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हिमाचल निर्माता के गृह क्षेत्र में खस्ताहाल सड़कें, उपचुनाव में बनीं मुद्दा - Elections to be held in the pachad

पच्छाद में होने वाले चुनाव को देखते हुए क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कें प्रमुख मुद्दा बनकर सामने आ रही है. ईटीवी से बातचीत करते हुए लोगों ने बताया कि सरकार चाहे किसी की भी रही हो, क्षेत्र के विकास की तरफ किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया.

हिमाचल निर्माता के गृह विस क्षेत्र में खस्ताहाल सड़कें, नहीं लेता कोई भी सुध
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Published : Oct 15, 2019, 10:14 AM IST

नाहन: हिमाचल के निर्माता डॉ. वाईएस परमार के विधानसभा क्षेत्र पच्छाद में सड़कों की खस्ताहाल से लोगों परेशान हैं. पच्छाद विधानसभा उप-चुनाव में क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कें बड़ा मुद्दा बनी हुई हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए स्थानीय लोगों ने अपनी परेशानियों के बारे में बताया.

बता दें कि उपचुनाव को लेकर प्रचार का सिलसिला जारी है. यहां तक कि सत्ताधारी दल भाजपा के कई मंत्री भी चुनावी प्रचार कर रहे हैं, वह भी इन्हीं खस्ताहाल सड़कों से गुजरते हुए इनकी हालात देख रहे हैं. रीना कश्पयप जहां पहली बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. वहीं, 7 बार के विधायक रह चुके गंगूराम मुसाफिर एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. लिहाजा दोनों ही राजनीतिक दलों के नेताओं पर लोग खस्ताहाल सड़कों को लेकर तंज कस रहे हैं.

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पच्छाद कि सड़कों की बात करें तो अधिकतर सड़कें खस्ताहाल पड़ी हैं. हैरानी की बात तो यह है कि हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार के घर बागथन को जाने वाला मुख्य सड़क मार्ग भी अपनी बदहाली पर आंसु बहा रहा है. सड़कों पर पड़े गड्ढे नेताओं की इस दिशा में बेरुखी को बयां करते हैं. ऐसे में सड़कें प्रमुख रुप से चुनावी मुद्दा बनी हुई हैं.

ईटीवी से बातचीत करते हुए राजगढ़ निवासी का कहना है कि इस क्षेत्र से हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार संबंध रखते थे. 7 बार के विधायक मुसाफिर सहित अन्य किसी ने भी यहां की सड़कों की तरफ ध्यान नहीं दिया. सरकार चाहे किसी की भी रही हो, क्षेत्र के विकास की तरफ किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया.

वहीं, पच्छाद के लानाभलटा निवासी का कहना है कि हर चुनाव में सड़कों का अहम मुद्दा होता है. सभी सड़कों की हालत सुधारने के नाम पर वोट मांगते हैं, लेकिन चुनाव बीतने के बाद सब भूल जाते हैं. पर्यटकों के साथ-साथ किसानों व स्थानीय लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ती हैं.

नाहन: हिमाचल के निर्माता डॉ. वाईएस परमार के विधानसभा क्षेत्र पच्छाद में सड़कों की खस्ताहाल से लोगों परेशान हैं. पच्छाद विधानसभा उप-चुनाव में क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कें बड़ा मुद्दा बनी हुई हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए स्थानीय लोगों ने अपनी परेशानियों के बारे में बताया.

बता दें कि उपचुनाव को लेकर प्रचार का सिलसिला जारी है. यहां तक कि सत्ताधारी दल भाजपा के कई मंत्री भी चुनावी प्रचार कर रहे हैं, वह भी इन्हीं खस्ताहाल सड़कों से गुजरते हुए इनकी हालात देख रहे हैं. रीना कश्पयप जहां पहली बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. वहीं, 7 बार के विधायक रह चुके गंगूराम मुसाफिर एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. लिहाजा दोनों ही राजनीतिक दलों के नेताओं पर लोग खस्ताहाल सड़कों को लेकर तंज कस रहे हैं.

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पच्छाद कि सड़कों की बात करें तो अधिकतर सड़कें खस्ताहाल पड़ी हैं. हैरानी की बात तो यह है कि हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार के घर बागथन को जाने वाला मुख्य सड़क मार्ग भी अपनी बदहाली पर आंसु बहा रहा है. सड़कों पर पड़े गड्ढे नेताओं की इस दिशा में बेरुखी को बयां करते हैं. ऐसे में सड़कें प्रमुख रुप से चुनावी मुद्दा बनी हुई हैं.

ईटीवी से बातचीत करते हुए राजगढ़ निवासी का कहना है कि इस क्षेत्र से हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार संबंध रखते थे. 7 बार के विधायक मुसाफिर सहित अन्य किसी ने भी यहां की सड़कों की तरफ ध्यान नहीं दिया. सरकार चाहे किसी की भी रही हो, क्षेत्र के विकास की तरफ किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया.

वहीं, पच्छाद के लानाभलटा निवासी का कहना है कि हर चुनाव में सड़कों का अहम मुद्दा होता है. सभी सड़कों की हालत सुधारने के नाम पर वोट मांगते हैं, लेकिन चुनाव बीतने के बाद सब भूल जाते हैं. पर्यटकों के साथ-साथ किसानों व स्थानीय लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ती हैं.

