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किसको मानें सच? सरकारी अस्पताल में युवक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव, निजी अस्पताल में निगेटिव

कोरोना की एक बार फिर तेजी से दस्तक के साथ टेस्टिंग की सुविधा और अधिक बढ़ा दी गई है. इसी बीच टेस्टिंग में एक लापरवाही का मामला भी सामने आया है. सरकारी लैब में युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई, लेकिन चंद घंटे बाद निजी अस्पताल में जांच में युवक की रिपोर्ट नेगेटिव आई. मामला डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज का है.

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Published : Apr 3, 2021, 12:34 PM IST

नाहन: कोरोना की एक बार फिर तेजी से दस्तक के साथ टेस्टिंग की सुविधा और अधिक बढ़ा दी गई है. इसी बीच टेस्टिंग में एक लापरवाही का मामला भी सामने आया है. सरकारी लैब में युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई, लेकिन चंद घंटे बाद निजी अस्पताल में जांच में युवक की रिपोर्ट नेगेटिव आई. मामला डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज का है.

युवक ने दो अस्पतालों में करवाई कोरोना जांच

जानकारी के अनुसार एक युवक की नाहन मेडिकल कॉलेज में स्थित लैब में जांच के दौरान कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई. इसके बाद युवक ने निजी अस्पताल में टेस्ट करवाया तो चंद घंटे में ही युवक की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई. लिहाजा दो अस्पतालों की अलग-अलग रिपोर्ट आने से युवक असमंजस में है. साथ ही कोविड टेस्टिंग पर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पताल में लिए गए सैंपल की दोबारा जांच करवाने की बात कही है.

कोरोना रिपोर्ट
सरकारी अस्पताल की कोरोना रिपोर्ट

दोनों में अस्पतालों में रिपोर्ट अलग

दरअसल 30 मार्च को शिलाई इलाके का एक युवक मेडिकल कॉलेज नाहन आया था, जिसे खांसी की शिकायत थी. मेडिकल कॉलेज में दाखिल होने के बाद उसे कोविड टेस्ट के लिए कहा गया. 31 मार्च को उसकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसी बीच युवक संतुष्ट नहीं हुआ, क्योंकि 25 मार्च को शिलाई में ही करवाए टेस्ट में उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी. लिहाजा युवक ने निजी अस्पताल में कोविड टेस्ट करवाया, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई.

कोरोना रिपोर्ट
निजी अस्पताल की कोरोना रिपोर्ट

होम आईसोलेशन में है युवक

वहीं, सीएमओ डॉ. केके पराशर ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. निजी अस्पताल प्रबंधन की ओर से लिए गए सैंपल की दोबारा जांच की जाएगी. इसके आदेश दिए गए हैं.

उधर पूछे जाने पर नाहन मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएल कौशिक ने बताया कि युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. उसे पॉजिटिव ही माना जाएगा. उसे चिकित्सक ने होम आईसोलेशन में रहने को कहा है. बता दें कि मेडिकल कॉलेज की लैब में तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं. यहां इसके विशेषज्ञ भी हैं, जबकि निजी अस्पताल में भी टेस्ट की सुविधाएं उपलब्ध हैं. बाकायदा एमसीआई ने भी मान्यता दी है. लिहाजा सही रिपोर्ट कौन सी है, इस पर असमंजस की भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

ये भी पढ़े: नगर निगम चुनाव में दावों और वादों का खेल शुरू, समस्याओं के समाधान की बात कर रहे उम्मीदवार

नाहन: कोरोना की एक बार फिर तेजी से दस्तक के साथ टेस्टिंग की सुविधा और अधिक बढ़ा दी गई है. इसी बीच टेस्टिंग में एक लापरवाही का मामला भी सामने आया है. सरकारी लैब में युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई, लेकिन चंद घंटे बाद निजी अस्पताल में जांच में युवक की रिपोर्ट नेगेटिव आई. मामला डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज का है.

युवक ने दो अस्पतालों में करवाई कोरोना जांच

जानकारी के अनुसार एक युवक की नाहन मेडिकल कॉलेज में स्थित लैब में जांच के दौरान कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई. इसके बाद युवक ने निजी अस्पताल में टेस्ट करवाया तो चंद घंटे में ही युवक की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई. लिहाजा दो अस्पतालों की अलग-अलग रिपोर्ट आने से युवक असमंजस में है. साथ ही कोविड टेस्टिंग पर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पताल में लिए गए सैंपल की दोबारा जांच करवाने की बात कही है.

कोरोना रिपोर्ट
सरकारी अस्पताल की कोरोना रिपोर्ट

दोनों में अस्पतालों में रिपोर्ट अलग

दरअसल 30 मार्च को शिलाई इलाके का एक युवक मेडिकल कॉलेज नाहन आया था, जिसे खांसी की शिकायत थी. मेडिकल कॉलेज में दाखिल होने के बाद उसे कोविड टेस्ट के लिए कहा गया. 31 मार्च को उसकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसी बीच युवक संतुष्ट नहीं हुआ, क्योंकि 25 मार्च को शिलाई में ही करवाए टेस्ट में उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी. लिहाजा युवक ने निजी अस्पताल में कोविड टेस्ट करवाया, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई.

कोरोना रिपोर्ट
निजी अस्पताल की कोरोना रिपोर्ट

होम आईसोलेशन में है युवक

वहीं, सीएमओ डॉ. केके पराशर ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. निजी अस्पताल प्रबंधन की ओर से लिए गए सैंपल की दोबारा जांच की जाएगी. इसके आदेश दिए गए हैं.

उधर पूछे जाने पर नाहन मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएल कौशिक ने बताया कि युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. उसे पॉजिटिव ही माना जाएगा. उसे चिकित्सक ने होम आईसोलेशन में रहने को कहा है. बता दें कि मेडिकल कॉलेज की लैब में तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं. यहां इसके विशेषज्ञ भी हैं, जबकि निजी अस्पताल में भी टेस्ट की सुविधाएं उपलब्ध हैं. बाकायदा एमसीआई ने भी मान्यता दी है. लिहाजा सही रिपोर्ट कौन सी है, इस पर असमंजस की भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

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