नाहन: डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन पर DDP वेलफेयर सोसाइटी ने अनियमितताओं को लेकर आरोप लगाए हैं. डीडीपी वेलफेयर का आरोप है कि कॉलेज हॉस्टल के स्टाफ को निजी फ्लेैट में ठहराकर व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है. डीडीपी ने इस मामले की जांच की मांग की है.
नाहन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संस्था के उपाध्यक्ष दिनेश चौधरी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और स्टाफ को निजी प्रभावशाली व्यक्ति के फ्लैट्स में रखा गया है. जहां पर पिछले तीन वर्षों में सिर्फ पानी का बिल 5 लाख आया है. यहां पर टैंकरों के माध्यम से पानी दिया जा रहा है. इसके साथ भोजन, बिजली व्यवस्था को लेकर यहां गड़बड़ी चल रही है, जिससे सरकार को लाखों का चूना लगाया जा रहा है. इसकी जांच होनी चाहिए.
डीडीपी के उपाध्यक्ष दिनेश चौधरी ने बताया कि आरटीआई के माध्यम से जो जानकारी मिली है वो चौंकाने वाली है. हॉस्टल में नियमों को ताक पर रखकर मनमर्जी से कार्य किया जा रहा है. छात्रों से भी 6500 रुपए हॉस्टल फीस ली जा रही है. उन्होंने मांग की है कि इस सारे सिस्टम की जांच होनी चाहिए. चौधरी ने बताया कि हमारी संस्था सेवानिवृत लोगों की है और शहर में गलत कार्य के खिलाफ हमेशा खड़े हैं.