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इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हिमाचल बनेगा मॉडल स्टेट, 1000 करोड़ से बदली जाएंगी HRTC बसें

हिमाचल की सरकारी यानी एचआरटीसी की डीजल बसों को 1000 करोड़ से इलेक्ट्रिक बसों से रिप्लेस किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक आदर्श राज्य के रूप में उभरेगा. (budget for electric vehicles in himachal) (Use of electric vehicles in Himachal)

budget for electric vehicles in himachal
budget for electric vehicles in himachal
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Published : Mar 19, 2023, 9:28 AM IST

शिमला: हिमाचल इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मॉडल स्टेट बनेगा. हिमाचल की सुखविंदर सिंह सरकार ने इस बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े स्तर पर अपनाने के लिए कदम उठाए हैं. इसके तहत हिमाचल की सरकारी यानी एचआरटीसी की डीजल बसों को 1000 करोड़ से इलेक्ट्रिक बसों से रिप्लेस किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक आदर्श राज्य के रूप में उभरेगा. ग्रीन स्टेट की ओर कदम आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने बजट में निजी ऑपरेटरों को ई-बसों तथा ई-ट्रकों की खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी और अधिकतम 50 लाख रुपये तक सब्सिडी देने की घोषणा की. इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने राज्य की 18 वर्ष या इससे अधिक आयु की 20 हजार होनहार छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी की खरीद के लिए 25 हजार रुपये की सब्सिडी देने की भी घोषणा की.

इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने पर भी 50 प्रतिशत सब्सिडी: मुख्यमंत्री ने बजट में हिमाचल में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के इच्छुक निजी निवेशकों को 50 प्रतिशत सब्सिडी देने की भी घोषणा की. व्यवहार्यता को देखते हुए भविष्य में इस सब्सिडी में बढ़ोतरी भी की जा सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य में युवाओं को विभिन्न रूटों पर ई-बसें चलाने के लिए परमिट भी जारी किए जाएंगे.

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ग्रीन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे: मुख्यमंत्री ने नादौन में ई-बस डिपो स्थापित करने और शिमला बस अड्डे को ई-डिपो में बदलने की भी घोषणा की. प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को ग्रीन कोरिडोर में विकसित करने का प्रस्ताव है. इसमें परवाणू-नालागढ़-ऊना-हमीरपुर-देहरा-अंब-मुबारकपुर-संसारपुर टैरेस-नूरपुर राजमार्ग, पांवटा- नाहन-सोलन-शिमला, परवाणू-सोलन-शिमला-रामपुर-पिओ-पूह-काजा-ताबो-लोसर राजमार्ग, शिमला-बिलासपुर-हमीरपुर-कांगड़ा-नूरपुर-बनीखेत-चंबा, मंडी-जोगिंदरनगर-पालमपुर-धर्मशाला- कांगड़ा-पठानकोट राजमार्ग और कीरतपुर-बिलासपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली- केलंग-बारालाचा स्थित ज़िंग-जिंगबार शामिल है.

कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए ई वाहन बेहतर विकल्प: मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस तरह की ग्रीन पहलें ईंधन क्षमता की दृष्टि से अहम है. इलेक्ट्रिक वाहन के संचालन से खर्च कम करके जीवाश्म ईंधन की बढ़ते बोझ को भी कम किया जा सकता है. साथ ही यह कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए गैस, पैट्रोल व डीजल के ग्रीन विकल्प के रूप में भी उपयोग में लाए जा सकेंगे. उन्होंने कहा कि परिवहन क्षेत्र से प्रदेश के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर, ग्रीन हाउस गैसों के दूरगामी प्रभावों और ईंधन की बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए यह बजट हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने का रास्ता खोलेगा. इसके अतिरिक्त, ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के साथ ही हिमाचल राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा अभियान के साथ आगे बढ़ने के लिए भी तैयार है. हिमाचल ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करने के लिए जाइका से भी सहयोग के लिए हाथ बढ़ाए हैं और यह इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लक्ष्यों को हासिल करने में दूरगामी सिद्ध होगा.

पीपीपी मोड पर सोलर परियोजनाएं भी स्थापित करेगी सरकार: मुख्यमंत्री ने कहा है कि ग्रीन और स्वच्छ हिमाचल की ओर आगे बढ़ते हुए पीपी मोड यानी निजी-सार्वजनिक भागीदारी के माध्यम से प्रदेश में विभिन्न सौर परियोजनाएं स्थापित करने का भी प्रस्ताव है. इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर स्वच्छ बिजली उपलब्ध होगी और कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा. उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में पायलट आधार पर दो पंचायतों में 500 किलोवाट से एक मैगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर इन्हें ग्रीन पंचायतों के रूप में भी विकसित किया जाएगा. प्रदेश के युवाओं को अपनी अथवा लीज पर ली गई भूमि पर 250 किलोवाट से दो मैगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने पर 40 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान भी बजट में किया गया है. प्रदेश सरकार स्वयं भी सौर ऊर्जा संयंत्रों में निवेश करेगी और वर्ष 2023-24 में 500 मैगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी.

