रामपुरः हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से सूबे में 18 से 44 वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू तो कर दी है, लेकिन टीकाकरण के प्रथम दिन से ही वैक्सीनेशन सेंटर में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. महामारी के इस दौर में वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करने की जो प्रक्रिया है उसको पूरा करने के उपरांत वैक्सीन लगाने के लिए स्लॉट की बुकिंग आसानी से हो पाई. ये आरोप जिला परिषद सदस्य रामपुर के झाकड़ी वार्ड से कविता कंटू ने लगाए हैं.
स्लॉट बुकिंग के लिए सिर्फ 2 से 3 मिनट के लिए खुल रहा पोर्टल
कविता का कहना है कि प्रदेश सरकार की ओर से ही यह दिशा-निर्देश निकाले गए थे कि 24, 27 और 31 मई के वैक्सीनेशन के लिए आपको 2 दिन पहले 2:30 से लेकर 3:00 बजे तक अपना स्लॉट बुक करवाना होगा. जहां एक ओर लोग इसी दिशा-निर्देश के अनुसार वैक्सीन लगवाने के लिए स्लॉट बुकिंग दी गई. दूसरी ओर यह देखा जा रहा है कि जो स्लॉट खुलने का समय है वह भी सिर्फ 2 से 3 मिनट के लिए खुल रहा था, उसके बाद कोशिश करने के बाद भी वह पोर्टल बंद रहा, जिसमें बहुत से लोग अपने लिए समय और वैक्सीनेशन सेंटर का चुनाव नहीं कर पाए और अपने आप को वैक्सीन लगवाने से वंचित महसूस कर रहे हैं.
प्रदेश सरकार पर जनता के साथ धोखा करने का आरोप
कविता कंटू ने सरकार से सवाल किया है कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी इलाका है और ज्यादातर जनसंख्या गांव में रहती है, गांव के लोगों के पास न तो स्मार्टफोन होते हैं और ना नेटवर्किंग कनेक्टिविटी शहरों के मुकाबले तेज होती है. ढाई बजे के बाद भी जब लोग अपने लिए स्लॉट बुकिंग करवाने की ही कोशिश कर रहे हैं तो उसके बावजूद भी उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है. क्या हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश के हजारों लोगों के साथ धोखा कर रही है.
प्रदेश सरकार पर तंज
जिला परिषद सदस्य कविता कंटू का कहना है कि इस मासले पर प्रदेश सरकार से जवाब चाहती हूं, कि जहां एक ओर प्रदेश सरकार वैक्सीनेशन को भी इस महामारी से बचने का एकमात्र उपाय बता रही है. वहीं, दूसरी ओर सरकार का प्रदेश के लोगों के साथ इस तरह का दोहरा चरित्र क्यों अपना रही है? क्या यह रजिस्ट्रेशन गांव में पीएचसी केंद्र के माध्यम से नहीं हो सकता. इस तरह का दोहरा चरित्र प्रदेश में सरकार की नाकामयाबी का उदाहरण है.
ये भी पढ़ें- हिमाचल में बढ़ने लगा ब्लैक फंगस का खतरा! अब कांगड़ा में दो मामले आए सामने