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ई-विधान अकादमी बनने को तैयार नहीं तपोवन, सुविधाएं पूरी होने पर मिल सकती है मंजूरी

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि धर्मशाला के तपोवन में बने विधानसभा परिसर को ई-विधान प्रशिक्षण संस्थान बनाने में अभी कुछ समय लग सकता है. वहां पर अभी मूलभूत ढांचे को और अधिक विकसित किया जाना जरूरी है, जिसके बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है.

Vidhan Sabha Speaker
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार
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Published : May 21, 2020, 10:25 PM IST

शिमला: धर्मशाला के तपोवन में बने विधानसभा परिसर को ई-विधान प्रशिक्षण संस्थान बनाने में अभी कुछ समय लग सकता है. विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि वहां पर अभी मूलभूत ढांचे को और अधिक विकसित किया जाना जरूरी है, जिसके बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है.

पिछले दिनों लोकसभा अध्यक्ष और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के समक्ष भी इस मामले को उठाया गया है. विपिन सिंह परमार ने कहा कि जैसी ही इस एकेडमी को खोलने की सभी पैरामीटर पूरी कर लिए जाते हैं तो यहां जल्द ही ई-विधान एकेडमी बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट

ई-विधान प्रणाली को अब और अधिक विकसित किया जा रहा है. अब मोबाइल के माध्यम से अधिकारियों से जवाब लिए जाएंगे. इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू कर दिए जाएंगे. जल्द ही जिला स्तर पर ई-विधान प्रणाली को लेकर प्रशिक्षण आरंभ होगा और इस प्रणाली को मोबाइल पर कैसे प्रयोग करें इसको लेकर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि विधानसभा की ई विधान प्रणाली को और अधिक तेज गति से विकसित किया जा सके.

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि कोरोना के कारण पूरी दुनिया की तरह हिमाचल विधानसभा का कार्य भी प्रभावित हुआ है, लेकिन अब फिर से विधानसभा की अलग-अलग कमेटियों ने कार्य करना शुरू कर दिया है. इसके लिए कमेटियों का पुनर्गठन किया गया है और बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. समितियों की जितनी भी बैठक हिमाचल विधानसभा में हुई हैं उन सब में कोविड-19 से बचाव के सभी तरीकों को अपनाया गया है.

सोशल डिस्टेंसिंग और सेनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. इसके अलावा समितियों के सभी सदस्य मास्क लगाकर या गमछा लगाकर आ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि बदलते दौर के साथ हिमाचल विधानसभा भी अपग्रेड हो रही है और ई-विधान प्रणाली का इस दौर में सबसे अधिक लाभ हिमाचल प्रदेश विधानसभा को मिल रहा है.

इसके अलावा भविष्य में प्रदेश सरकार किस प्रकार की रणनीति अपनाने वाली है. इसका भी विधानसभा के सदस्यों और प्रदेश की जनता को पता चल सकेगा. उन्होंने कहा है कि विधायकों की इस मांग को सरकार तक पहुंचा दिया जाएगा और इस पर सही तरीके से विचार किया जाएगा.

परमार ने कहा कि विधायक 2 या 3 दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं. विधानसभा का विशेष सत्र कब बुलाया जाएगा, कितने दिनों का होगा इस पर फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता. विस्तृत विचार-विमर्श के बाद ही इसके पर फैसला लिया जाएगा.

शिमला: धर्मशाला के तपोवन में बने विधानसभा परिसर को ई-विधान प्रशिक्षण संस्थान बनाने में अभी कुछ समय लग सकता है. विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि वहां पर अभी मूलभूत ढांचे को और अधिक विकसित किया जाना जरूरी है, जिसके बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है.

पिछले दिनों लोकसभा अध्यक्ष और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के समक्ष भी इस मामले को उठाया गया है. विपिन सिंह परमार ने कहा कि जैसी ही इस एकेडमी को खोलने की सभी पैरामीटर पूरी कर लिए जाते हैं तो यहां जल्द ही ई-विधान एकेडमी बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा.

वीडियो रिपोर्ट

ई-विधान प्रणाली को अब और अधिक विकसित किया जा रहा है. अब मोबाइल के माध्यम से अधिकारियों से जवाब लिए जाएंगे. इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू कर दिए जाएंगे. जल्द ही जिला स्तर पर ई-विधान प्रणाली को लेकर प्रशिक्षण आरंभ होगा और इस प्रणाली को मोबाइल पर कैसे प्रयोग करें इसको लेकर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि विधानसभा की ई विधान प्रणाली को और अधिक तेज गति से विकसित किया जा सके.

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि कोरोना के कारण पूरी दुनिया की तरह हिमाचल विधानसभा का कार्य भी प्रभावित हुआ है, लेकिन अब फिर से विधानसभा की अलग-अलग कमेटियों ने कार्य करना शुरू कर दिया है. इसके लिए कमेटियों का पुनर्गठन किया गया है और बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. समितियों की जितनी भी बैठक हिमाचल विधानसभा में हुई हैं उन सब में कोविड-19 से बचाव के सभी तरीकों को अपनाया गया है.

सोशल डिस्टेंसिंग और सेनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. इसके अलावा समितियों के सभी सदस्य मास्क लगाकर या गमछा लगाकर आ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि बदलते दौर के साथ हिमाचल विधानसभा भी अपग्रेड हो रही है और ई-विधान प्रणाली का इस दौर में सबसे अधिक लाभ हिमाचल प्रदेश विधानसभा को मिल रहा है.

इसके अलावा भविष्य में प्रदेश सरकार किस प्रकार की रणनीति अपनाने वाली है. इसका भी विधानसभा के सदस्यों और प्रदेश की जनता को पता चल सकेगा. उन्होंने कहा है कि विधायकों की इस मांग को सरकार तक पहुंचा दिया जाएगा और इस पर सही तरीके से विचार किया जाएगा.

परमार ने कहा कि विधायक 2 या 3 दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं. विधानसभा का विशेष सत्र कब बुलाया जाएगा, कितने दिनों का होगा इस पर फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता. विस्तृत विचार-विमर्श के बाद ही इसके पर फैसला लिया जाएगा.

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