ये भी पढ़ें: वित्त वर्ष 2024-25 में 1 लाख करोड़ के कर्ज में डूब जाएगा हिमाचल, इस साल 11840 करोड़ का लोन लेगी सरकार

शिमला: हिमाचल इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मॉडल स्टेट बनेगा. हिमाचल की सुखविंदर सिंह सरकार ने इस बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े स्तर पर अपनाने के लिए कदम उठाए हैं. इसके तहत हिमाचल की सरकारी यानी एचआरटीसी की डीजल बसों को 1000 करोड़ से इलेक्ट्रिक बसों से रिप्लेस किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक आदर्श राज्य के रूप में उभरेगा. ग्रीन स्टेट की ओर कदम आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने बजट में निजी ऑपरेटरों को ई-बसों तथा ई-ट्रकों की खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी और अधिकतम 50 लाख रुपये तक सब्सिडी देने की घोषणा की. इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने राज्य की 18 वर्ष या इससे अधिक आयु की 20 हजार होनहार छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी की खरीद के लिए 25 हजार रुपये की सब्सिडी देने की भी घोषणा की.

इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने पर भी 50 प्रतिशत सब्सिडी: मुख्यमंत्री ने बजट में हिमाचल में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के इच्छुक निजी निवेशकों को 50 प्रतिशत सब्सिडी देने की भी घोषणा की. व्यवहार्यता को देखते हुए भविष्य में इस सब्सिडी में बढ़ोतरी भी की जा सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य में युवाओं को विभिन्न रूटों पर ई-बसें चलाने के लिए परमिट भी जारी किए जाएंगे.

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ग्रीन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे: मुख्यमंत्री ने नादौन में ई-बस डिपो स्थापित करने और शिमला बस अड्डे को ई-डिपो में बदलने की भी घोषणा की. प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को ग्रीन कोरिडोर में विकसित करने का प्रस्ताव है. इसमें परवाणू-नालागढ़-ऊना-हमीरपुर-देहरा-अंब-मुबारकपुर-संसारपुर टैरेस-नूरपुर राजमार्ग, पांवटा- नाहन-सोलन-शिमला, परवाणू-सोलन-शिमला-रामपुर-पिओ-पूह-काजा-ताबो-लोसर राजमार्ग, शिमला-बिलासपुर-हमीरपुर-कांगड़ा-नूरपुर-बनीखेत-चंबा, मंडी-जोगिंदरनगर-पालमपुर-धर्मशाला- कांगड़ा-पठानकोट राजमार्ग और कीरतपुर-बिलासपुर-मंडी-कुल्लू-मनाली- केलंग-बारालाचा स्थित ज़िंग-जिंगबार शामिल है.

कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए ई वाहन बेहतर विकल्प: मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस तरह की ग्रीन पहलें ईंधन क्षमता की दृष्टि से अहम है. इलेक्ट्रिक वाहन के संचालन से खर्च कम करके जीवाश्म ईंधन की बढ़ते बोझ को भी कम किया जा सकता है. साथ ही यह कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए गैस, पैट्रोल व डीजल के ग्रीन विकल्प के रूप में भी उपयोग में लाए जा सकेंगे. उन्होंने कहा कि परिवहन क्षेत्र से प्रदेश के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर, ग्रीन हाउस गैसों के दूरगामी प्रभावों और ईंधन की बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए यह बजट हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने का रास्ता खोलेगा. इसके अतिरिक्त, ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के साथ ही हिमाचल राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा अभियान के साथ आगे बढ़ने के लिए भी तैयार है. हिमाचल ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित करने के लिए जाइका से भी सहयोग के लिए हाथ बढ़ाए हैं और यह इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लक्ष्यों को हासिल करने में दूरगामी सिद्ध होगा.

पीपीपी मोड पर सोलर परियोजनाएं भी स्थापित करेगी सरकार: मुख्यमंत्री ने कहा है कि ग्रीन और स्वच्छ हिमाचल की ओर आगे बढ़ते हुए पीपी मोड यानी निजी-सार्वजनिक भागीदारी के माध्यम से प्रदेश में विभिन्न सौर परियोजनाएं स्थापित करने का भी प्रस्ताव है. इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर स्वच्छ बिजली उपलब्ध होगी और कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा. उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में पायलट आधार पर दो पंचायतों में 500 किलोवाट से एक मैगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर इन्हें ग्रीन पंचायतों के रूप में भी विकसित किया जाएगा. प्रदेश के युवाओं को अपनी अथवा लीज पर ली गई भूमि पर 250 किलोवाट से दो मैगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने पर 40 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान भी बजट में किया गया है. प्रदेश सरकार स्वयं भी सौर ऊर्जा संयंत्रों में निवेश करेगी और वर्ष 2023-24 में 500 मैगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी.

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