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21 जून से शुरू होगा आयुष्मान भव कार्यक्रम, आकर्षक नामों के साथ 3 श्रेणियों में विभाजित किए बच्चे

प्रदेश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर में मंगलवार को डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बच्चों को सुरक्षित रखने के इरादे से सिरमौर प्रशासन ने एक नई रणनीति तैयार कर ली है. आयुष, शिक्षा एवं सामाजिक अधिकारिता विभाग के सहयोग से बच्चों को आकर्षक नामों के साथ प्रशासन ने 3 श्रेणियों में विभाजित किया है. इस कार्यक्रम को प्रशासन ने आयुष्मान भव का नाम दिया है. जिसमें बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने पर विशेष ध्यान रखा जाएगा और बच्चों को संक्रमण से बचाव के मद्देनजर विभिन्न विषयों पर जागरूक किया जाएगा.

Ayushman Bhava program will start from June 21 in Sirmaur
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Published : Jun 15, 2021, 6:52 PM IST

नाहन: वैश्विक महामारी कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने के इरादे से सिरमौर प्रशासन ने एक नई पहल की शुरुआत गई है. 0 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को आकर्षक नामों के साथ प्रशासन ने 3 श्रेणियों में विभाजित किया है. इस कार्यक्रम को प्रशासन ने आयुष्मान भव का नाम दिया है. मंगलवार को डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बच्चों को संक्रमण से दूर रखने के इरादे से रणनीति तैयार की गई.

आयुष्मान भव कार्यक्रम का शुभारंभ

मीडिया से बात करते हुए डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने कहा कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर अगस्त महीने में संभावना जताई जा रही है, जिसमें बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका जताई गई है. तीसरी लहर से लड़ने के लिए आयुष, शिक्षा एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभागों के साथ मिलकर आयुष विभाग की एक नई पहल की शुरुआत की जा रही है, जिसके तहत आयुष्मान भव कार्यक्रम का शुभारंभ इंटरनेशनल योगा डे यानी 21 जून को किया जाएगा.

3 श्रेणियों में बच्चों को किया गया विभाजित

डीसी ने बताया कि कार्यक्रम के तहत जिला में बच्चों को 3 श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिसके तहत 0 से 6 वर्ष के बच्चों को आयुष फुलवारी का नाम दिया गया है. आंगनबाड़ी में जाने वाले संबंधित आयु वर्ग के बच्चों को सुरक्षित रखने के इरादे से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के साथ मिलकर आयुष विभाग बच्चों की माताओं की वैक्सीनेशन के लिए जागरूकता अभियान चलाएगा. साथ ही इन बच्चों को अलग से ट्रीट किया जाएगा. बच्चों के साथ-साथ उनकी माताओं पर भी ज्यादा ध्यान दिया जाएगा.

वीडियो.

बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने पर विशेष ध्यान

उन्होंने बताया कि 6 से 14 साल तक के बच्चों को आयुष चहक व 14 से 18 साल के बच्चों को आयुष निर्माण का नाम दिया गया है, जिन्हें शिक्षा विभाग के साथ मिलकर जागरूक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने पर विशेष ध्यान रखा जाएगा. साथ ही कोविड प्रोटोकाॅल के व्यवहार को अपनाने, कोरोना संबंधी जागरूकता के अलावा उनके खान-पान एवं के बारे में भी जागरूक किया जाएगा.

आयुष्मान भव कार्यक्रम को लेकर डीसी ने की विस्तार से चर्चा

डीसी ने बताया कि जिन बच्चों में मामूली लक्षण होंगे, वहां पर सशमनी वटी, आयुष बाल काढ़ा आदि का भी सहारा भी लिया जाएगा. 6 से 14 साल के बच्चों की जो ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं, उसमें आयुष विभाग के साथ मिलकर बच्चों को संक्रमण से बचाव के मद्देनजर विभिन्न विषयों पर जागरूक किया जाएगा. वहीं, 14 से 18 साल के बच्चों को उपरोक्त जानकारी के साथ-साथ दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले औषधीय पौधों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी. डीसी ने बताया कि बैठक में आयुष्मान भव कार्यक्रम को लेकर विस्तार से चर्चा की गई है. साथ ही इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं.

