पांवटा साहिब: हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाले हर एक पेड़-पौधे में कोई ना कोई औषधीय गुण जरूर होता है. इसी तरह देवभूमि हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में पाए जाने वाली बिच्छू बूटी कई औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. बिच्छू बूटी को पहाड़ी भाषा में क्खुवा या कंडाली के नाम से भी जाना जाता है.
बिच्छू बूटी का प्रमुख उपयोग पहाड़ी भोजन में किया जाता है. लोगों का मानना है कि सर्द मौसम में बिच्छू बूटी खाने से शरीर काफी गर्म रहता है, क्योंकि बिच्छू बूटी की तासीर गर्म होती है. सिरमौर जिला के शिलाई क्षेत्र के लोग बिच्छू बूटी का भोजन करते हैं.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में बिच्छू बूटी की सबसे ज्यादा पैदावार होती है. कोमल कांटेदार पत्तों को छुने से मात्र से वृश्चिक दंश जैसी पीड़ा होने लगती है. यही वजह है कि इसका नाम बिच्छू बूटी है. जिन इलाकों में बर्फबारी ज्यादा होती है उस क्षेत्र में ये सबसे ज्यादा पाई जाती है. हास्यात्मक तरीके से पहाड़ी इलाकों में बिच्छू बूटी को बाल सुधार बूटी भी कहा जाता है.
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