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साहिबजादा अजीत सिंह के प्रकाशोत्सव में कवि दरबार का आयोजित, जानिए क्यों मनाया जाता है ये पर्व

पांवटा साहिब में गुरु गोविंद सिंह के पहले बेटे अजीत सिंह के प्रकाश उत्सव  पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

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Published : Feb 12, 2019, 1:57 PM IST

गुरुद्वारा

नाहन: पांवटा साहिब में गुरु गोविंद सिंह के पहले बेटे अजीत सिंह के प्रकाश उत्सव पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया है.

बता दें कि पांवटा साहिब ही वो स्थान है, जहां रहते हुए गुरु गोविंद सिंह जी को युद्ध जीतने के बाद अपने इस पुत्र का जन्म हुआ था. साहिबजादा अजीत सिंह श्री चमकौर साहिब के युद्ध में मुगलों की सेना से लड़ते हुए शहीद हो गए थे.

गुरुद्वारा
गुरुद्वारा

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साहिबजादा अजीत सिंह की बदौलत ही सिखों की थोड़ी सी सेना ने चमकौर साहिब के युद्ध में मुगलों के विशाल सेना को हराकर जीत हासिल की थी. साहिबजादा अजीत सिंह की इसी बहादुरी और बलिदान को याद करते हुए पांवटा साहिब में इस वीर सपूत का प्रकाशोत्सव हर वर्ष बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.
गुरुद्वारा
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कुलवंत सिंह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मैनेजर ने बताया कि बसंत पंचमी के दिन साहिबजादा अजीत सिंह के प्रकाश पर्व की पूर्व संध्या पर भंगानी साहिब से पांवटा साहिब तक करीब 20 किलोमीटर तक नगर कीर्तन और फतेह मार्च और दिनभर भव्य लंगर का आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न राज्यों से आए रागी और दाडी जत्थों ने गुरबाणी का गुणगान किया.

नाहन: पांवटा साहिब में गुरु गोविंद सिंह के पहले बेटे अजीत सिंह के प्रकाश उत्सव पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया है.

बता दें कि पांवटा साहिब ही वो स्थान है, जहां रहते हुए गुरु गोविंद सिंह जी को युद्ध जीतने के बाद अपने इस पुत्र का जन्म हुआ था. साहिबजादा अजीत सिंह श्री चमकौर साहिब के युद्ध में मुगलों की सेना से लड़ते हुए शहीद हो गए थे.

गुरुद्वारा
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साहिबजादा अजीत सिंह की बदौलत ही सिखों की थोड़ी सी सेना ने चमकौर साहिब के युद्ध में मुगलों के विशाल सेना को हराकर जीत हासिल की थी. साहिबजादा अजीत सिंह की इसी बहादुरी और बलिदान को याद करते हुए पांवटा साहिब में इस वीर सपूत का प्रकाशोत्सव हर वर्ष बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.
गुरुद्वारा
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कुलवंत सिंह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मैनेजर ने बताया कि बसंत पंचमी के दिन साहिबजादा अजीत सिंह के प्रकाश पर्व की पूर्व संध्या पर भंगानी साहिब से पांवटा साहिब तक करीब 20 किलोमीटर तक नगर कीर्तन और फतेह मार्च और दिनभर भव्य लंगर का आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न राज्यों से आए रागी और दाडी जत्थों ने गुरबाणी का गुणगान किया.

साहिबजादा अजीत सिंह के प्रकाशोत्सव में कवि दरबार का आयोजन, देर रात तक चला कार्यक्रम
-पांवटा साहिब से है गुरू गोबिंद सिंह के प्रथम पुत्र का खास नाता 
नाहन। गुरू की नगरी पांवटा साहिब में श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के पहले पुत्र साहिबजादा अजीत सिंह के प्रकाश पूर्व पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। देर रात तक चले इन कार्यक्रमों में हजारों लोगों ने शिरकत की और गुरूद्वारा में शीश नवाया। साहिबजादा अजीत सिंह श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रथम पुत्र थे और पांवटा साहिब ही वह स्थान है, जहां रहते हुए गुरू गोबिंद सिंह जी को युद्ध जीतने के बाद अपने इस पुत्र के जन्म की सूचना मिली थी। साहिबजादा अजीत सिंह श्री चमकौर साहिब के युद्ध में मुगलों की सेना से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। उनकी बहादुरी की बदौलत ही सिखों की थोड़ी सी सेना ने चमकौर साहिब के युद्ध में मुगलों के विशाल सेना को हराकर जीत हासिल की थी। साहिबजादा अजीत सिंह की इसी बहादुरी और बलिदान को याद करते हुए पांवटा साहिब में इस वीर सपूत का प्रकाशोत्सव हर वर्ष बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। 
बाइट: कुलवंत सिंह मैनेजर, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी
बसंत पंचमी के दिन साहिबजादा अजीत सिंह के प्रकाश पर्व की पूर्व संध्या पर भंगानी साहिब से पांवटा साहिब तक लगभग 20 किलोमीटर का नगर कीर्तन और फतेह मार्च आयोजित किया गया था। वहीं गुरूद्वारा में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित की गए। इस उपलक्ष में दिनभर भव्य लंगर का आयोजन किया गया। जबकि देर शाम को गुरुद्वारे के मुख्य हॉल में विशेष कवि दरबार एवं भजन कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों से आए रागी और दाडी  जत्थों ने गुरबाणी का गुणगान किया। प्रकाशोत्सव पर पांवटा साहिब में अन्य राज्यों से भी हजारों की संख्या में संगतें पहुंची।
बाइट: कुलवंत सिंह, मैनेजर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी


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