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श्री रेणुका जी झील की सुंदरता को लगेंगे चार चांद, परिक्रमा मार्ग को संवारने के लिए खर्च किए जा रहे 1 करोड़ 27 लाख रुपये - हिमाचल न्यूज

राज्य की सबसे बड़ी प्राकृतिक श्री रेणुका जी झील की सुंदरता को लगेंगे चार चांद. वन्य प्राणी विभाग ने झील की सफाई और परिक्रमा मार्ग को संवारने का काम किया शुरू.

रेणुका जी झील की सफाई का काम हुआ शुरू
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Published : Mar 29, 2019, 9:28 AM IST

नाहन: हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक श्री रेणुका जी झील की सुंदरता को जल्द चार चांद लगने वाले हैं. वन्य प्राणी विभाग द्वारा झील की सफाई का कार्य शुरू किया गया है. पवित्र झील की सफाई का कार्य प्रगति पर है और झील के परिक्रमा मार्ग को भी संवारा जा रहा है.

renovation work of renuka ji lake started
रेणुका जी झील की सफाई का काम हुआ शुरू

बता दें कि झील के अंतिम छोर में पिछले कई सालों से अजोला, लेंटेना, आईपोमिया नामक घास उगनी शुरू हो गई थी, जिसने झील के करीब आधा किलोमीटर हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया था. जिस कारण अब वन्य प्राणी विभाग झील की सफाई के कार्य में जुट गया है.

वन्य प्राणी विभाग के आरओ देवेंद्र सिंह ने बताया कि घास लगातार बढ़ रही थी, जिसके बाद इसको हटाने का फैसला लिया गया.उन्होंने बताया कि वन्य प्राणी विभाग द्वारा करीब 3 किलोमीटर लंबे परिक्रमा मार्ग को संवारने का काम किया जा रहा है ताकि पर्यटकों और श्रद्धालुओं को परिक्रमा के दौरान परेशानियों का सामना न करना पड़े.

renovation work of renuka ji lake started
रेणुका जी झील की सफाई का काम हुआ शुरू

आरओ देवेंद्र सिंह ने बताया कि परिक्रमा मार्ग को संवारने पर करीब एक करोड़ 27 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिसका जिम्मालोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है.

वहीं, वन्य प्राणी विभाग द्वारा शुरू किए गए इस कार्य की यहां पहुंचने वाले पर्यटक भी तारीफ कर रहे हैं. पर्यटकों का कहना है कि निश्चित तौर पर सौंदर्य करण को बढ़ावा मिलेगा, जो उनके लिए आकर्षण रहेगा.

जानकारी देते पर्यटक और वन्य प्राणी विभाग के आरोओ

बता दें कि श्री रेणुका जी में हर दिन न सिर्फ हिमाचल प्रदेश बल्कि पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड समेत कई राज्यों से भारी तादाद में लोग पहुंचते हैं, जिनके लिए रेणुका झील आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहती है. लोग इस झील में पवित्र स्नान भी करते हैं. ऐसे में झील के सौंदर्यकरण का कार्य सराहनीय है.

नाहन: हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक श्री रेणुका जी झील की सुंदरता को जल्द चार चांद लगने वाले हैं. वन्य प्राणी विभाग द्वारा झील की सफाई का कार्य शुरू किया गया है. पवित्र झील की सफाई का कार्य प्रगति पर है और झील के परिक्रमा मार्ग को भी संवारा जा रहा है.

renovation work of renuka ji lake started
रेणुका जी झील की सफाई का काम हुआ शुरू

बता दें कि झील के अंतिम छोर में पिछले कई सालों से अजोला, लेंटेना, आईपोमिया नामक घास उगनी शुरू हो गई थी, जिसने झील के करीब आधा किलोमीटर हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया था. जिस कारण अब वन्य प्राणी विभाग झील की सफाई के कार्य में जुट गया है.

वन्य प्राणी विभाग के आरओ देवेंद्र सिंह ने बताया कि घास लगातार बढ़ रही थी, जिसके बाद इसको हटाने का फैसला लिया गया.उन्होंने बताया कि वन्य प्राणी विभाग द्वारा करीब 3 किलोमीटर लंबे परिक्रमा मार्ग को संवारने का काम किया जा रहा है ताकि पर्यटकों और श्रद्धालुओं को परिक्रमा के दौरान परेशानियों का सामना न करना पड़े.

renovation work of renuka ji lake started
रेणुका जी झील की सफाई का काम हुआ शुरू

आरओ देवेंद्र सिंह ने बताया कि परिक्रमा मार्ग को संवारने पर करीब एक करोड़ 27 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिसका जिम्मालोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है.

