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कोरोना काल में किसान परेशान, मजदूर और पानी ना मिलने से पेश आ रही समस्याएं - lockdown

पांवटा साहिब में किसानों को हर तरफ से नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. पहले मार्च और अप्रैल महीने में बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया और अब क्षेत्र में पानी की किल्लत से किसान परेशान हो गए हैं.

farmers facing problems due to lack of labor and water
खेतों में काम करता किसान.
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Published : Jun 27, 2020, 9:31 AM IST

पांवटा साहिब: बीते तीन महीने से कोरोना वायरस किसानों और बागवानों पर कहर बन कर बरस रहा है. इस साल मौसम के साथ-साथ कोरोना वायरस ने किसानों पर दोहरी मार की है. गेहूं की फसल पर मार्च और अप्रैल महीने में हुई बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया, जिसके बाद अब बारिश ना होने के चलते किसान ट्यूबवेल का पानी खरीदकर सिंचाई करने को मजबूर हैं.

वीडियो रिपोर्ट

स्थानीय किसानों ने बताया कि खेतों में सिंचाई के लिए पानी खरीदना पड़ रहा है. पांवटा साहिब क्षेत्र में इन दिनों 80 प्रतिशत जमीन में धान की रोपाई का काम चल रहा है. 15 जून से रोपाई का कार्य शुरू हो चुका है और जुलाई महीने में रोपाई का सीजन पूरी रफ्तार पकड़ लेता है.

धान रोपाई के लिए लॉकडाउन की वजह से दिहाड़ीदार मजदूर नहीं मिल रहे हैं. कुछ किसान प्रवासी मजदूरों के ठेकेदारों को एडवांस पेमेंट तक भेज रहे हैं ताकि खेतों में धान की रोपाई सही ढंग से की जा सके.

गौरतलब है कि ऊपरी हिमाचल में सेब सीजन शुरू होने वाला है. वहीं, इस दिनों मैदानी इलाकों में धान की रोपाई शुरू हो चुकी है अगर समय रहते प्रदेश सरकार ने मजदूरों को हिमाचल लेकर आने के संबंध में कोई रणनीति नहीं बनाई तो इसका सबसे ज्यादा किसानों और बागवानों को भुगतना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: रामगढ़ SBI ने शहीद अंकुश की मां के खाते में ट्रांसफर किए बीमा राशि के 30 लाख

ये भी पढ़ें:सोलन में अब ऑटो चालकों को रखना होगा सवारियों का रिकॉर्ड, प्रशासन ने जारी किए निर्देश

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वीडियो रिपोर्ट

स्थानीय किसानों ने बताया कि खेतों में सिंचाई के लिए पानी खरीदना पड़ रहा है. पांवटा साहिब क्षेत्र में इन दिनों 80 प्रतिशत जमीन में धान की रोपाई का काम चल रहा है. 15 जून से रोपाई का कार्य शुरू हो चुका है और जुलाई महीने में रोपाई का सीजन पूरी रफ्तार पकड़ लेता है.

धान रोपाई के लिए लॉकडाउन की वजह से दिहाड़ीदार मजदूर नहीं मिल रहे हैं. कुछ किसान प्रवासी मजदूरों के ठेकेदारों को एडवांस पेमेंट तक भेज रहे हैं ताकि खेतों में धान की रोपाई सही ढंग से की जा सके.

गौरतलब है कि ऊपरी हिमाचल में सेब सीजन शुरू होने वाला है. वहीं, इस दिनों मैदानी इलाकों में धान की रोपाई शुरू हो चुकी है अगर समय रहते प्रदेश सरकार ने मजदूरों को हिमाचल लेकर आने के संबंध में कोई रणनीति नहीं बनाई तो इसका सबसे ज्यादा किसानों और बागवानों को भुगतना पड़ेगा.

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