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शिमला में जल संकट! शहर में मटमैले पानी की हो रही सप्लाई

गिरि परियोजना में गाद आने से पानी बिलकुल मटमैला हो गया है. जिस कारण शिमला शहर के लोग मटमैला पानी पीने को मजबूर हो गए हैं. नगर निगम इसके लिए नदियों के किनारे लोकनिर्माण विभाग द्वारा की जा रही डंपिंग को जिम्मेवार ठहरा रहा है.

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Published : Jul 12, 2019, 5:17 PM IST

Updated : Jul 12, 2019, 6:37 PM IST

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शिमला: जिले के लोग मटमैला पानी पीने को मजबूर हैं. गिरि परियोजना में गाद आने से पानी बिलकुल मटमैला हो गया है, जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है. मटमैले पानी ने नगर निगम की चिंता भी बढ़ा दी है. नगर निगम इसके लिए नदियों के किनारे लोकनिर्माण विभाग द्वारा की जा रही डंपिंग को जिम्मेवार ठहरा रहा है.

बता दें कि शुक्रवार को नगर निगम की महापौर ने आधिकारियों के साथ गिरि परियोजना का दौरा किया और परियोजनाओं में पानी का जायजा भी लिया. इस दौरान पाया गया कि गिरि परियोजना में मिट्टी वाले पानी की पंपिंग की जा रही है और वहीं पानी शहर में लोगों के घरों तक पहुंच रहा है. गाद आने से परियोजनाओं में पंपिंग भी नहीं हो रही हैं.

water problem in shimla
शिमला शहर में मटमैले पानी की हो रही सप्लाई

नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि डंपिंग साइट से सारी मिट्टी नदी में आ रही है, जो कि परियोजना तक पहुंच रही है. उन्होंने कहा कि इससे पानी मटमैला हो गया है और पानी में काफी गाद जमा हो गई है, जिससे पानी लिफ्ट नहीं हो रहा है.

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सदरेट ने कहा कि पंप से मेला पानी ही आ रहा है, जिससे बीमारियों का खतरा भी पैदा हो सकता है. उन्होंने कहा की गाद आने से पानी की सप्लाई आधी हो गई है. उन्होंने कहा कि गिरि परियोजना से जहां 20 एमएलडी पानी की सप्लाई होती थी वो अब सात एमएलडी तक पहुंच गई है. इसी तरह अन्य परियोजनाओं में भी पानी कम लिफ्ट हो रहा है.

water problem in shimla
शिमला शहर में मटमैले पानी की हो रही सप्लाई

महापौर ने कहा कि लोकनिर्माण विभाग द्वारा जगह-जगह मलबे की डंपिंग की गई है, जोकि बरसात में अब नदी में मिल रहा है और परियोजना में मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर उपायुक्त को अवगत करवाया जाएगा ताकि परियोजना में गाद न आए और शहरवासियों को गंदा पानी पीने को न मिले.

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बता दें कि बरसात में हर साल परियोजनाओं में गाद आ जाने से पंपिंग नहीं हो पाती है. इस बार भी परियोजनाओं में काफी गाद आ गई है, जिससे शहर में पानी का संकट पैदा हो गया है. शहर में एक दिन छोड़ कर पानी की सप्लाई हो रही है. पानी भी लोगो को गंदा मिल रहा है. मिट्टी पानी से मिलने से बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है.

ये भी पढे़ं-GHNP की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचे कनाडा के मैक्स, हिंदू रीति-रिवाज से किया बेटी का अस्थि विर्सजन

शिमला: जिले के लोग मटमैला पानी पीने को मजबूर हैं. गिरि परियोजना में गाद आने से पानी बिलकुल मटमैला हो गया है, जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है. मटमैले पानी ने नगर निगम की चिंता भी बढ़ा दी है. नगर निगम इसके लिए नदियों के किनारे लोकनिर्माण विभाग द्वारा की जा रही डंपिंग को जिम्मेवार ठहरा रहा है.

बता दें कि शुक्रवार को नगर निगम की महापौर ने आधिकारियों के साथ गिरि परियोजना का दौरा किया और परियोजनाओं में पानी का जायजा भी लिया. इस दौरान पाया गया कि गिरि परियोजना में मिट्टी वाले पानी की पंपिंग की जा रही है और वहीं पानी शहर में लोगों के घरों तक पहुंच रहा है. गाद आने से परियोजनाओं में पंपिंग भी नहीं हो रही हैं.

water problem in shimla
शिमला शहर में मटमैले पानी की हो रही सप्लाई

नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि डंपिंग साइट से सारी मिट्टी नदी में आ रही है, जो कि परियोजना तक पहुंच रही है. उन्होंने कहा कि इससे पानी मटमैला हो गया है और पानी में काफी गाद जमा हो गई है, जिससे पानी लिफ्ट नहीं हो रहा है.

