ETV Bharat / state

Sirmaur Marriage: ये अनोखी शादी बनी हर ओर चर्चा का विषय, बिना पंडित, बिना सात फेरों के विवाह संपन्न - डॉ भीम राव अंबेडकर

सिरमौर जिले में बिना पंडित, बिना सात फेरों के एक अनोखी शादी सामने आई है. धमौन गांव के प्रवेश भारत ने सालवाला की निशा से संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अंबेडकर की तस्वीर व संविधान की पुस्तक को साक्षी मानकर शादी कर ली है. हर ओर इस अनोखी शादी की चर्चा हो रही है.

Marriage in Sirmaur without Rituals.
बिना रीति-रिवाज के सिरमौर में शादी.
author img

By

Published : May 16, 2023, 8:00 PM IST

सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हाल ही में बाइक पर दुल्हन को लेकर पहुंचा दूल्हा चर्चा का विषय बना, तो वहीं अब देवभूमि हिमाचल में एक ओर शादी चर्चा में आई है. सिरमौर जिले में हुई इस शादी में न पंडित को शामिल किया गया और न ही दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे लिए, बल्कि संविधान को साक्षी मानकर यह जोड़ा परिण्य सूत्र में बंध गया. दरअसल हिंदू धर्म की शादियों में आपने अक्सर देखा होगा कि पंडित वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हैं. दूल्हा-दुल्हन अग्नि को साक्षी मानकर फेरे लेते हैं, लेकिन मंगलवार को सिरमौर जिले में एक विवाह ऐसा भी संपन्न हुआ, जो अपने आप में खास बन गया.

सिरमौर में हुई अनोखी शादी: सिरमौर जिले की डोबरी सालवाला पंचायत के सालवाला गांव में ये शादी वधु पक्ष के घर पर संपन्न हुई. जहां पोका पंचायत के धमौन गांव से ताल्लुक रखने वाले प्रवेश भारत बारात लेकर पहुंचे थे. बता दें कि हिमुडा नाहन में बतौर कलर्क कार्यरत प्रवेश भारत की बारात सालवाला की रहने वाली निशा के घर पहुंची. इस शादी में पंडित को नहीं बुलाया गया. हिंदू रिति रिवाज के तहत दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे नहीं लिए. बल्कि संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अंबेडकर की तस्वीर व संविधान की पुस्तक को साक्षी मानकर एक दूसरे को वरमाला पहनाई और परिणय सूत्र में बंध गए. इसके बाद दुल्हन को लेकर बारात वापिस धमौन गांव लौट गई.

Marriage in Sirmaur without Rituals.
संविधान का साक्षी मानकर परिणय सूत्र में बंध प्रवेश व निशा.

बिना पंडित के संविधान की शपथ लेकर की शादी: वहीं, प्रवेश भारत ने बताया कि इस शादी के लिए उन्हें दोनों परिवारों को मनाने में थोड़ी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन बाद में सभी मान गए. दूल्हे के मामा भीम सिंह ने बताया कि इस विवाह में पूरे गाजे बाजे के साथ बारात गई और वधु पक्ष की तरफ से भी पूरी आव भगत की गई, लेकिन दूल्हा-दूल्हन ने न तो फेरे लिए और न ही किसी पंडित को इस विवाह में शामिल किया गया. संविधान को साक्षी मानकर दोनों ने एक दूसरे का हाथ थामा. प्रवेश और निशा ने एक दूसरे को वर माला पहनाई और शादी के बंधन में बंध गए. इसके बाद दुल्हन लेकर बारात वापिस लौट गई. सोलन जिले के गिरिपार क्षेत्र में संपन्न हुआ यह विवाह अनोखा होने के साथ-साथ चर्चा का विषय भी बना हुआ है, जिसकी ओर कोई सराहना कर रहा है.

ये भी पढे़ं: Groom on Bullet: ना घोड़ी ना कार, होकर बुलेट पर सवार, दूल्हा पहुंचा दुल्हन के द्वार

सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हाल ही में बाइक पर दुल्हन को लेकर पहुंचा दूल्हा चर्चा का विषय बना, तो वहीं अब देवभूमि हिमाचल में एक ओर शादी चर्चा में आई है. सिरमौर जिले में हुई इस शादी में न पंडित को शामिल किया गया और न ही दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे लिए, बल्कि संविधान को साक्षी मानकर यह जोड़ा परिण्य सूत्र में बंध गया. दरअसल हिंदू धर्म की शादियों में आपने अक्सर देखा होगा कि पंडित वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हैं. दूल्हा-दुल्हन अग्नि को साक्षी मानकर फेरे लेते हैं, लेकिन मंगलवार को सिरमौर जिले में एक विवाह ऐसा भी संपन्न हुआ, जो अपने आप में खास बन गया.

सिरमौर में हुई अनोखी शादी: सिरमौर जिले की डोबरी सालवाला पंचायत के सालवाला गांव में ये शादी वधु पक्ष के घर पर संपन्न हुई. जहां पोका पंचायत के धमौन गांव से ताल्लुक रखने वाले प्रवेश भारत बारात लेकर पहुंचे थे. बता दें कि हिमुडा नाहन में बतौर कलर्क कार्यरत प्रवेश भारत की बारात सालवाला की रहने वाली निशा के घर पहुंची. इस शादी में पंडित को नहीं बुलाया गया. हिंदू रिति रिवाज के तहत दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे नहीं लिए. बल्कि संविधान निर्माता डॉ. भीम राव अंबेडकर की तस्वीर व संविधान की पुस्तक को साक्षी मानकर एक दूसरे को वरमाला पहनाई और परिणय सूत्र में बंध गए. इसके बाद दुल्हन को लेकर बारात वापिस धमौन गांव लौट गई.

Marriage in Sirmaur without Rituals.
संविधान का साक्षी मानकर परिणय सूत्र में बंध प्रवेश व निशा.

बिना पंडित के संविधान की शपथ लेकर की शादी: वहीं, प्रवेश भारत ने बताया कि इस शादी के लिए उन्हें दोनों परिवारों को मनाने में थोड़ी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन बाद में सभी मान गए. दूल्हे के मामा भीम सिंह ने बताया कि इस विवाह में पूरे गाजे बाजे के साथ बारात गई और वधु पक्ष की तरफ से भी पूरी आव भगत की गई, लेकिन दूल्हा-दूल्हन ने न तो फेरे लिए और न ही किसी पंडित को इस विवाह में शामिल किया गया. संविधान को साक्षी मानकर दोनों ने एक दूसरे का हाथ थामा. प्रवेश और निशा ने एक दूसरे को वर माला पहनाई और शादी के बंधन में बंध गए. इसके बाद दुल्हन लेकर बारात वापिस लौट गई. सोलन जिले के गिरिपार क्षेत्र में संपन्न हुआ यह विवाह अनोखा होने के साथ-साथ चर्चा का विषय भी बना हुआ है, जिसकी ओर कोई सराहना कर रहा है.

ये भी पढे़ं: Groom on Bullet: ना घोड़ी ना कार, होकर बुलेट पर सवार, दूल्हा पहुंचा दुल्हन के द्वार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.