पांवटा साहिब: जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में एक साथ दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. नेपाली मूल के मान सिंह को उसकी पत्नी कुछ साल पहले ही तलाक देकर अलग हो गई थी. जिसके बाद मानसिंह ही अपने बेटे की देखभाल करता था लेकिन मान सिंह की मौत के बाद से 12 साल के मासूम पर दुखों का पहड़ा टूट कर गिर पड़ा है.
12 साल के बच्चे का जीने का सहारा उसके पिता ही थे, लेकिन शनिवार (30 मई) को उनकी भी मौत हो गई. ना खाने के लिए अन्न और ना ही रहने का साधन ऐसी परिस्थिति में मासूम दर-दर भटकने को मजबूर हो गया था. ऐसे में समाजसेवी और लाशों के मसीहा नाम से प्रसिद्ध हेमंत शर्मा ने हाथ बढ़ाकर पहले मान सिंह का अंतिम संस्कार में साथ दिया. उसके बाद 12 साल के बच्चे का खाने के साथ रहने का इंतजाम किया.
बेसहारा को गोद लेने आ रहे लोग
सिरमौर जिले के पांवटा साहिब के निजी होटल में काम कर रहे नेपाली मूल के व्यक्ति की मृत्यु के बाद बच्चे को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. इसके लिए हेमंत शर्मा ने एडॉप्शन कानून के तहत प्रक्रिया शुरू कर दी है. कई लोग इस मासूम बच्चे को गोद लेने के लिए आगे आ रहे हैं. ऐसे में मान सिंह जहां काम करता था उस दुकान के मालिक ने इस बच्चे को गोद लेने की इच्छा सबसे पहले जाहिर की. कानूनी प्रक्रिया को पूरी करने के बाद इस मासूम बच्चे को सहारा मिल सकेगाि. फिलहाल हेमंत शर्मा ने मासूम बच्चे को अपने साथ ही रखा है. ताकि इस बीच में बच्चों को भटकना न पड़े.
सब जगह हो रही तारीफ
मामला सामने आने के बाद शहर में जिसको भी इस बात का पता चल रहा है. सभी लोग समाजसेवी हेमंत शर्मा सहित जिन लोगों ने बच्चे की सहायता की उनकी तारीफ कर रहे हैं. वहीं, कई लोगों ने बच्चे को गोद लेने के लिए भी हाथ आगे बढ़ाया है.
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