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हिमाचल में मंडराया पैरालिसिस का खतरा, सर्दियों में बढ़े मामले, जानें लक्षण और बचाव - हिमाचल में पैरालिसिस के मामले

Paralysis Cases Increase in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों पैरालिसिस के मामले बढ़ रहे हैं. खासकर सर्दियों के मौसम में ठंड के बढ़ने से खून जमने की समस्या बढ़ती है, जिससे पैसालिसिस के मामलों में भी इजाफा होता है.

Paralysis Cases Increase in Himachal Pradesh
हिमाचल में पैरालिसिस के मामले
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 21, 2023, 10:04 AM IST

Updated : Nov 21, 2023, 10:33 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सर्दियों में पैरालिसिस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. पैरालिसिस एक नर्व डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की मांसपेशियां प्रभावित होती हैं और काम करना बंद कर देती है. शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में इन दिनों रोजाना 20 से 25 पैरालिसिस के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इसमें 2 फीसदी युवा भी शामिल हैं.

धूम्रपान और ठंड से बढ़ रहे पैरालिसिस मामले: सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल चमियाणा के प्रिंसिपल डॉ. रजनीश पठानिया के अनुसार खून की क्लॉटिंग होने या ज्यादा धूम्रपान करने से पैरालिसिस की संभावना बढ़ जाती हैं. युवाओं को भी आज के दौर में पैरालिसिस हो रहा है. इसका मुख्य कारण ज्यादा धूम्रपान करना और हादसा होने से खून की क्लॉटिंग होना है. सर्दियों में ठंड होने से खून जमने का ज्यादा खतरा बना रहता है. अस्पताल में पैरालिसिस के मामले ज्यादातर लोगों में विटामिन की कमी, धूम्रपान, हार्ट प्रॉब्लम और ब्लड प्रेशर के कारण होती है. ठंड के मौसम में पैरालिसिस के मामले तेजी से बढ़ते हैं. ऐसे में लोगों को सर्दियों में खास ख्याल रखने की जरूरत है.

Paralysis Cases Increase in Himachal Pradesh
क्या है पैरालिसिस?

क्या होता है पैरालिसिस? यह एक वायु रोग होता है. पैरालिसिस एक नर्व डिसऑर्डर है. इसमें मांसपेशियों की कार्यविधि प्रभावित हो जाती है. इस हालत में शरीर के किसी एक भाग की मांसपेशियां काम नहीं करती हैं. यह स्थिति तब आती है जब मस्तिष्क मांसपेशियों को एक्टिव करने में असमर्थ होता है.

Paralysis Cases Increase in Himachal Pradesh
पैरालिसिस के 5 प्रकार

पैरालिसिस के 5 प्रकार: पैरालिसिस एक गंभीर रोग है. इसके मुख्यतः पांच प्रकार हैं. पहला मोनोप्लेजिया पैरालिसिस, इसमें शरीर का कोई भी एक अंग प्रभावित होता है. दूसरा हेमिप्लेजिया पैरालिसिस, जिसमें शरीर का एक हिस्सा प्रभावित होता है. इसमें शरीर के एक हिस्से का हाथ, पैर, पेट, कंधा और सीना प्रभावित हो सकता है. तीसरा पैराप्लेजिया पैरालिसिस, इसमें शरीर का निचला हिस्सा प्रभावित होता है और काम करना बंद कर देता है. चौथा कार्डियोप्लेजिया पैरालिसिस है. इस स्थिति में शरीर की चारों भुजा यानी दोनों बाहें और पैर प्रभावित होते हैं. पांचवा प्रकार बेल्स पाल्सी है, इसमें चेहरे की मांसपेशियां प्रभावित होती हैं. जिसके चलते मरीज का मुंह टेढ़ा हो जाता है.

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पैरालिसिस के मुख्य लक्षण

पैरालिसिस के मुख्य लक्षण: सर्दियों के मौसम में पैरालिसिस के मामलों में एकाएक इजाफा होता है. पैरालिसिस रोग के कई लक्षण है, जिससे समय रहते इसका पता लगाया जा सकता है. पैरालिसिस के मुख्य लक्षणों में मांसपेशियों में कमजोरी होना, मुंह से लार गिरना, कभी-कभी मांसपेशियों में ऐंठन व दर्द होना, सिर में दर्द होना, सोचने व समझने की क्षमता में कमी, चेहरे के एक हिस्से में कमजोरी होना, देखने और सुनने की क्षमता में बदलाव, मूड और व्यवहार में बदलाव और सांस लेने में परेशानी आदि शामिल हैं.

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पैरालिसिस से बचाव

पैरालिसिस से बचाव: डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि आईजीएमसी अस्पताल शिमला में सर्दियां आते ही पैरालिसिस के मामले बढ़ रहे हैं. पैरालिसिस ज्यादातर विटामिन की कमी, धूम्रपान और मस्तिष्क से जुड़ी समस्या के कारण होता है. इससे बचाव बेहद जरूरी है.ऐसे में जिन्हें पैरालिसिस है वह नियमित रूप से व्यायाम करें. इसके लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल जाकर डॉक्टर से चेकअप करवाएं और तय समय पर दवाइयां लें. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, बाहर का खाना न खाएं.