बच्चों के लिए विशेष रणनीति तैयार

बता दें कि प्रदेश सहित जिला सिरमौर में भी कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक साबित हुई. लिहाजा तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका के मद्देनजर बचाव को लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है, जिसके तहत बच्चों पर विशेष ध्यान रखने की रणनीति तैयार की गई है.

यह भी पढ़ें :- पुलिस की बड़ी कार्रवाई, चिट्टा तस्कर के घर से 4.845 किलोग्राम चरस और नकदी बरामद

नाहन: वैश्विक महामारी कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने के इरादे से सिरमौर प्रशासन ने एक नई पहल की शुरुआत गई है. 0 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को आकर्षक नामों के साथ प्रशासन ने 3 श्रेणियों में विभाजित किया है. इस कार्यक्रम को प्रशासन ने आयुष्मान भव का नाम दिया है. मंगलवार को डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बच्चों को संक्रमण से दूर रखने के इरादे से रणनीति तैयार की गई.

आयुष्मान भव कार्यक्रम का शुभारंभ

मीडिया से बात करते हुए डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने कहा कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर को लेकर अगस्त महीने में संभावना जताई जा रही है, जिसमें बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका जताई गई है. तीसरी लहर से लड़ने के लिए आयुष, शिक्षा एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभागों के साथ मिलकर आयुष विभाग की एक नई पहल की शुरुआत की जा रही है, जिसके तहत आयुष्मान भव कार्यक्रम का शुभारंभ इंटरनेशनल योगा डे यानी 21 जून को किया जाएगा.

3 श्रेणियों में बच्चों को किया गया विभाजित

डीसी ने बताया कि कार्यक्रम के तहत जिला में बच्चों को 3 श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिसके तहत 0 से 6 वर्ष के बच्चों को आयुष फुलवारी का नाम दिया गया है. आंगनबाड़ी में जाने वाले संबंधित आयु वर्ग के बच्चों को सुरक्षित रखने के इरादे से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के साथ मिलकर आयुष विभाग बच्चों की माताओं की वैक्सीनेशन के लिए जागरूकता अभियान चलाएगा. साथ ही इन बच्चों को अलग से ट्रीट किया जाएगा. बच्चों के साथ-साथ उनकी माताओं पर भी ज्यादा ध्यान दिया जाएगा.

वीडियो.

बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने पर विशेष ध्यान

उन्होंने बताया कि 6 से 14 साल तक के बच्चों को आयुष चहक व 14 से 18 साल के बच्चों को आयुष निर्माण का नाम दिया गया है, जिन्हें शिक्षा विभाग के साथ मिलकर जागरूक किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने पर विशेष ध्यान रखा जाएगा. साथ ही कोविड प्रोटोकाॅल के व्यवहार को अपनाने, कोरोना संबंधी जागरूकता के अलावा उनके खान-पान एवं के बारे में भी जागरूक किया जाएगा.

आयुष्मान भव कार्यक्रम को लेकर डीसी ने की विस्तार से चर्चा

डीसी ने बताया कि जिन बच्चों में मामूली लक्षण होंगे, वहां पर सशमनी वटी, आयुष बाल काढ़ा आदि का भी सहारा भी लिया जाएगा. 6 से 14 साल के बच्चों की जो ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं, उसमें आयुष विभाग के साथ मिलकर बच्चों को संक्रमण से बचाव के मद्देनजर विभिन्न विषयों पर जागरूक किया जाएगा. वहीं, 14 से 18 साल के बच्चों को उपरोक्त जानकारी के साथ-साथ दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले औषधीय पौधों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी. डीसी ने बताया कि बैठक में आयुष्मान भव कार्यक्रम को लेकर विस्तार से चर्चा की गई है. साथ ही इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं.

बच्चों के लिए विशेष रणनीति तैयार

बता दें कि प्रदेश सहित जिला सिरमौर में भी कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक साबित हुई. लिहाजा तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका के मद्देनजर बचाव को लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है, जिसके तहत बच्चों पर विशेष ध्यान रखने की रणनीति तैयार की गई है.

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