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राज्यपाल ने किया अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन, 15 राज्यों और 5 देशों के प्रतिनिधि ले रहे भाग - डॉ.वाई.एस विश्वविद्यालय

सोलन के डॉ.वाई.एस विश्वविद्यालय में कृषि, पर्यावरण पर आधरित द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. जिसका उद्घाटन प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
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Published : Sep 27, 2019, 9:24 PM IST

सोलन: कृषि पर्यावरण विकास सोसाइटी की ओर से शुक्रवार को डॉ. वाईएस परमार विश्वविद्यालय में कृषि, पर्यावरण एवं संबंधित विज्ञान में उद्यान प्रगति पर आधारित एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत हुई. इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया. इस सम्मेलन में 15 राज्यों और पांच देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.

इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि लोगों को मधुमक्खी पालन, जड़ी-बूटियों की खेती, कृषि, मुर्गी पालन और पशुपालन जैसी गतिविधियां अपनाने के प्रति प्रेरित किया जाना चाहिए. जिससे फसल न होने की स्थिति में किसानों को आय के वैकल्पिक साधन उपलब्ध हो सकें.

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राज्यपाल ने कहा कि भविष्य में नवीनतम प्रौद्योगिकी और सही नीतियां एक समान वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं. राज्यपाल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर एक ऐसी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए, जिससे प्रत्येक व्यक्ति को पेट भर भोजन मिल सके और प्राकृतिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना गरीबी को भी काफी हद तक कम किया जा सके.

राज्यपाल ने कहा कि कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सिंचाई की नई तकनीकों का भी प्रयोग किया जाना आवश्यक है. उन्होंने कहा किकृषि से जुड़े अन्य पहलुओं जैसे फसल उपरान्त प्रबन्धन और भण्डारण क्षमता बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. राज्यपाल ने ग्लोबल वार्मिंग पर भी चिंता जताते हुए कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए सभी को प्राकृतिक स्त्रोतों को बचाने के लिए आगे आना चाहिए.

सोलन: कृषि पर्यावरण विकास सोसाइटी की ओर से शुक्रवार को डॉ. वाईएस परमार विश्वविद्यालय में कृषि, पर्यावरण एवं संबंधित विज्ञान में उद्यान प्रगति पर आधारित एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत हुई. इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया. इस सम्मेलन में 15 राज्यों और पांच देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.

इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि लोगों को मधुमक्खी पालन, जड़ी-बूटियों की खेती, कृषि, मुर्गी पालन और पशुपालन जैसी गतिविधियां अपनाने के प्रति प्रेरित किया जाना चाहिए. जिससे फसल न होने की स्थिति में किसानों को आय के वैकल्पिक साधन उपलब्ध हो सकें.

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राज्यपाल ने कहा कि भविष्य में नवीनतम प्रौद्योगिकी और सही नीतियां एक समान वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं. राज्यपाल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर एक ऐसी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए, जिससे प्रत्येक व्यक्ति को पेट भर भोजन मिल सके और प्राकृतिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना गरीबी को भी काफी हद तक कम किया जा सके.

राज्यपाल ने कहा कि कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सिंचाई की नई तकनीकों का भी प्रयोग किया जाना आवश्यक है. उन्होंने कहा किकृषि से जुड़े अन्य पहलुओं जैसे फसल उपरान्त प्रबन्धन और भण्डारण क्षमता बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. राज्यपाल ने ग्लोबल वार्मिंग पर भी चिंता जताते हुए कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए सभी को प्राकृतिक स्त्रोतों को बचाने के लिए आगे आना चाहिए.

Intro:राज्यपाल ने किया नौणी विश्विद्यालय में कृषि, पर्यावरण एवं संबंधित विज्ञान में उद्यतन प्रगति’ पर आयोजित द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन ,15 राज्यों और 5 देशों के प्रतिनिधि ले रहे है भाग।


:-राज्यपाल ने विविध कृषि गतिविधियों से आय बढ़ाने पर बल दिया

:-वैश्विक स्तर पर एक ऐसी व्यवस्था बनाने की जरूरत,जिससे प्रत्येक को मिले पेट भर भोजन



कृषि-पर्यावरण विकास सोसाइटी (एइडीएस) द्वारा डाॅ. वाई.एस. परमार कृषि एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के सहयोग से आज सोलन में विश्व-विकास की दृष्टि से ‘कृषि, पर्यावरण एवं संबंधित विज्ञान में उद्यतन प्रगति’ (आरएएइएएसजीडी-2019) पर आयोजित द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कृषक गतिविधियों में विविधता लाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन, जड़ी-बूटियों की खेती, कृषि, मुर्गी पालन और पशुपालन जैसी गतिविधियां अपनाने के प्रति प्रेरित किया जाना चाहिए ताकि फसल न होने की स्थिति में किसानों को आय के वैकल्पिक साधन उपलब्ध हो सकें। इस सम्मेलन में 15 राज्यों और पांच देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे है।
Body:राज्यपाल ने कहा कि भविष्य में नवीनतम प्रौद्योगिकी और सही नीतियां एक सतत एवं समान वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। वैश्विक स्तर पर एक ऐसी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए, जिससे प्रत्येक को पेट भर भोजन मिल सके और प्राकृतिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना गरीबी को भी काफी हद तक कम किया जा सके।


वहीं राज्यपाल ने ग्लोबल वार्मिंग को बहुत बड़ा विषय बताया है जिससे निपटने के लिए सभी के लिए प्राकृतिक स्त्रोतों को बचाने की जरूरत है।
वही हिमाचल को प्लास्टिक फ्री स्टेट बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करने के लिए भी प्रयत्न किये जाएंगे।


Conclusion:राज्यपाल ने कहा कि कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सिंचाई की नई तकनीकों का भी प्रयोग किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कृषि से जुड़े अन्य पहलुओं जैसे फसल उपरान्त प्रबन्धन तथा भण्डारण क्षमता बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान देने को कहा।

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