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पांवटा साहिब में धान खरीद केंद्र नहीं, हरियाणा की मंडियों में फसल बेच रहे किसान - धान खरीद केंद्र

पांवटा साहिब में धान खरीद केंद्र न होने के कारण किसानों कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए हरियाणा का रूख करना पड़ रहा है.

Farmers selling crops in Haryana in Paonta Sahib
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Published : Nov 15, 2019, 8:20 AM IST

पांवटा साहिब: जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में धान खरीद केंद्र न होने के कारण किसानों कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए हरियाणा का रूख करना पड़ रहा है. इससे किसानों का दूसरे राज्य तक फसल पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट के अतिरिक्त खर्चे का भार पड़ रहा है.

किसानों की शिकायत है कि प्रदेश सरकार राशन के डिपुओं के लिए हरियाणा से चावल खरीद रही है, लेकिन प्रदेश के धान किसानों को सरकार सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा पा रही. सरकार के हिमाचल में ही धान खरीदने पर किसानों को दूसरे राज्यों का रूख नहीं करना पड़ेगा. इससे उनकी आमदनी में इजाफा होगा.

वीडियो रिपोर्ट.

दूसरे राज्यों की मंडियों में जाकर किसान 1835 वाला धान 1600 रुपये में बेचने को मजबूर हो रहे हैं. साथ ही 2 से 3 हजार रुपये तक खेतों से हरियाणा की मंडियों में पहुंचाने की लागत भी आ रही है. पांवटा साहिब किसानों ने सरकार से कई बार मांग की है कि पांवटा साहिब में धान खरीद केंद्र खोला जाए, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

पांवटा में फसल पर आधारित उद्योग खोले जाने पर किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इससे किसानों को अपने घर के नजदीक ही अपनी फसल बेचने का अवसर मिलेगा. किसानों का आरोप है कि मोदी सरकार किसानों के लिए तरह-तरह की योजनाएं ला रही है, वहीं प्रदेश सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है.

उपायुक्त सिरमौर आर के परुथी ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने कहा कि किसानों के हित के लिए कार्य किया जाएगा. पांवटा के किसानों की समस्या दूर करने के लिए कोई न कोई सही योजना बनाई जाएगी, ताकि किसानों को दोबारा परेशान न होना पड़े.

ये भी पढ़ें: एक्शन मोड पर सिरमौर पुलिस, SP बोले- नशा माफियाओं को नहीं बख्शा जाएगा

पांवटा साहिब: जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में धान खरीद केंद्र न होने के कारण किसानों कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए हरियाणा का रूख करना पड़ रहा है. इससे किसानों का दूसरे राज्य तक फसल पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट के अतिरिक्त खर्चे का भार पड़ रहा है.

किसानों की शिकायत है कि प्रदेश सरकार राशन के डिपुओं के लिए हरियाणा से चावल खरीद रही है, लेकिन प्रदेश के धान किसानों को सरकार सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा पा रही. सरकार के हिमाचल में ही धान खरीदने पर किसानों को दूसरे राज्यों का रूख नहीं करना पड़ेगा. इससे उनकी आमदनी में इजाफा होगा.

वीडियो रिपोर्ट.

दूसरे राज्यों की मंडियों में जाकर किसान 1835 वाला धान 1600 रुपये में बेचने को मजबूर हो रहे हैं. साथ ही 2 से 3 हजार रुपये तक खेतों से हरियाणा की मंडियों में पहुंचाने की लागत भी आ रही है. पांवटा साहिब किसानों ने सरकार से कई बार मांग की है कि पांवटा साहिब में धान खरीद केंद्र खोला जाए, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

पांवटा में फसल पर आधारित उद्योग खोले जाने पर किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इससे किसानों को अपने घर के नजदीक ही अपनी फसल बेचने का अवसर मिलेगा. किसानों का आरोप है कि मोदी सरकार किसानों के लिए तरह-तरह की योजनाएं ला रही है, वहीं प्रदेश सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है.

उपायुक्त सिरमौर आर के परुथी ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने कहा कि किसानों के हित के लिए कार्य किया जाएगा. पांवटा के किसानों की समस्या दूर करने के लिए कोई न कोई सही योजना बनाई जाएगी, ताकि किसानों को दोबारा परेशान न होना पड़े.

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Intro:पांवटा साहिब में धान खरीद केन्द्र ना होने के कारण हो रही है परेशानी
जान जोखिम में डालकर पहुंचाना पड़ा है दान हरियाणा
कई बार मारपीट हो जाने के बावजूद भी किसान परेशान
कम दामो में धान बेचने को मजबूर किसानBody:
हैरानी की बात यह है कि हिमाचल सरकार उचित रेट राशन के डिपुओं के लिए हरियाणा से चावल खरीद रही है अगर हिमाचल प्रदेश में ही धान खरीदा जाए तो किसानों को हरियाणा के जाकर लूटना नहीं पड़ेगा तथा हिमाचल प्रदेश सरकार जो कि हरियाणा से चावल खरीद कर सरकारी डिपो में राशन सप्लाई कर रही है वह हिमाचल के किसानों के द्वारा ही खरीदी जाएगी तथा जो खर्चा ट्रांसपोर्ट में हो रहा है वह भी बचेगा तथा किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी अभी किसानों को ₹1835 वाले धान 1600 रुपए तक बेचने को मजबूर हो रहे हैं तथा 2 से ₹3000 रुपए तक खेतों से हरियाणा की मंडियों में पहुंचाने की लागत भी आ रही है वही पोटा साहिब किसानों ने सरकार के आगे भी कई बार मांग की है परंतु सरकार के कान पर अभी तक जूं नहीं रेंगी है तथा किसान सभा के सदस्यों ने भी किसानों की समस्या के बारे में सरकार को अवगत कराया है पंजाब हरियाणा राज्य की तर्ज पर हिमाचल में भी फसल धान की खरीद के लिए खरीद केंद्र खोलने की जरूरत है उन्होंने यह भी कहा कि अगर पोटा में फसल पर आधारित उद्योग खोले जाते हैं तो किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा किसानों को अपने घर के नजदीक ही अपनी फसल बेचने का अवसर मिलेगा


जहां पर मोदी सरकार किसानों के लिए तरह-तरह की स्कीमें ला रही है वहीं प्रदेश सरकार के द्वारा किसानों की अनदेखी की जा रही है तथा किसानों के लिए फसल खरीद केंद्र ना होने के कारण किसानों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तथा दिन प्रतिदिन खेती-बाड़ी में नुकसान झेलना पड़ रहा है जिसके कारण युवा पीढ़ी खेती-बाड़ी ना करके प्राइवेट नौकरी की तरफ भाग रहे है एक बार हमारी जान ले बड़े प्रमुखता से उठाई थी किसानों की समस्या दूर करने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने जिला उपायुक्त से भी इस समस्या निराकरण के लिए बात की

उपायुक्त सिरमौर आर के परुथी ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में आज ही आया है किसानों के हित के लिए कार्य किया जाएगा पांवटा के किसानों की समस्या दूर करने के लिए कोई ना कोई सही योजना बनाई जाएगी ताकि किसानों को दोबारा परेशान ना होना पड़े

बाइट उपायुक्त सिरमौरConclusion:
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