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सदरेट ने कहा कि पंप से मेला पानी ही आ रहा है, जिससे बीमारियों का खतरा भी पैदा हो सकता है. उन्होंने कहा की गाद आने से पानी की सप्लाई आधी हो गई है. उन्होंने कहा कि गिरि परियोजना से जहां 20 एमएलडी पानी की सप्लाई होती थी वो अब सात एमएलडी तक पहुंच गई है. इसी तरह अन्य परियोजनाओं में भी पानी कम लिफ्ट हो रहा है.

water problem in shimla
शिमला शहर में मटमैले पानी की हो रही सप्लाई

महापौर ने कहा कि लोकनिर्माण विभाग द्वारा जगह-जगह मलबे की डंपिंग की गई है, जोकि बरसात में अब नदी में मिल रहा है और परियोजना में मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर उपायुक्त को अवगत करवाया जाएगा ताकि परियोजना में गाद न आए और शहरवासियों को गंदा पानी पीने को न मिले.

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बता दें कि बरसात में हर साल परियोजनाओं में गाद आ जाने से पंपिंग नहीं हो पाती है. इस बार भी परियोजनाओं में काफी गाद आ गई है, जिससे शहर में पानी का संकट पैदा हो गया है. शहर में एक दिन छोड़ कर पानी की सप्लाई हो रही है. पानी भी लोगो को गंदा मिल रहा है. मिट्टी पानी से मिलने से बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है.

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Intro:
शिमला के लोग मटमैला पानी पिने को मजबूर है ! परियोजनाओं में गाद आने से शहर में ख़राब पानी की सप्लाई हो रही है ! गिरी परियोजना में मिटटी वाले पानी की पम्पिंग की जा रही है और वही पानी शहर में लोगो के घरो तक पहुच रहा है ! परियोजना में गाद आने से पानी बिलकुल मटमैला हो गया है ! जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है ! मटमैले पानी ने नगर निगम की चिंता भी बड़ा दी है ! Body:शुक्रवार को नगर निगम की महापौर ने आधिकारियों के साथ गिरी परियोजना का दौरा किया और परियोजनाओं में पानी का जायजा भी लिया ! इस दौरान परियोजना में मटमैला पानी की सप्लाई हो रही है ! गाद के चलते पानी बिलकुल मेला हो गया है जिससे नगर निगम की मुश्किलें भी बढ़ गई है ! गाद आने से परियोनाओ में पम्पिंग भी नही हो रही है ! नगर निगम इसके लिए नदियों के किनारे लोकनिर्माण विभाग द्वारा की जा रही डंपिंग को जिम्मेवार ठहरा रहा है ! नगर निगम की महापौर कुसुम सद्रेट का कहना है की डंपिंग साईट से सारी मिटटी नदी में आ रही है जोकि परियोजना तक पहुच रही है जिससे पानी मेला हो गया है काफी गाद जमा हो गई है जिससे पानी लिफ्ट नही हो रहा है और मेला पानी ही आ रहा है जिससे बीमारी का खतरा भी पैदा हो सकता है ! उन्होंने कहा की गाद आने से पानी की सप्लाई आधी हो गई है ! गिरी योजना से जहा 20 एमएलडी पानी की सप्लाई होती थी वो अब सात एमएलडी तक पहुच गई है इसी तरह अन्य परियोजनाओं में भी पानी कम लिफ्ट हो रहा है ! उन्होंने कहा की लोकनिर्माण विभाग दवरा जगह जगह मलबे की डंपिंग की गई है जोकि बरसात में अब नदी में मिल रहा है और परियोजना में मिल रहा है इसको लेकर उपायुक्त को अवगत करवाया जायेगा ताकि परियोजना में गाद न आये और शहर वासियों को गन्दा पानी पिने को न मिले ।



Conclusion:बता दे बरसात में हर साल परियोजनाओं में गाद आ जाने से पमिंग नही हो पाती है। इस बार भी परियोजनाओं में काफी गाद आ गई है जिससे शहर में पानी का संकट पैदा हो गया है। शहर में एक दिन छोड़ कर पानी की सप्लाई हो रही है। पानी भी लोगो को गंदा मिल रहा है। मिट्टी पानी से मिलने से बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।
Last Updated : Jul 12, 2019, 6:37 PM IST
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