सोलन: प्रदेश सरकार की ओर से बिजली की दरें को बढ़ाने के फैसले की कांग्रेस ने निंदा की हैं. कांग्रेस ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार लगातार लोगों की जेब पर डाका डालने का काम करती आई है. वहीं, तत्काल इस सब्सिडी को पहले के स्तर पर लाने की मांग की है.
कांग्रेस का कहना है कि पहले ही कोरोना के चलते हिमाचल में लोगों का जीवन अस्त व्यस्त चला हुआ है. किसान बागवान परेशान है. मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है, ऐसे में सरकार की ओर से महंगाई पर रोक न लगा पाना सरकार की नाकामी को दर्शाता है. सोलन के कांग्रेस नेताओं ने सरकार की ओर से इस फैसले की कड़ी निंदा की है.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रमेश चौहान का कहना है कि पूरे भारतवर्ष में कोरोना की वजह से इस समय सब बंद है. किसानों, मजदूरों और रेहड़ी फड़ी वालों को इन दिनों गुजर बसर करना मुश्किल हो गया है, लेकिन बीते दिनों प्रदेश सरकार की ओर से ली गई बैठक ने बिजली की दरों को बढ़ाने का जो निर्णय लिया है उससे आम जन को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
प्रदेश कांग्रेस समिति के सचिव विनोद सुल्तानपुरी ने कहा कि जिस तरह से सरकार महंगाई पर लगाम नहीं लगा पा रही है उसे देखकर लगता है कि सरकार जनता के सिर पर लाठी मार रही है. उन्होंने कहा कि यह समय जनता का सहयोग करने की है. प्रदेश की जयराम सरकार प्रदेश में जमीनी हकीकत से बहुत दूर है और लोगों के समस्याओं को समझ पाना उनके बस के बाहर है.
वहीं, सोलन के कांग्रेस नेता जगमोहन मल्होत्रा ने कहा कि बीजेपी की सरकार कंफ्यूज और फ्यूज हो चुकी है. आपसी लड़ाई को छुपाने के लिए वे मनचाहे फैसले जनता पर थोप रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने ही लिए फैसलों को समझ नहीं पा रही है.
बता दें कि प्रदेश सरकार की ओर से कैबिनेट बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया है कि प्रदेश में बिजली की दरों को बढ़ाया जाए. इसी फैसले को लेकर कांग्रेस तलख हो चुकी है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार इस फैसले को वापस ले, उनका कहना है कि बिजली की सब्सिडी में सरकार की ओर से की गई कटौती एक संवेदनहीन निर्णय है क्योंकि उपभोक्ता महामारी का सामना कर रहे हैं और अपनी नौकरी गंवा चुके हैं, ऐसे में सरकार को इस समय उनकी मदद करनी चाहिए ना कि लोगों की जेबों पर डाका डालना चाहिए.