नाहन: कोरोना की जंग के बीच स्वास्थ्य विभाग में कथित घोटालों के बाद कांग्रेस लगातार सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है. रविवार को नाहन में आयोजित पत्रकारवार्ता में शिलाई विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस्तीफा देने की मांग की है. इस दौरान विधायक ने जयराम सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कई गंभीर आरोप भी लगाए.
स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के पास, तो जयराम ठाकुर दे पद से इस्तीफा
मीडिया से बात करते हुए विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में कोरोना की इस जंग के बीच बहुत सारे घोटाले सामने आए हैं. प्रदेश सचिवालय में ऊंचे दामों पर सेनिटाइजर खरीदा गया है.
स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर को 5 लाख की रिश्वत मांगने के आरोप में दबोचा गया, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर विजिलेंस की जांच के आदेश जारी किए गए हैं. 3 लाख रूपए के वेंटिलेटर 10 लाख रुपए में खरीदे गए हैं. आईजीएमसी में सप्लायर ने घटिया पीपी किट जब ऊंचे दाम पर सप्लाई की, तो प्रिंसिपल ने उन्हें लेने से मना कर दिया. इस पर प्रिंसिपल को उनके पद से हटा दिया गया.
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कुछ ऐसी बातें है, जो पिछले कुछ अरसे में प्रदेश में सामने आई हैं. ऐसे में जब स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के पास है, तो नैतिकता के आधार पर जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना चाहिए.
राज्यपाल से मुख्यमंत्री को पद से हटाने की मांग, बिंदल पर भी साधा निशाना
इस दौरान कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में कथित घोटालों को लेकर बीजेपी नेता डॉ. राजीव बिंदल का नाम आने पर उन्हें भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देना पड़ा. डॉ. राजीव बिंदल की इस घोटाले में संलिप्तता न होने पर वे त्यागपत्र नहीं देते.
कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्यपाल से मांग करती है कि मुख्यमंत्री को उनके पद से हटाया जाए और हाईकोर्ट के सिटिंग जज से स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटालों की जांच करवाई जाए.
जनता को बुनियादी सुविधाएं देने में जयराम सरकार रही विफल
पत्रकार वार्ता में विधायक हर्षवर्धन चौहान ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान जयराम सरकार बुनियादी सुविधाएं जनता को प्रदान करने में पूरी तरह से विफल रही है. कोरोना काल में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े बहुत से लोग आज बेरोजगार हो गए हैं. कांग्रेस पार्टी सरकार से मांग करती है कि ऐसे लोगों की सूची बनाई जाए और हर व्यक्ति को 10 हजार रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए.
कुल मिलाकर स्वास्थ्य विभाग में कथित घोटालों को लेकर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और वह लगातार मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहा है.
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