ये भी पढे़ं: जस्टिन बीबर का आधा चेहरा हुआ पैरालाइज, पॉप सिंगर ने वीडियो में दिखाया पूरा हाल

ये भी पढ़ें: बकरी के गोबर से पैरालिसिस का इलाज, महज ₹1500 की दवा से रिकवरी की गारंटी!

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सर्दियों में पैरालिसिस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. पैरालिसिस एक नर्व डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की मांसपेशियां प्रभावित होती हैं और काम करना बंद कर देती है. शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में इन दिनों रोजाना 20 से 25 पैरालिसिस के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इसमें 2 फीसदी युवा भी शामिल हैं.

धूम्रपान और ठंड से बढ़ रहे पैरालिसिस मामले: सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल चमियाणा के प्रिंसिपल डॉ. रजनीश पठानिया के अनुसार खून की क्लॉटिंग होने या ज्यादा धूम्रपान करने से पैरालिसिस की संभावना बढ़ जाती हैं. युवाओं को भी आज के दौर में पैरालिसिस हो रहा है. इसका मुख्य कारण ज्यादा धूम्रपान करना और हादसा होने से खून की क्लॉटिंग होना है. सर्दियों में ठंड होने से खून जमने का ज्यादा खतरा बना रहता है. अस्पताल में पैरालिसिस के मामले ज्यादातर लोगों में विटामिन की कमी, धूम्रपान, हार्ट प्रॉब्लम और ब्लड प्रेशर के कारण होती है. ठंड के मौसम में पैरालिसिस के मामले तेजी से बढ़ते हैं. ऐसे में लोगों को सर्दियों में खास ख्याल रखने की जरूरत है.

Paralysis Cases Increase in Himachal Pradesh
क्या है पैरालिसिस?

क्या होता है पैरालिसिस? यह एक वायु रोग होता है. पैरालिसिस एक नर्व डिसऑर्डर है. इसमें मांसपेशियों की कार्यविधि प्रभावित हो जाती है. इस हालत में शरीर के किसी एक भाग की मांसपेशियां काम नहीं करती हैं. यह स्थिति तब आती है जब मस्तिष्क मांसपेशियों को एक्टिव करने में असमर्थ होता है.

Paralysis Cases Increase in Himachal Pradesh
पैरालिसिस के 5 प्रकार

पैरालिसिस के 5 प्रकार: पैरालिसिस एक गंभीर रोग है. इसके मुख्यतः पांच प्रकार हैं. पहला मोनोप्लेजिया पैरालिसिस, इसमें शरीर का कोई भी एक अंग प्रभावित होता है. दूसरा हेमिप्लेजिया पैरालिसिस, जिसमें शरीर का एक हिस्सा प्रभावित होता है. इसमें शरीर के एक हिस्से का हाथ, पैर, पेट, कंधा और सीना प्रभावित हो सकता है. तीसरा पैराप्लेजिया पैरालिसिस, इसमें शरीर का निचला हिस्सा प्रभावित होता है और काम करना बंद कर देता है. चौथा कार्डियोप्लेजिया पैरालिसिस है. इस स्थिति में शरीर की चारों भुजा यानी दोनों बाहें और पैर प्रभावित होते हैं. पांचवा प्रकार बेल्स पाल्सी है, इसमें चेहरे की मांसपेशियां प्रभावित होती हैं. जिसके चलते मरीज का मुंह टेढ़ा हो जाता है.

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पैरालिसिस के मुख्य लक्षण

पैरालिसिस के मुख्य लक्षण: सर्दियों के मौसम में पैरालिसिस के मामलों में एकाएक इजाफा होता है. पैरालिसिस रोग के कई लक्षण है, जिससे समय रहते इसका पता लगाया जा सकता है. पैरालिसिस के मुख्य लक्षणों में मांसपेशियों में कमजोरी होना, मुंह से लार गिरना, कभी-कभी मांसपेशियों में ऐंठन व दर्द होना, सिर में दर्द होना, सोचने व समझने की क्षमता में कमी, चेहरे के एक हिस्से में कमजोरी होना, देखने और सुनने की क्षमता में बदलाव, मूड और व्यवहार में बदलाव और सांस लेने में परेशानी आदि शामिल हैं.

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पैरालिसिस से बचाव

पैरालिसिस से बचाव: डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि आईजीएमसी अस्पताल शिमला में सर्दियां आते ही पैरालिसिस के मामले बढ़ रहे हैं. पैरालिसिस ज्यादातर विटामिन की कमी, धूम्रपान और मस्तिष्क से जुड़ी समस्या के कारण होता है. इससे बचाव बेहद जरूरी है.ऐसे में जिन्हें पैरालिसिस है वह नियमित रूप से व्यायाम करें. इसके लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल जाकर डॉक्टर से चेकअप करवाएं और तय समय पर दवाइयां लें. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, बाहर का खाना न खाएं.

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Last Updated : Nov 21, 2023, 10:33 AM IST
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