पांवटा: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पांटवा ब्लाक (Paonta Sahib block) द्वारा एक अनोखी पहल शुरू की गई है. इस पहल से जहां शहरी इलाकों में लोगों को पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद चखने को मिलेगा. वहीं, स्वयं सहायता समूह में काम कर रही महिलाओं को भी अच्छा रोजगार मिलेगा. इसी कड़ी में शुक्रवार को पांवटा ब्लॉक कार्यालय में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए एक शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें हिमाचल प्रदेश में बनाए जाने वाले पहाड़ी व्यंजनों (Traditional food of Himachal) के फायदे के बारे में महिलाओं को जानकारी दी गई.
इस कार्यक्रम में ब्लॉक कार्यलय की टीम सहित अन्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने भी भाग लिया. इस दौरान महिलाओं ने बताया कि उन्होंने खीर, पटांड़े, बढोली, सिडडू, चिलड़े, घी-शक्कर, भगजीरा वाली मिठ्ठी रोटी, खोया तिल शक्कर, लुशक, अशकली, साग और मक्की की रोटी, मक्खन, लस्सी, मंडवे की रोटी, झंगुरे की खीर, अरसा, भांग की चटनी, बाड़ी कंडाली, फाणु, गहत के परांठे और प्रमुख व्यंजन बनाए थे.
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने कहा कि इस तरह के आयोजन उनके लिए मददगार साबित होते हैं. इससे जहां उन्हें उत्पाद बेचकर अच्छी आमदनी होती है. वहीं, इस तरह के आयोजनों में पहुंचकर उन्हें कई तरह की जानकारियां भी मिलती हैं. महिलाओं ने बताया कि फूड फेस्टिवल (Food festival in Paonta block) के लिए उन्होंने कई प्रकार के पहाड़ी व्यंजन तैयार किए हैं और यहां आकर उन्हें बेहद खुशी हुई है. पांवटा ब्लॉक अधिकारी प्रकाश जोशी ने बताया कि उपायुक्त सिरमौर के आदेशानुसार इस शिविर का आयोजन किया गया था.
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में 700 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (women self help group Paonta Sahib) ने भाग लिया. इन महिलाओं ने पहाड़ी व्यंजन बनाकर यहां तक लाए और लोगों से इसकी जानकारी भा साझा की. उन्होंने कहा आने वाले समय में पांवटा ब्लॉक द्वारा पहाड़ी व्यंजनों को मोबाइल वैन के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाएगा, ताकि महिलाओं को अच्छा मुनाफा मिल सके.
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