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बद्दी नप के सफाई कर्मचारियों में रोष, कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार से किया मना - सफाई कर्मचारियों से करवाया कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार

बद्दी के सफाई कर्मचारी शनिवार को टेंपू यूनियन कार्यालय के समीप एकत्रित हुए और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की. कामगारों ने कहा कि उन्हें काम करते हुए 18 साल से अधिक समय हो गया है, लेकिन उन पर काम से निकाले जाने की तलवार हमेशा लटकी रहती है. वहीं, दो दशक से ठेकेदार के पास कार्य कर रहे इन मजदूरों ने उन्हें नियमित करने की मांग की है.

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Published : May 1, 2021, 7:38 PM IST

बद्दी/सोलन: नगर परिषद बद्दी में दो दशक से ठेकेदार के पास कार्य कर रहे मजदूरों ने उन्हें नियमित करने की मांग की है. मजदूरों ने कहा कि उनकी ड्यूटी कोविड रोगियों के अंतिम संस्कार कराने में लगती है. उन्होंने बताया कि उन्हें अभी कोरोना का टीका तक नहीं लगा है और न ही उनके लिए पीपीई किट की व्यवस्था की जाती है.

सफाई कर्मचारियों को सता रहा काम से निकाले जाने का डर

सफाई कर्मचारी टेंपू यूनियन कार्यालय के समीप एकत्रित हुए और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की. कामगारों ने कहा कि उन्हें काम करते हुए 18 साल से अधिक समय हो गया है, लेकिन उन पर काम से निकाले जाने की तलवार हमेशा लटकी रहती है.

वीडियो.

बिना पीपीई किट करवाया कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार

कर्मचारियों को कोविड रोगियों के शव लाने को कहा जाता है, जबकि उन्हें पूरी किट नहीं दी जाती. इससे उन पर इस बीमारी के संक्रमण लगने का खतरा बना हुआ है. शाम को वह अपने परिवार में जाते हैं. अगर उन्हें कुछ भी होता है तो उनकी परिवार की देखभाल कौन करेगा. उन्होंने नियमित करने की मांग की है.

शव ले जाने के लिए पूछा गया था, कोई जबरदस्ती नहीं की गई थी

सफाई ठेकेदार सौरभ ने बताया कि उनसे कोविड रोगियों के शव ले जाने के लिए पूछा गया था, उनके साथ कोई जबरदस्ती नहीं की गई है. अब दोबारा इन कामगारों को कोविड रोगियों के शव लाने को नहीं भेजा जाएगा. उन्होंने इसका अलग से प्रबंध कर लिया है.

ये भी पढ़ें: मंडी और फतेहपुर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने शुरू की कसरत, पर्यवेक्षक किए नियुक्त

बद्दी/सोलन: नगर परिषद बद्दी में दो दशक से ठेकेदार के पास कार्य कर रहे मजदूरों ने उन्हें नियमित करने की मांग की है. मजदूरों ने कहा कि उनकी ड्यूटी कोविड रोगियों के अंतिम संस्कार कराने में लगती है. उन्होंने बताया कि उन्हें अभी कोरोना का टीका तक नहीं लगा है और न ही उनके लिए पीपीई किट की व्यवस्था की जाती है.

सफाई कर्मचारियों को सता रहा काम से निकाले जाने का डर

सफाई कर्मचारी टेंपू यूनियन कार्यालय के समीप एकत्रित हुए और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की. कामगारों ने कहा कि उन्हें काम करते हुए 18 साल से अधिक समय हो गया है, लेकिन उन पर काम से निकाले जाने की तलवार हमेशा लटकी रहती है.

वीडियो.

बिना पीपीई किट करवाया कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार

कर्मचारियों को कोविड रोगियों के शव लाने को कहा जाता है, जबकि उन्हें पूरी किट नहीं दी जाती. इससे उन पर इस बीमारी के संक्रमण लगने का खतरा बना हुआ है. शाम को वह अपने परिवार में जाते हैं. अगर उन्हें कुछ भी होता है तो उनकी परिवार की देखभाल कौन करेगा. उन्होंने नियमित करने की मांग की है.

शव ले जाने के लिए पूछा गया था, कोई जबरदस्ती नहीं की गई थी

सफाई ठेकेदार सौरभ ने बताया कि उनसे कोविड रोगियों के शव ले जाने के लिए पूछा गया था, उनके साथ कोई जबरदस्ती नहीं की गई है. अब दोबारा इन कामगारों को कोविड रोगियों के शव लाने को नहीं भेजा जाएगा. उन्होंने इसका अलग से प्रबंध कर लिया है.

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