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राजस्थान से महाराणा प्रताप की जन्मस्थली की मिट्टी लेकर सिरमौर पहुंचे राजपूत, धूमधाम से मनाई जयंती - road show

सिरमौर के राजपूत समुदाय द्वारा मंगलवार को जिला स्तरीय महाराणा प्रताप की जयंती समारोह का आयोजन किया गया. जिस दौरान 6 किलोमीटर कालाअंब से त्रिलोकपुर तक राजपूत समुदाय ने विशाल रैली निकाली.

धूमधाम से मनाई गई महाराणा प्रताप जयंती
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Published : May 21, 2019, 7:29 PM IST

नाहन: उत्तर भारत की प्रसिद्ध दिव्य शक्तिपीठ त्रिलोकपुर की धरती पर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जन्मस्थली राजस्थान के मेवाड़ के कुंभलगढ़ किला से माटी का कलश लाया गया. इस दौरान सिरमौर के राजपूत समुदाय ने जिला स्तरीय महाराणा प्रताप की जयंती समारोह का आयोजन किया गया.

Maharana Pratap's birth anniversary celebration
कलश में राजस्थान के कुंभलगढ़ से लाई गई मिट्टी

राजपूत समुदाय का चार सदस्यीय दल द्वारा महाराणा प्रताप की जन्मस्थली से ये कलश लाया गया है. कलश को महाराणा प्रताप जयंती समारोह में त्रिलोकपुर पहुंचाया गा. इससे पूर्व 6 किलोमीटर कालाअंब से त्रिलोकपुर ने राजपूत समुदाय द्वारा विशाल रैली निकाली गई.

Maharana Pratap's birth anniversary celebration
राजपूत समुदाय ने निकाली विशाल रैली

कार्यक्रम में अफगानिस्तान के कंधार से पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लाने वाले शेर सिंह राणा बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान शेर सिंह ने कुंभलगढ़ की वीरभूमि की मिट्टी से माथे पर तिलक लगा कर नमन किया. शेर सिंह राणा ने कहा कि महाराणा प्रताप एक ऐतिहासिक महापुरूष हैं.

धूमधाम से मनाई गई महाराणा प्रताप जयंती

शेर सिंह राणा ने कहा कि महाराणा प्रताप की जन्मस्थली कुंभलगढ़ से वहां की पावन माटी को लेकर राजपूत समुदाय के लोग कई सौ किलोमीटर दूर से यहां लाए हैं. वीर सपूत की मिट्टी से उनका तिलक करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप हमारे आदर्श हैं और पूरे देश के आदर्श हैं. साथ ही शेर सिंह ने सभी से महाराणा प्रताप द्वारा दिखाए रास्ते पर चलने की अपील की.

Maharana Pratap's birth anniversary celebration
कुंभलगढ़ की मिट्टी से शेर सिंह राणा का तिलक

वहीं, कार्यक्रम में शामिल हुए राजपूत नेता दिनेश चौधरी ने बताया कि इस मिट्टी को सिरमौर लाने का उद्देश्य वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की मूर्ति के शिलान्यास में इस्तेमाल करना है. उन्होंने कहा कि जब ये तय हो जाएगा कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा कहां स्थापित होगी, तो उस स्थान पर इस मिट्टी से भूमि पूजन होगा.

Maharana Pratap's birth anniversary celebration
कलश में राजस्थान के कुंभलगढ़ से लाई गई मिट्टी

पढ़ें- यहां पानी के लिए मचा हाहाकार, 6 किमी दूर जाकर भी खाली खनक रहे बर्तन

पढ़ें- 10th और 12वीं में फेल हुए छात्रों के लिए सुनहरा मौका, 1 जून से एग्जाम लेगा बोर्ड

पढ़ें- पांवटा साहिब में पानी के गड्ढे में गिरा तीन साल का मासूम, दर्दनाक मौत

नाहन: उत्तर भारत की प्रसिद्ध दिव्य शक्तिपीठ त्रिलोकपुर की धरती पर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जन्मस्थली राजस्थान के मेवाड़ के कुंभलगढ़ किला से माटी का कलश लाया गया. इस दौरान सिरमौर के राजपूत समुदाय ने जिला स्तरीय महाराणा प्रताप की जयंती समारोह का आयोजन किया गया.

Maharana Pratap's birth anniversary celebration
कलश में राजस्थान के कुंभलगढ़ से लाई गई मिट्टी

राजपूत समुदाय का चार सदस्यीय दल द्वारा महाराणा प्रताप की जन्मस्थली से ये कलश लाया गया है. कलश को महाराणा प्रताप जयंती समारोह में त्रिलोकपुर पहुंचाया गा. इससे पूर्व 6 किलोमीटर कालाअंब से त्रिलोकपुर ने राजपूत समुदाय द्वारा विशाल रैली निकाली गई.

