नाहन: आचार संहिता खत्म होने के साथ ही प्रदेश में एक बार फिर से जनमंच का दौर शुरू हो गया है. इसी कड़ी में हिमाचल निर्माता एवं प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार के गृह क्षेत्र बागथन में पहली बार जन मंच का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस दौरान डीसी शर्मा ललित जैन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे. जनमंच के दौरान हिमाचल निर्माता यशवंत सिंह परमार के गृह क्षेत्र के आसपास की 11 पंचायतों के लोगों ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने समस्याएं रखी.
गौर रहे कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में यह पहला मौका था जब जनमंच कार्यक्रम हिमाचल निर्माता के गृह क्षेत्र में आयोजित किया. इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल कई शिकायतों को लेकर अफसरों तल्ख नजर आए. लिहाजा जल्द से जल्द अधिकारियों को शिकायतों पर मौके पर ही कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए. अधिकतर मामलों का निपटारा मौके पर ही किया गया. अधिकतर शिकायतें पेयजल समस्या से संबंधित रही. जनमंच कार्यक्रम के दौरान पच्छाद निवार्चन की 11 पंचायतें लाना-बांका, लाणा-भल्टा, डिंगर-किन्नर, वासनी, चमेंजी, बजगा, मानगढ़, जयहर, नेरी नावण, बागथन और धार टिक्करी पंचायत के लोगों की शिकायतों व समस्याओं को सुना गया.
इस मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने हिमाचल निर्माता डॉ यशवंत सिंह परमार को याद करते हुए कहा कि आज हिमाचल निर्माता के गृह क्षेत्र में यह जनमंच कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. यह क्षेत्र हिमाचल निर्माता डॉ परमार की जन्म स्थली है. डॉ परमार ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य बनाने की दिशा में सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान दिया. डॉ यशवंत सिंह परमार जैसे महान पुरुष की जन्म स्थली पर जनमंच का कार्यक्रम आयोजित कर आनंद की अनुभूति हो रही है.
बिंदल ने कहा कि जनमंच कार्यक्रम वर्तमान जयराम सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना है, जिसमें लोगों की समस्याओं का मौके पर निपटारा किया जाता है. विभिन्न विभागों के अधिकारियों जनमंच में मौजूद रहे और लोगों की समस्याओं का मौके पर ही निपटारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रमाण पत्र जनमंच के दौरान बनाए जा रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हर महीने जनमंच कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जो कि सरकार को जनता के नजदीक लेकर आता है. सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने में यह कार्यक्रम अहम रहता है. जनता का विश्वास बढ़ता है ताकि वह जन मंच के माध्यम से अपनी शिकायतें रख सकें.
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