सोलन: आज के आधुनिक समय में जब कोई भी क्राइम होता है तो जांच में सबसे पहले पुलिस तीसरी आंख यानि सीसीटीवी का सहारा लेती है. सीसीटीवी कैमरे किसी चौकीदार से कम नहीं होते हैं.
किसी भी शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से रखना हो या फिर यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले वाहन चालकों पर नकेल कसनी हो, इसके लिए प्रशासन तीसरी आंख यानि सीसीटीवी कैमरे का इस्तेमाल करती है. सोलन शहर में भी तीसरी आंख से कई गतिविधियों पर नजर रखी जाती है. ट्रैफिक नियमों को सही ढंग से वाहन चालक पालन कर रहे हैं या नहीं, इस पर भी सीसीटीवी से नजर रखी जाती है. सीसीटीवी के आने से भले ही चोरियां ना रूकी हों लेकिन चोरों को पकड़ना काफी आसान हो गया है.
209 सरकारी कैमरों में से 43 खराब
ईटीवी भारत की टीम ने प्रदेश के सोलन शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की पड़ताल की. सोलन शहर में कुल 209 सरकारी कैमरे हैं, लेकिन इन 209 कैमरों में से 43 कैमरे खराब पड़े हैं. वहीं, प्राइवेट कैमरों की संख्या 2,896 है, जिसमें से 93 कैमरे खराब हैं.
एएसपी सोलन अशोक वर्मा ने बताया कि फोरलेन के काम के चलते कुछ कैमरे खराब पड़े हैं, जिन्हें जल्द ठीक कर लिया जाएगा. समय-समय पर व्यापारियों को भी अपनी दुकानों के अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए जाते हैं, ताकि यदि भविष्य में कभी उनके दुकानों में चोरी की वारदात सामने आए तो सीसीटीवी की मदद से चोर तक आसानी से पहुंचा जा सके.
कचरा फैलाने वालों पर सीसीटीवी से नजर
नगर निगम सोलन के कमिश्नर ने बताया कि जो लोग कूड़ा-कचरा फैलाते हैं, उन लोगों पर अब कैमरे से निगरानी रखी जाएगी. इसके अलावा जहां अतिक्रमण की समस्याएं हैं, वहां भी कैमरों से मॉनिटिरिंग की जाएगी.
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