Maharana Pratap's birth anniversary celebration
राजपूत समुदाय ने निकाली विशाल रैली

कार्यक्रम में अफगानिस्तान के कंधार से पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लाने वाले शेर सिंह राणा बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान शेर सिंह ने कुंभलगढ़ की वीरभूमि की मिट्टी से माथे पर तिलक लगा कर नमन किया. शेर सिंह राणा ने कहा कि महाराणा प्रताप एक ऐतिहासिक महापुरूष हैं.

धूमधाम से मनाई गई महाराणा प्रताप जयंती

शेर सिंह राणा ने कहा कि महाराणा प्रताप की जन्मस्थली कुंभलगढ़ से वहां की पावन माटी को लेकर राजपूत समुदाय के लोग कई सौ किलोमीटर दूर से यहां लाए हैं. वीर सपूत की मिट्टी से उनका तिलक करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप हमारे आदर्श हैं और पूरे देश के आदर्श हैं. साथ ही शेर सिंह ने सभी से महाराणा प्रताप द्वारा दिखाए रास्ते पर चलने की अपील की.

Maharana Pratap's birth anniversary celebration
कुंभलगढ़ की मिट्टी से शेर सिंह राणा का तिलक

वहीं, कार्यक्रम में शामिल हुए राजपूत नेता दिनेश चौधरी ने बताया कि इस मिट्टी को सिरमौर लाने का उद्देश्य वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की मूर्ति के शिलान्यास में इस्तेमाल करना है. उन्होंने कहा कि जब ये तय हो जाएगा कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा कहां स्थापित होगी, तो उस स्थान पर इस मिट्टी से भूमि पूजन होगा.

Maharana Pratap's birth anniversary celebration
कलश में राजस्थान के कुंभलगढ़ से लाई गई मिट्टी

पढ़ें- यहां पानी के लिए मचा हाहाकार, 6 किमी दूर जाकर भी खाली खनक रहे बर्तन

पढ़ें- 10th और 12वीं में फेल हुए छात्रों के लिए सुनहरा मौका, 1 जून से एग्जाम लेगा बोर्ड

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Intro: -महाराणा प्रताप की जयंती पर जिला स्तरीय समारोह में शिरकत करने पहुंचे शेर सिंह राणा 
-अफगनिस्तान से पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लाए थे शेर सिंह राणा 
-त्रिलोकपुर में धूमधाम से मनाया गया जिला स्तरीय जयंती समारोह 
नाहन। उत्तर भारत की प्रसिद्ध दिव्य शक्तिपीठ त्रिलोकपुर की धरती पर वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप की जन्मस्थली राजस्थान के मेवाड़ के कुंबलगढ़ किला से ‘‘माटी’’ का कलश लाया गया। इस दौरान सिरमौर के राजपूत समुदाय द्वारा जिला स्तरीय महाराणा प्रताप की जयंती समारोह का आयोजन किया गया। दरअसल राजपूत समुदाय का चार सदस्यीय दल द्वारा महाराणा प्रताप की जन्मस्थली से यह कलश लाया गया। इसके बाद कलश महाराणा प्रताप जयंती समारोह में त्रिलोकपुर पहुंचा। इससे पूर्व 6 किलोमीटर कालाअंब से त्रिलोकपुर ने राजपूत समुदाय द्वारा विशाल रैली निकाली गई।


Body:कार्यक्रम में अफगानिस्तान के कंधार से पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां लाने वाले राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेर सिंह राणा बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान शेर सिंह का कुंभलगढ़ की वीरभूमि की मिट्टी से माथे पर तिलक किया गया। 
इस मौके पर मुख्यातिथि शेर सिंह राणा ने कहा कि महाराणा प्रताप एक ऐतिहासिक महापुरूष है। यहां उनका जयंती मनाई जा रही है। कार्यक्रम की जो खास बात है, वह यह है कि महाराणा प्रताप की जन्मस्थली कुंभलगढ़ से वहां की पावन माटी को लेकर राजपुत समुदाय के लोग कई सौ किलोमीटर दूर से यहां लाए हैं। वीर सपूत की मिट्टी से उनका तिलक करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप हमारे आदर्श है। पूरे देश के आदर्श है। उन्होंने सभी से अपील की कि महाराणा प्रताप द्वार दिखाए रास्ते में चलें, जैसे उन्होंने देश व समाज के लिए सभी को साथ लेकर लड़ाई लड़ी।  
बाइट: शेर सिंह राणा, मुख्यातिथि 

उधर राजपूत बिरादरी के नेता दिनेश चौधरी ने बताया कि इस मिट्टी को सिरमौर लाने का उदेश्य वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप की मूर्ति के शिलान्यास में इस्तेमाल करना है। उन्होंने कहा कि जब यह तय हो जाएगा कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा कहां स्थापित होगी, तो उस स्थान पर इस मिट्टी से भूमि पूजन होगा।
बाइट: दिनेश  चौधरी, राजपूत समुदाय नेता 


Conclusion:
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