राजगढ़ः उत्तर भारत के एक मात्र कन्या इंटरनल विश्व विद्यालय बड़ू साहिब में हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से कौशल विकास परियोजना की शुरूआत 8 फरवरी से की जा रही है. इसके अंतर्गत पहले चरण में 30 छात्राओं का चयन किया गया है. 15 छात्राओं को गुणवत्ता नियंत्रण बायोलॉजिस्ट प्रोग्राम के तहत और 15 छात्राओं को लैब तकनीशियन के तौर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन सभी छात्राओं का चयन हिमकोस्ट द्वारा मेरिट के आधार पर किया गया है.
4.5 करोड़ की इस कौशल विकास परियोजना में प्रदेश के कुल 8 सर्वश्रेष्ठ अनुसंधान प्रयोगशालाओं और शैक्षणिक संस्थाओं में इंटरनल यूनिवर्सिटी बड़ू साहिब को भी चुना गया है.
गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण प्रदान करना है मुख्य उद्देश्य
हालांकि यह परियोजना भारत सरकार की है, लेकिन हिमाचल में सरकार की देखरेख में ये योजना चलेगी. इस स्वीकृत योजना का मुख्य उद्देश्य जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 12वीं व स्नातक के विद्यार्थियों को जैव प्रौद्योगिकी के उपकरणों और तकनीकों का गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण प्रदान करना है.
छात्रों को जैव प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में दिया जाएगा प्रशिक्षण
भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग डीबीटी ने जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षित युवाओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने पर गुणवत्ता शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कौशल विकास विज्ञान कार्यक्रम शुरू किया है. इस कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को जैव प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा.
चयनित विद्यार्थियों को दी शुभकामनाएं
इस कार्यक्रम के समन्वयक इंटरनल यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर व विभाग के अध्यक्ष सूक्ष्म जीव विज्ञान नसीब सिंह होंगे. जबकि इंटरनल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. अमरीक सिंह कार्यक्रम की जरूरी निगरानी में होंगे. विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. दविंदर सिंह ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर चलते रहने चाहिए ताकि मेघावी छात्र-छात्राओं को इन कार्यक्रमों से लाभ मिल सके. उन्होंने 30 चयनित विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी और उनके उज्वल भविष्य की कामना की.
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