वहीं, वन्य प्राणी विभाग द्वारा शुरू किए गए इस कार्य की यहां पहुंचने वाले पर्यटक भी तारीफ कर रहे हैं. पर्यटकों का कहना है कि निश्चित तौर पर सौंदर्य करण को बढ़ावा मिलेगा, जो उनके लिए आकर्षण रहेगा.

जानकारी देते पर्यटक और वन्य प्राणी विभाग के आरोओ

बता दें कि श्री रेणुका जी में हर दिन न सिर्फ हिमाचल प्रदेश बल्कि पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड समेत कई राज्यों से भारी तादाद में लोग पहुंचते हैं, जिनके लिए रेणुका झील आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहती है. लोग इस झील में पवित्र स्नान भी करते हैं. ऐसे में झील के सौंदर्यकरण का कार्य सराहनीय है.

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श्री रेणुका जी झील की सुंदरता को लगेंगे चार चांद
-प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है श्री रेणुका जी
-झील की सफाई का कार्य प्रगति पर
-लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है रेणुका झील 
-झील में फैली घास उखाड़ने का कार्य जोरों पर 
-इंटरलॉकिंग टाइलिंग पर 1 करोड़ 27 लाख हो रहे खर्चए
नाहन। हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक श्री रेणुका जी झील की सुंदरता को जल्द चार चांद लगने वाले हैं। एक और जहां पवित्र झील की सफाई का कार्य प्रगति पर है। वहीं झील के परिक्रमा मार्ग को भी संवारा जा रहा है।
दरअसल लाखों लोगों की आस्था व आकर्षण का केंद्र राज्य की सबसे बड़ी प्राकृतिक पवित्र रेणुका झील की सुंदरता को निखारा जा रहा है। वन्य प्राणी विभाग द्वारा जहां झील की सफाई का कार्य शुरू किया गया है। वहीं झील के परिक्रमा मार्ग को भी संवारने का कार्य लगभग अंतिम चरण में है। आपको बता दें कि झील के अंतिम छोर में पिछले कई सालों से अजोला, लेंटेना, आईपोमिया नामक घास उगनी शुरू हो गई थी, जिसने झील के करीब आधा किलोमीटर हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया था। वन्य प्राणी विभाग के आरओ देवेंद्र सिंह ने बताया कि घास लगातार बढ़ रही थी, जिसके बाद इसको हटाने का फैसला लिया गया। 
बाइट: देवेंद्र सिंह, आरओ वन्य प्राणी विभाग
देवेंद्र सिंह ने बताय कि वन्य प्राणी विभाग द्वारा करीब 3 किलोमीटर लंबे परिक्रमा मार्ग को संवारने का काम किया जा रहा है, ताकि पर्यटकों और श्रद्धालुओं को परिक्रमा के दौरान परेशानियों का सामना न करना पड़े। आरओ देवेंद्र सिंह ने बताया कि परिक्रमा मार्ग को सवारने पर करीब एक करोड़ 27 लाख रुपए की राशि खर्च की जा रही है, जिसका जिम्मा  लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है।
बाइट: देवेंद्र सिंह, आरओ वन्य प्राणी विभाग
वहीं वन्य प्राणी विभाग द्वारा शुरू किए गए इस कार्य की यहां पहुंचने वाले पर्यटक भी तारीफ कर रहे हैं। उनका कहना है कि निश्चित तौर पर सौंदर्य करण को बढ़ावा मिलेगा, जो उनके लिए आकर्षण रहेगा।
बाइट: पर्यटक
कुल मिलाकर श्री रेणुका जी में प्रतिदिन न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड सहित कई राज्यों से भारी तादाद में लोग पहुंचते हैं, जिनके लिए रेणुका झील आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहती है। वहीं लोग पवित्र स्नान भी करते हैं। ऐसे में झील के सौंदर्यकरण का कार्य सराहनीय है।

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