नाहन: जिला मुख्यालय में 11,965 फीट की ऊंचाई पर स्थित चूड़धार चोटी पर सुविधाओं की कमी है. हिमाचल-उत्तराखंड सहित देश-विदेश से रोजाना हजारों शिव भक्त यहां अपने आराध्य शिरगुल महादेव के दर्शन के लिए कई किलोमीटर का पैदल सफर तय कर यहां पहुंचते हैं.
शिरगुल महादेव की पावन स्थली चूड़धार मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को जहां भारी ठंड के बीच खुले आसमान के नीचे रातें गुजारनी पड़ रही है, वहीं वीआईपीज के लिए आलीशान कमरे हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं चूड़धार मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के साथ प्रशासन व मंदिर प्रबंधन खिलवाड़ कर रहा है.
दरअसल चूड़धार मंदिर के चढ़ावे से वीआईपी गेस्ट हाउस तो बना दिया गया है, लेकिन श्रद्धालुओं के लिए बड़ी सराय नहीं बनाई जाती. बता दें कि इस पावन धाम में साल के 6 महीने भारी बर्फ रहती है और बाकी 6 महीने शिव भक्तों की काफी भरमार रहती है.
दिन भर पावन धाम के मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेते हुए कई घंटे पैदल चलने के बाद जब बात रात की कड़कड़ाती ठंड में छत ढूंढने की बारी आती है, तो हजारों लोगों को रात गुजारने के लिए खुला आसमान ही नसीब होता है.
चूड़धार में दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं का कहना है कि गेस्ट हाउस में वीआईपी ही ठहरे हैं, जो किसी श्रद्धालु को अंदर नहीं आने दे रहे हैं, ऐसे में श्रद्धालु बिना छत के खुले आसमान में ही बाहर सोते हैं. वहीं, चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बाबूराम शर्मा का कहना है कि यहां जो धर्मशाला है, वहां पर 3 गद्दों का प्रावधान किया गया है. जिसमें वे करीब 3 हजार लोगों को एडजस्ट कर देते हैं, क्योंकि अगर कोई भी बाहर रह गया तो कोई भी हादसा हो सकता है.