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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने गांव में जाकर महिलाओं को किया जागरूक, दी ये जानकारी

पांवटा साहिब में शहर और गांव के लोगों को बाल विकास परियोजना विभाग बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के बारे में जागरूक रहा है. इसके तहत आंगनवाड़ी वर्कर्स व कार्यकर्ताओं ने एक बैठक गांव की महिलाओं के साथ बैठक की.

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आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने गांव में जाकर महिलाओं को किया जागरूक
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Published : Feb 25, 2021, 11:41 AM IST

पांवटा साहिब: बाल विकास परियोजना विभाग पांवटा साहिब ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के जागरूकता अभियान तहत शहर और गांव के लोगों को जागरूक किया. इस दौरान आंगनवाड़ी वर्कर्स व कार्यकर्ताओं ने एक बैठक गांव की महिलाओं के साथ भी की. इस बैठक में 6 पंचायतों की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, गांव के प्रधान, वार्ड मेंबर और कई महिलाएं मौजूद रही

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में अधिकांश महिलाएं पढ़ी-लिखी नहीं हैं. ऐसे में इन महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सुपरवाइजर ने कहा कि वह गांव में महिलाओं को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को सार्थक करने के लिए पहले करें. गांवों के लोगों को बेटी के प्रति जागरूक करने की जरूरत है. उन्होंने समाज में लिंगानुपात में आ रही असमानता पर चिंता जाहिर की.

वीडियो.

पढ़ें: कोरोना काल में बिना किताब गुजरा पिछला साल, अब पढ़ाई छोड़ मजदूरी करने को मजबूर नौनिहाल

वहीं, सुपरवाइजर ने बताया कि शहरों और ग्रामीण इलाकों में गांव की महिलाओं के इकट्ठा कर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए जागरूक किया जा रहा है ताकि गांव की बेटियां भी आगे बढ़ सके और अपना नाम रोशन हो सके.

पढ़ें: नाबालिग से दुष्कर्म का आरोपी दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

पांवटा साहिब: बाल विकास परियोजना विभाग पांवटा साहिब ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के जागरूकता अभियान तहत शहर और गांव के लोगों को जागरूक किया. इस दौरान आंगनवाड़ी वर्कर्स व कार्यकर्ताओं ने एक बैठक गांव की महिलाओं के साथ भी की. इस बैठक में 6 पंचायतों की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, गांव के प्रधान, वार्ड मेंबर और कई महिलाएं मौजूद रही

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में अधिकांश महिलाएं पढ़ी-लिखी नहीं हैं. ऐसे में इन महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सुपरवाइजर ने कहा कि वह गांव में महिलाओं को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को सार्थक करने के लिए पहले करें. गांवों के लोगों को बेटी के प्रति जागरूक करने की जरूरत है. उन्होंने समाज में लिंगानुपात में आ रही असमानता पर चिंता जाहिर की.

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वहीं, सुपरवाइजर ने बताया कि शहरों और ग्रामीण इलाकों में गांव की महिलाओं के इकट्ठा कर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए जागरूक किया जा रहा है ताकि गांव की बेटियां भी आगे बढ़ सके और अपना नाम रोशन हो सके.

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