शिमला: बिलासपुर में बन रहे एम्स अस्पताल अभी शुरू नहीं हुआ हैं लेकिन वहां डॉक्टरों को तैनाती सरकार ने देनी शुरू कर दी है. इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल से डॉक्टर और एचओडी के एम्स के लिए तबादले करने पर विपक्ष मुखर हो गया है और सरकार पर कोरोना काल मे डॉक्टरों के तबादले कर लोगो को परेशान करने के आरोप लगाए हैं.
सरकार पर आरोप
शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बिलासपुर में एम्स का भवन बना नहीं है और ना ही फैकल्टी शुरू हुई है लेकिन सरकार प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल से डॉक्टरों और एचओडी के तबादले कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में प्रदेश भर से लोग इलाज करवाने आते हैं और इस महामारी के दौर में स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने के लिए डॉक्टरों की और तैनाती करने के बजाय सरकार यहां से डॉक्टरों को एम्स के लिए अभी से ही ट्रांसफर कर रही है. जबकि वहां पर अभी भवन नहीं बना है. आईजीएमसी के कई विभाग खाली हो गए हैं.
इलाज के लिए भटक रहे मरीज
विक्रमादित्य ने कहा कि विभागाध्यक्ष को ही यहां से ट्रांसफर कर दिया है. ऐसे में लोगों को यहां इलाज करवाने के लिए भटकना पड़ रहा है जोकि चिंता का विषय है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा इस कोरोना काल में डॉक्टरों को आईजीएमसी से ट्रांसफर नहीं किया जाना चाहिए.
आईजीएमसी में किडनी रोग विशेषज्ञ की कमी
बता दें आईजीएमसी अस्पताल में किडनी रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों के पहले ही कमी है. वहीं, अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के एचओडी और उनसे जूनियर डॉक्टर का चयन एम्स बिलासपुर के लिए हुआ है जबकि अस्पताल में विशेषज्ञ का पद खाली हो गया है. ऐसे में किडनी रोग का इलाज करने वाले लोगों के परेशानी से गुजारना पड़ रहा है.