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कुछ शर्तो के साथ होम आइसोलेशन में रह सकते हैं कोरोना संक्रमित: डीसी ऊना

राज्य सरकार ने हाल ही में होम आइसोलेशन पर आवश्यक दिशा-निर्देशों की सूची जारी की है, जिससे कोरोना संक्रमित व्यक्ति को घर पर ही रखकर उसकी बेहतर देखभाल सुनिश्चित की जा सके. निर्धारित व्यवस्था के अनुसार चिकित्सा अधिकारी के निदान के मुताबिक जिस व्यक्ति में कोरोना संक्रमण के बहुत कम या कोई लक्षण नहीं होंगे, वह होम आइसोलेशन का पात्र होगा.

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Published : Aug 2, 2020, 8:18 PM IST

ऊना: वैश्विक महामारी कोविड-19 की चुनौती से पार पाने के लिए प्रदेश सरकार समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर रही है. राज्य सरकार ने हाल ही में होम आइसोलेशन पर आवश्यक दिशा-निर्देशों की सूची जारी की है, जिससे कोरोना संक्रमित व्यक्ति को घर पर ही रखकर उसकी बेहतर देखभाल सुनिश्चित की जा सके.

निर्धारित व्यवस्था के अनुसार चिकित्सा अधिकारी के निदान के मुताबिक जिस व्यक्ति में कोरोना संक्रमण के बहुत कम या कोई लक्षण नहीं होंगे, वह होम आइसोलेशन का पात्र होगा. संबधित व्यक्ति की आयु 60 वर्ष से कम हो और वह हाइपरटैंशन, डायबिटीज, हृदय रोग, अस्थमा, एचआईवी, कैंसर जैसे किसी अन्य किसी गंभीर रोग से ग्रसित नहीं होना चाहिए.

घर में ऐसी हो व्यस्था

होम आइसोलेट किए गए कोरोना संक्रमित व्यक्ति के घर में पृथक स्वच्छ वाशरूम और बेडरूम होना अनिवार्य है. घर में परिवार के किसी अन्य सदस्य को हाइपरटेंशन, डायबिटीज, हृदय रोग, अस्थमा जैसे कोई गंभीर रोग और 60 साल से ज्यादा आयु नहीं होनी चाहिए.

संक्रमित व्यक्ति की देखभाल के लिए नियुक्त परिचर की आयु 18 से 55 वर्ष के दरम्यान हो और वह किसी गंभीर रोग से ग्रसित न हो. रोगी द्वारा अपनी स्वास्थ्य स्थिति देखभाल की रिपोर्ट को नियमित रूप से स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने के लिए सहमत होना आवश्यक है.

अटेंडेंट के लिए जरूरी निर्देश

रोगी के कमरे में जाते वक्त नियुक्त अटेंडेंट का ट्रिप्पल लेयर मास्क पहनना अनिवार्य होगा. रोगी के संपर्क में आने पर उसे तुरंत अपने हाथों की सफाई करनी होगी. खाना बनाने और खाने से पूर्व सभी को अपने हाथों को साबुन या ऐल्कॉहलयुक्त हैंड रब से अच्छी तरह से साफ करना होगा. परिचर को रोगी के शारीरिक तरल जैसे रेसपिरेटरी स्त्राव के संपर्क में आने से बचना होगा.

रोगी की देखभाल के दौरान डिस्पोजेबल दस्तानों का प्रयोग और दस्ताने पहनने और उतारने के तुरंत बाद हाथों को साफ करना होगा. रोगी को खाना उसके कमरे में ही उपलब्ध करवाना होगा. दोबारा प्रयोग में लाने से पूर्व रोगी के बर्तनों को अच्छी तरह से साबुन से साफ करना होगा. रोगी के कपड़ों की सफाई करते वक्त ट्रिप्पल लेयर मास्क और डिस्पोजेबल दस्तानों का प्रयोग आवश्यक है.

पहले भी दी गई है होम आइसोलेशन की अनुमति

डीसी संदीप कुमार कहते हैं कि प्रशासन ने जिला ऊना में कुछ मामलों में पहले भी होम आइसोलेशन को अनुमति प्रदान की थी. अब राज्य सरकार ने भी कुछ मापदंडों के साथ इस व्यवस्था को लागू किया है. उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन में जाने के इच्छुक कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग के साथ संपर्क करना होगा. स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा किए जाने वाले मरीज के घर के निरीक्षण में निर्धारित मापदंडों के पूर्ण पाए जाने पर ही होम आइसोलेशन की अनुमति प्रदान की जाएगी. अन्यथा उसे जिला प्रशासन द्वारा चयनित कोविड केयर सेंटर में जाना होगा.

