शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने आज विश्वविद्यालय में नवनियुक्त 153 शिक्षकों से विचार-विमर्श किया. विश्वविद्यालय के सभागार में हुए कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों,सांध्यकालीन अध्ययन केंद्र, क्षेत्रीय केंद्र धर्मशाला और विभिन्न केंद्रों के नवनियुक्त आचार्य, सह-आचार्य एवं सहायक आचार्य मौजूद रहे.
कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने विश्वविद्यालय परिवार में सम्मिलित होने पर सभी शिक्षकों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि नवनियुक्त शिक्षकों पर ही विश्वविद्यालय का भविष्य निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि यह शिक्षक ही तय करेंगे कि विश्वविद्यालय की दशा और दिशा क्या होगी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पहली बार 153 शिक्षकों की एक साथ भर्ती हुई. शिक्षकों की भर्ती से विद्यार्थियों को खासा लाभ मिलेगा.
सिकंदर कुमार ने कहा कि आज इस मुकाम पर पहुंचने के बाद हमें अपने माता-पिता, शिक्षकों परिवार और मित्रों को नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने हमें यहां तक पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित किया. कुलपति ने कहा कि शिक्षक एक सम्मानजनक पद है, जिसकी गरिमा हम सभी को बनाए रखनी है. उन्होंने कहा कि गुरु और शिष्य में अटूट संबंध होता है. जैसे रामायण में श्री राम के विश्वामित्र, और अगस्त्य के गुरु वशिष्ठ. श्री कृष्ण के संदीपनी, महाराणा प्रताप के राजवेंद्र, लव-कुश के वाल्मीकि. उन्होंने कहा कि गुरु का स्थान सबसे ऊंचा होता है.
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने शिक्षकों से कहा कि विश्वविद्यालय में अनेक विचारधाराओं के विद्यार्थी हैं. सभी शिक्षकों को विद्यार्थियों की विचारधारा को ध्यान में रखते हुए एक समान दृष्टि और एक समान व्यवहार के साथ काम करना है. कुलपति ने नई शिक्षा नीति 2020 पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश नई शिक्षा नीति को अपनाने वाला सबसे पहला राज्य है. उन्होंने कहा कि हम सभी को इस दस्तावेज को अक्षरशः लागू करना है. यह हम सभी का कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि आज विश्वविद्यालय ए ग्रेड है, लेकिन हमें आने वाले समय में इसे ए प्लस ग्रेड में पहुंचाना है.
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