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चूड़धार चोटी पर सुविधाओं का टोटा, VIP के लिए आलीशान कमरे, श्रद्धालुओं के लिए खुला आसमान

चूड़धार चोटी पर सुविधाओं की कमी होने से हिमाचल-उत्तराखंड सहित देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को भारी परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है. श्रद्धालुओं को जहां भारी ठंड के बीच खुले आसमान के नीचे रातें गुजारनी पड़ रही है, वहीं वीआईपीज के लिए आलीशान कमरे हैं.

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Published : Jul 15, 2019, 3:09 PM IST

Updated : Jul 15, 2019, 3:34 PM IST

VIP के लिए आलीशान कमरे, श्रद्धालुओं के लिए खुला आसमान

नाहन: जिला मुख्यालय में 11,965 फीट की ऊंचाई पर स्थित चूड़धार चोटी पर सुविधाओं की कमी है. हिमाचल-उत्तराखंड सहित देश-विदेश से रोजाना हजारों शिव भक्त यहां अपने आराध्य शिरगुल महादेव के दर्शन के लिए कई किलोमीटर का पैदल सफर तय कर यहां पहुंचते हैं.

शिरगुल महादेव की पावन स्थली चूड़धार मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को जहां भारी ठंड के बीच खुले आसमान के नीचे रातें गुजारनी पड़ रही है, वहीं वीआईपीज के लिए आलीशान कमरे हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं चूड़धार मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के साथ प्रशासन व मंदिर प्रबंधन खिलवाड़ कर रहा है.

दरअसल चूड़धार मंदिर के चढ़ावे से वीआईपी गेस्ट हाउस तो बना दिया गया है, लेकिन श्रद्धालुओं के लिए बड़ी सराय नहीं बनाई जाती. बता दें कि इस पावन धाम में साल के 6 महीने भारी बर्फ रहती है और बाकी 6 महीने शिव भक्तों की काफी भरमार रहती है.

चूड़धार चोटी पर सुविधाओं का टोटा

दिन भर पावन धाम के मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेते हुए कई घंटे पैदल चलने के बाद जब बात रात की कड़कड़ाती ठंड में छत ढूंढने की बारी आती है, तो हजारों लोगों को रात गुजारने के लिए खुला आसमान ही नसीब होता है.

चूड़धार में दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं का कहना है कि गेस्ट हाउस में वीआईपी ही ठहरे हैं, जो किसी श्रद्धालु को अंदर नहीं आने दे रहे हैं, ऐसे में श्रद्धालु बिना छत के खुले आसमान में ही बाहर सोते हैं. वहीं, चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बाबूराम शर्मा का कहना है कि यहां जो धर्मशाला है, वहां पर 3 गद्दों का प्रावधान किया गया है. जिसमें वे करीब 3 हजार लोगों को एडजस्ट कर देते हैं, क्योंकि अगर कोई भी बाहर रह गया तो कोई भी हादसा हो सकता है.

नाहन: जिला मुख्यालय में 11,965 फीट की ऊंचाई पर स्थित चूड़धार चोटी पर सुविधाओं की कमी है. हिमाचल-उत्तराखंड सहित देश-विदेश से रोजाना हजारों शिव भक्त यहां अपने आराध्य शिरगुल महादेव के दर्शन के लिए कई किलोमीटर का पैदल सफर तय कर यहां पहुंचते हैं.

शिरगुल महादेव की पावन स्थली चूड़धार मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को जहां भारी ठंड के बीच खुले आसमान के नीचे रातें गुजारनी पड़ रही है, वहीं वीआईपीज के लिए आलीशान कमरे हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं चूड़धार मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के साथ प्रशासन व मंदिर प्रबंधन खिलवाड़ कर रहा है.

दरअसल चूड़धार मंदिर के चढ़ावे से वीआईपी गेस्ट हाउस तो बना दिया गया है, लेकिन श्रद्धालुओं के लिए बड़ी सराय नहीं बनाई जाती. बता दें कि इस पावन धाम में साल के 6 महीने भारी बर्फ रहती है और बाकी 6 महीने शिव भक्तों की काफी भरमार रहती है.

चूड़धार चोटी पर सुविधाओं का टोटा

दिन भर पावन धाम के मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेते हुए कई घंटे पैदल चलने के बाद जब बात रात की कड़कड़ाती ठंड में छत ढूंढने की बारी आती है, तो हजारों लोगों को रात गुजारने के लिए खुला आसमान ही नसीब होता है.