पढ़ें: डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, वेतन कटौती पर पेन डाउन स्ट्राइक की दी चेतावनी

पढ़ें: शादी की तैयारियों में जुटी थी दादी, गांव में बांट रही थी मिष्ठान, पोता तिरंगे में लिपटकर पहुंचा घर

ऊना: वैश्विक महामारी कोविड-19 की चुनौती से पार पाने के लिए प्रदेश सरकार समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर रही है. राज्य सरकार ने हाल ही में होम आइसोलेशन पर आवश्यक दिशा-निर्देशों की सूची जारी की है, जिससे कोरोना संक्रमित व्यक्ति को घर पर ही रखकर उसकी बेहतर देखभाल सुनिश्चित की जा सके.

निर्धारित व्यवस्था के अनुसार चिकित्सा अधिकारी के निदान के मुताबिक जिस व्यक्ति में कोरोना संक्रमण के बहुत कम या कोई लक्षण नहीं होंगे, वह होम आइसोलेशन का पात्र होगा. संबधित व्यक्ति की आयु 60 वर्ष से कम हो और वह हाइपरटैंशन, डायबिटीज, हृदय रोग, अस्थमा, एचआईवी, कैंसर जैसे किसी अन्य किसी गंभीर रोग से ग्रसित नहीं होना चाहिए.

घर में ऐसी हो व्यस्था

होम आइसोलेट किए गए कोरोना संक्रमित व्यक्ति के घर में पृथक स्वच्छ वाशरूम और बेडरूम होना अनिवार्य है. घर में परिवार के किसी अन्य सदस्य को हाइपरटेंशन, डायबिटीज, हृदय रोग, अस्थमा जैसे कोई गंभीर रोग और 60 साल से ज्यादा आयु नहीं होनी चाहिए.

संक्रमित व्यक्ति की देखभाल के लिए नियुक्त परिचर की आयु 18 से 55 वर्ष के दरम्यान हो और वह किसी गंभीर रोग से ग्रसित न हो. रोगी द्वारा अपनी स्वास्थ्य स्थिति देखभाल की रिपोर्ट को नियमित रूप से स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने के लिए सहमत होना आवश्यक है.

अटेंडेंट के लिए जरूरी निर्देश

रोगी के कमरे में जाते वक्त नियुक्त अटेंडेंट का ट्रिप्पल लेयर मास्क पहनना अनिवार्य होगा. रोगी के संपर्क में आने पर उसे तुरंत अपने हाथों की सफाई करनी होगी. खाना बनाने और खाने से पूर्व सभी को अपने हाथों को साबुन या ऐल्कॉहलयुक्त हैंड रब से अच्छी तरह से साफ करना होगा. परिचर को रोगी के शारीरिक तरल जैसे रेसपिरेटरी स्त्राव के संपर्क में आने से बचना होगा.

रोगी की देखभाल के दौरान डिस्पोजेबल दस्तानों का प्रयोग और दस्ताने पहनने और उतारने के तुरंत बाद हाथों को साफ करना होगा. रोगी को खाना उसके कमरे में ही उपलब्ध करवाना होगा. दोबारा प्रयोग में लाने से पूर्व रोगी के बर्तनों को अच्छी तरह से साबुन से साफ करना होगा. रोगी के कपड़ों की सफाई करते वक्त ट्रिप्पल लेयर मास्क और डिस्पोजेबल दस्तानों का प्रयोग आवश्यक है.

पहले भी दी गई है होम आइसोलेशन की अनुमति

डीसी संदीप कुमार कहते हैं कि प्रशासन ने जिला ऊना में कुछ मामलों में पहले भी होम आइसोलेशन को अनुमति प्रदान की थी. अब राज्य सरकार ने भी कुछ मापदंडों के साथ इस व्यवस्था को लागू किया है. उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन में जाने के इच्छुक कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग के साथ संपर्क करना होगा. स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा किए जाने वाले मरीज के घर के निरीक्षण में निर्धारित मापदंडों के पूर्ण पाए जाने पर ही होम आइसोलेशन की अनुमति प्रदान की जाएगी. अन्यथा उसे जिला प्रशासन द्वारा चयनित कोविड केयर सेंटर में जाना होगा.

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