के माछिल में भारत पाक सीमा की अग्रिम चौकी पर निगरानी के लिए जाते समय बर्फ के बीच सेना का वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो गया था और अमरीक सिंह सहित हमीरपुर का जवान अमित शर्मा व जम्मू के जेसीओ पुरषोतम सिंह वहां गहरी खाई में समा गए और देश की सीमाओं की रक्षा करते शहीद हो गए थे.
सोमवार को पूरे सैन्य व राजकीय सम्मान के साथ उनका पार्थिव शव गगरेट स्थित उनके पैतृक गांव की ओर चला तो हर जगह इस वीर सपूत के आगे सिर झुक गए. दौलतपुर से सैकड़ों लोगों के काफिले के साथ शव जैसे ही गणू मंडवाड़ा पहुंचा तो हर आंख नम थी. प्रशासन की ओर से एसडीएम सौमिल गौतम, तहसीलदार रोहित कंवर, डीएसपी वसुधा सूद व एसएचओ भी मौजूद रहे. तो विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी वीर सैनिक के घर पहुंच कर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की.
अमरीक के माता, पत्नी और बेटे की करुण चीखो पुकार ने वहां मौजूद हर इंसान को भावुक कर दिया. इस मौके पर डीएसपी अंब वसुधा ने कहा कि शहीद अमरिक सिंह देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहादत को प्राप्त हुए हैं. उनकी अंत्येष्टि पूरे राजकीय सम्मान के साथ की गई है. वहीं, प्रशासन सदैव शहीद के परिवार के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा रहेगा. उन्होंने कहा कि मातृभूमि के लिए दिए गए अमरीक सिंह के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.
ये भी पढ़ें: हर आंख नम: शहीद अमित शर्मा की पार्थिव देह 7 दिन बाद पहुंची घर