चूड़धार में दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं का कहना है कि गेस्ट हाउस में वीआईपी ही ठहरे हैं, जो किसी श्रद्धालु को अंदर नहीं आने दे रहे हैं, ऐसे में श्रद्धालु बिना छत के खुले आसमान में ही बाहर सोते हैं. वहीं, चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बाबूराम शर्मा का कहना है कि यहां जो धर्मशाला है, वहां पर 3 गद्दों का प्रावधान किया गया है. जिसमें वे करीब 3 हजार लोगों को एडजस्ट कर देते हैं, क्योंकि अगर कोई भी बाहर रह गया तो कोई भी हादसा हो सकता है.

Intro:नाहन। 11965 फीट की ऊंचाई पर स्थित चूड़धार चोटी पर सुविधाओं का टोटा है। शिरगुल महादेव की पावन स्थली चूड़धार मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को जहां भारी ठंड के बीच खुले आसमान के नीचे रातें गुजारनी पड़ रही है, वहीं वीआईपीज के लिए आलीशान कमरें हैं। इससे साफ है कि कहीं न कहीं चूड़धार मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के साथ प्रशासन व मंदिर प्रबंधन खिलवाड़ कर रहा है। Body:दरअसल चूड़धार मंदिर के चढ़ावे से वीआईपी गेस्ट हाउस तो बना दिया गया है, लेकिन श्रद्धालुओं के लिए बड़ी सराय नहीं बनाई जाती। आम श्रद्धालुओं को प्रशासन द्वारा ठेंगा दिखाया जा रहा है। बता दें कि इस पावन धाम में साल के 6 महीने भारी बर्फ रहती है और बाकी 6 महीने शिव भक्तों की काफी भरमार रहती है। हिमाचल-उत्तराखंड सहित देश-विदेश से रोजाना हजारों शिव भक्त यहां अपने आराध्य शिरगुल महादेव के दर्शन के लिए कई किलोमीटर का पैदल सफर कर पहुंचते है। दिन भर पावन धाम के मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेते हुए कई घंटे पैदल चलने के बाद जब बात रात की कड़कड़ाती ठंड में छत ढूंढने की आती है, तो हजारों लोगों को रात गुजारने के लिए खुला आसमान ही नसीब होता है। फिर चाहे वो पुरुष हो या महिला, ठंड से ठिठुरता बुजुर्ग हो या बच्चा, यहां सभी को प्रबंधन की अव्यवस्था का शिकार होना पड़ता है। मंदिर प्रबंधन कमेटी की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए न निशुल्क भोजन और न ही रहने की व्यवस्था है।
उधर चूड़धार में दर्शनों के लिए आए श्रद्धालुओं का कहना है कि गेस्ट हाउस में वीआईपी ही ठहरे हैं, जोकि अंदर किसी श्रद्धालु को नहीं एडजेस्ट कर रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालु बिना छत के खुले आसमान में ही बाहर सोते हैं। 3 अफसर ठहरहे हैं, जबकि कमरें में करीब 40 से 50 लोग एडजेस्ट हो सकते हैं। वहीं अन्य श्रद्धालु का कहना है कि वह 3 घंटे से परेशानी झेल रहे हैं। न यहां कंबल मिल रहे हैं और न ही कोई सोने की जगह है। हालांकि गेस्ट हाउस में 2-3 कमरे खाली पड़े हैं, लेकिन वहां कोई आफिरर्स ठहरे हुए है, जोकि अलग-अलग कमरे में मौजूद है।
बाइट 1, 2: चोटी पर पहुंचे श्रद्धालु
वहीं चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बाबूराम शर्मा का कहना है कि यहां जो धर्मशाला है, वहां पर 3 गद्दों का प्रावधान किया गया है। लेकिन फिर भी इसमें करीब 3 हजार लोगों को एडजेस्ट कर देते हैं, क्योंकि यदि कोई भी बाहर रह गया तो कोई भी हादसा हो सकता है। मगर दुख की बात है कि कई श्रद्धालुओं को खुले आसमान के तले ही रातें गुजारनी पड़ती है।
बाइट 3: बाबराूम शर्मा, प्रबंधक, चूड़ेश्वर सेवा समिति
इधर चौपाल के एसडीएम अजीत सिंह भारद्वाज का कहना है कि रात के समय चोटी पर 2 से 3 हजार श्रद्धालु एकत्रित हो जाते हैं। श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो, इसको देखते हुए रहने का थोड़ा इंतजाम ओर बढ़ा रहे हैं। मंदिर कमेटी ने एक प्रपोजल बनाई है, जिसमें एक सराय बनाई जानी है।
बाइट 4: अजीत सिंह भारद्वाज, एसडीएम चौपालConclusion:कुल मिलाकर चूड़ेश्वर सेवा समिति एक सामाजिक संस्था और ब्रह्मचारी जी का शारदा मठ आश्रम लोगों की सहूलियत के लिए जरूर प्रयासरत है। मगर श्रद्धालुओं को मंदिर कमेटी की और से कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है।
Last Updated : Jul 15, 2019, 3:34 PM IST

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