नाहन: उत्तर भारत की प्रसिद्ध दिव्य शक्तिपीठ त्रिलोकपुर की धरती पर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जन्मस्थली राजस्थान के मेवाड़ के कुंभलगढ़ किला से माटी का कलश लाया गया. इस दौरान सिरमौर के राजपूत समुदाय ने जिला स्तरीय महाराणा प्रताप की जयंती समारोह का आयोजन किया गया.
राजपूत समुदाय का चार सदस्यीय दल द्वारा महाराणा प्रताप की जन्मस्थली से ये कलश लाया गया है. कलश को महाराणा प्रताप जयंती समारोह में त्रिलोकपुर पहुंचाया गा. इससे पूर्व 6 किलोमीटर कालाअंब से त्रिलोकपुर ने राजपूत समुदाय द्वारा विशाल रैली निकाली गई.
कार्यक्रम में अफगानिस्तान के कंधार से पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लाने वाले शेर सिंह राणा बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान शेर सिंह ने कुंभलगढ़ की वीरभूमि की मिट्टी से माथे पर तिलक लगा कर नमन किया. शेर सिंह राणा ने कहा कि महाराणा प्रताप एक ऐतिहासिक महापुरूष हैं.
शेर सिंह राणा ने कहा कि महाराणा प्रताप की जन्मस्थली कुंभलगढ़ से वहां की पावन माटी को लेकर राजपूत समुदाय के लोग कई सौ किलोमीटर दूर से यहां लाए हैं. वीर सपूत की मिट्टी से उनका तिलक करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप हमारे आदर्श हैं और पूरे देश के आदर्श हैं. साथ ही शेर सिंह ने सभी से महाराणा प्रताप द्वारा दिखाए रास्ते पर चलने की अपील की.
वहीं, कार्यक्रम में शामिल हुए राजपूत नेता दिनेश चौधरी ने बताया कि इस मिट्टी को सिरमौर लाने का उद्देश्य वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की मूर्ति के शिलान्यास में इस्तेमाल करना है. उन्होंने कहा कि जब ये तय हो जाएगा कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा कहां स्थापित होगी, तो उस स्थान पर इस मिट्टी से भूमि पूजन होगा.
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