नाहन: एक तरफ सरकार किसानों की आय को दोगुनी करने के दावे कर रही है, तो वहीं जिला सिरमौर के अन्नदाताओं पर महंगाई की मार भी देखने को मिल रही है. डीजल के दामों में बढ़ोतरी से किसानों को धान का उत्पादन करना भी मुश्किल हो गया है. यहां तक की महंगे दामों पर धान की रोपाई के लिए मजदूर मिल रहे हैं. इसके अलावा भी किसानों को खासी दिक्कतों का सामना का सामना करना पड़ रहा है.
सिरमौर जिला के मैदानी इलाकों में धान की रोपाई में जुटे किसानों का कहना है कि इस बार पहले के मुकाबले धान की फसल को उगाना मुश्किल हो गया है. एक तरफ डीजल के दामों में वृद्धि हुई है, वहीं मजदूर भी महंगे दामों पर काम कर रहे हैं. किसानों ने बताया कि क्षेत्र में भारी मात्रा में धान का उत्पादन होता है और किसान पड़ोसी राज्यों में धान को बेचते हैं. उन्होंने बताया कि बाहरी राज्यों में धान बेचते समय उन्हें कई प्रकार की परेशानियां जरूर होती हैं. न तो समय पर पैसा मिलता है और उन्हें कई अतिरिक्त शुल्क भी देने पड़ते हैं.
धान के उत्पादन के लिए जाना जाता है मैदानी इलाका
दूसरी तरफ सिरमौर जिला के मैदानी इलाकों में इन दिनों धान की रोपाई का कार्य जोरों पर चल रहा है. मानसून जल्द आने की वजह से इस बार धान की जल्द रोपाई भी जल्द शुरू हो गई है. जिला का मैदानी इलाका धान के उत्पादन के लिए जाना जाता है और यहां हजारों बीघा भूमि पर धान की फसल उगाई जाती है. धान उत्पादकों का कहना है कि इस बार धान की फसल अच्छी होने की उम्मीद है. क्षेत्र के रुखड़ी, माजरा, धौलाकुआं सहित संपूर्ण पांवटा साहिब घाटी में धान की रोपाई का कार्य जोरों पर हैं. उत्पादकों ने उम्मीद जताई है कि धान की फसल पहले के मुकाबले इस बार और अच्छी होंगी.
किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद
कुल मिलाकर मानसून की समय से पूर्व दस्तक से जहां धान की रोपाई करने वाले किसान इस बार बंपर फसल की उम्मीद कर रहे हैं, तो वहीं डीजल के बढ़ते दामों, महंगी लेबर (मजदूर) के साथ-साथ उन्हें कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है.
यह भी पढ़ें :- उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने कसी कमर, कमेटी गठित कर इन नेताओं को दी बड़ी जिम्मेदारी