Intro:- सड़के बन रही चुनावी मुद्दा, भाजपा और कांग्रेस बना रहे विकास का नारा
- हिमाचल निर्माता के गृह विस क्षेत्र में खस्ताहाल सड़कें, नहीं लेता कोई भी सुध
- ईटीवी से बातचीत में बोलें पच्छादवासी, किसी सरकार ने नहीं ली सड़कों की सुध
- हिमाचल निर्माता के घर को जाने वाली सड़क ही बेहाल, तो अनु का तो होगा ही बुरा हाल
- खस्ताहाल सड़कों पर हादसों में लोग गांव आ रहे जान, पर नहीं किसी का ध्यान
नाहन। जिस क्षेत्र से कभी हिमाचल की राजनीति शुरू हुई थी उसी हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार के विधानसभा क्षेत्र में खस्ताहाल सड़कों ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा कर रखी हुई हैं। यह खस्ताहाल सड़कें चीख-चीख कर पच्छाद का विकास पूछ रही हैं, लेकिन भाजपा और कांग्रेस विकास का नारा बना रहे हैं। इस बार पच्छाद में में हो रहे चुनाव क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कें एक बार फिर प्रमुख मुद्दा बनकर सामने आ रही है। हालात ऐसे हैं कि कई सड़कें तो इतनी खतरनाक हो संकरण है कि सड़कों के किनारे पैराफिट तक नहीं है। ऐसे में अक्सर जान जोखिम में रहती है। ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए स्थानीय लोगों ने खस्ताहाल सड़कों के मुद्दे पर जमकर नेताओं की क्लास लगा रहे हैं।


Body:दरअसल इन दिनों उपचुनाव को लेकर जोर-शोर से चुनाव प्रचार हो रहा है। यहां तक कि सत्ताधारी दल भाजपा के कई मंत्री भी चुनावी प्रचार कर रहे हैं, वह भी इन्हीं खस्ताहाल सड़कों से गुजरते हुए हालात देख रहे हैं। वहीं 7 बार के विधायक रह चुके गंगूराम मुसाफिर एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में है। लिहाजा दोनों ही राजनीतिक दलों के नेताओं को लोग खस्ताहाल सड़कों को लेकर खरी-खोटी सुनाने वैसे भी प्रवेश नहीं कर रहे हैं।
पच्छाद कि सड़कों की बात करें तो अधिकतर सड़कें खस्ताहाल पड़ी है। हैरानी की बात तो यह है कि हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार के घर बागथन को जाने वाला मुख्य सड़क मार्ग भी अधिकतर सड़कों में तब्दील पड़ा है। कमोबेश यही हालात पूरे विधानसभा क्षेत्र की सड़कों के भी हैं। सड़कों पर पड़े गड्ढे नेताओं की इस दिशा में बेरुखी को बयां करते हैं। ऐसे में सड़कें प्रमुख रुप से चुनावी मुद्दा बनी हुई हैं।
ईटीवी से बातचीत करते हुए राजगढ़ निवासी का कहना है कि इस क्षेत्र से हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार संबंध रखते थे। 7 बार के विधायक मुसाफिर सहित अन्य किसी ने भी यहां की सड़कों की तरफ ध्यान नहीं दिया। सरकार चाहे किसी की भी रही हो, क्षेत्र के विकास की तरफ किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। पच्छाद कि जितनी भी सड़कें हैं बेहद ज्यादा खस्ताहाल में है। जबकि अन्य जिलों सहित अन्य विधानसभा क्षेत्रों में ऐसे हालात नहीं है। खस्ताहाल सड़कों से गुजरना मुश्किल हो जाता है। हादसे भी आए दिन पेश आते हैं।
बाइट 1 : राजगढ़ पच्छाद निवासी

वहीं पच्छाद के लानाभलटा निवासी का कहना है कि हर चुनाव में सड़कों का अहम मुद्दा होता है। सभी सड़कों की हालत सुधारने के नाम पर वोट मांगते हैं, लेकिन चुनाव बीतने के बाद सब भूल जाते हैं। पर्यटकों के साथ-साथ किसानों व स्थानीय लोगों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ती हैं। वाहनों को भी नुकसान पहुंचता है। लिहाजा जो भी चुनाव में जीत कर आए सड़कों की हालत पर विशेष ध्यान दें।
बाइट 2 : लानाभलटा पच्छाद निवासी

उधर पच्छाद निवासी अन्य व्यक्ति का कहना है कि दूसरे इलाकों के बजाय पच्छाद में सड़कों की हालत दयनीय है। बहुत कम सड़कें पक्की हैं और जो पक्की है, वह भी ना के बराबर हैं। केंद्र सरकार ने राजगढ़ से नहान के लिए जाने वाली सड़क को नेशनल हाईवे घोषित किया था, लेकिन इस दिशा में भी कुछ नहीं किया गया।
बाइट 3 : पच्छाद निवासी


Conclusion:कुल मिलाकर विकास का ढिंढोरा पीटते हुए चुनाव प्रचार के लिए हरेक क्षेत्र में घूम रहे नेताओं को भी सड़कों की दयनीय स्थिति शर्मसार जरूर कर रही होगी, लेकिन जनता जनार्दन चुनाव में नेताओं को जवाब देने के लिए तैयार बैठी है।
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