पांवटा साहिब/रोनहाट: नवजात शिशु को गोबर के ढेर में फेंकने वाले मामले को पुलिस ने महज 24 घंटे में ही सुलझा दिया है. जिसमें बच्ची को जन्म देने वाली मां की पहचान करके पुलिस ने बुधवार को उसका मेडिकल करवाया है.
जानकारी के अनुसार नवजात शिशु को जन्म देने वाली नाबालिग युवती स्कूल में पढ़ने वाली बारहवीं कक्षा की छात्रा है. जिसने लोकलाज के भय से जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु को गोबर के ढेर में फेंककर इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस घटना को अंजाम दिया है.
'जीजा ने उसके साथ दुष्कर्म किया था'
वहीं, लड़की ने अपने बयान में बताया है कि उसके जीजा ने उसके साथ दुष्कर्म (Rape) किया था जिसके बाद वो गर्भवती हो गई. दरअसल, रोनहाट उपतहसील की ग्राम पंचायत शंखोली के कमियारा-खड़काह गांव में मंगलवार को गोबर के ढेर के समीप लावारिस छोड़ी हुई एक नवजात बच्ची मिली थी. जिसे पुलिस ने कब्जे में लेकर उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया था.
पुलिस के लिए मां की पहचान करना एक बड़ी चुनौती थी
नवजात की जान बचाने के बाद पुलिस के लिए उसकी मां की पहचान करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी. मगर सिरमौर पुलिस (Sirmaur Police) ने महज चौबीस घंटों में ही मामला सुलझा कर नवजात शिशु को जन्म देने वाली मां को तलाश निकालने में कामयाबी हासिल की है.
मेडिकल बोर्ड में बच्ची के सेहत की जांच चल रही है
फिलहाल, नवजात बच्ची नाहन मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की देखरेख में स्वास्थ्य लाभ ले रही है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. मेडिकल सुपरिटेंडेंट की अध्यक्षता में बिठाए गए मेडिकल बोर्ड में बच्ची के सेहत की जांच चल रही है. जिसके बाद नवजात को आगामी देखरेख और पालन पोषण के लिए सिरमौर जिला की बाल कल्याण समिति को सुपुर्द किया जा सकता है.
आरोपित जीजा के खिलाफ मामला दर्ज
उधर, पांवटा साहिब के डीएसपी बीर बहादुर ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि नवजात (Newborn) को जन्म के बाद लावारिस छोड़ने पर लड़की के खिलाफ आईपीसी की धारा 317 और आरोपित जीजा के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की तफ्तीश की जा रही है.
ये था मामला
सिरमौर जिला के नागरिक उपमंडल शिलाई में शंखोली पंचायत के खड़काह-कमियारा गांव में मंगलवार सुबह करीब साढ़े सात बजे जब खेत में काम करने गए एक व्यक्ति को गोबर के ढेर के पास से बच्चे के रोने की आवाजें सुनाई दी. उसने देखा कि पत्थर के नीचे खून से सना हुआ एक नवजात शिशु दबा हुआ है. जिसके बाद पुलिस को मामले की सूचना दी गई. जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और मामले को 24 घंटे के भीतर ही सुलझा लिया गया है.
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