शिमला: एसजेवीएनएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने 60 मेगावाट की नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना (Naitwar Mori Hydro Electric Project) की 4.3 किलोमीटर लंबी हेड रेस सुरंग खुदाई के पूरा होने के प्रतीक के रूप में आखिरी बलास्ट को ट्रिगर किया. नैटवाड़ मोरी जल विद्युत परियोजना की कमीशनिंग के बाद हर साल 265.5 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा. इस परियोजना से उत्तराखंड को रॉयल्टी के रूप में 12% मुफ्त बिजली प्राप्त होगी. उन्होंने परियोजना स्थल पर नवनिर्मित कार्यालय परिसर, ट्रांजिट कैंप और टाउनशिप यमुना परिसर का भी उद्घाटन किया.
इस दौरान नंदलाल शर्मा ने परियोजना स्थलों का निरीक्षण किया और परियाजना के विभिन्न घटकों की समीक्षा की जिसमें हेड रेस टनल बैराज, पावर हाउस, सर्ज शॉफ्ट और 220 केवी ट्रांसमिशन लाइन शामिल हैं. उन्होंने परियोजना के सभी प्रमुख घटकों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया.
ये हैं एसजेवीएन के मुख्य उद्देश्य
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए नंद लाल शर्मा ने कहा कि मुझे एसजेवीएन की नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना के लिए सभी सुविधाओं से युक्त कार्यालय परिसर का उद्घाटन करते हुए बेहद खुशी हो रही है. उन्होंने कहा हमारे सभी देशवासियों को निर्बाध ऊर्जा उपलब्ध करवाने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता और 2040 तक 25 हजार मेगावाट की कंपनी बनने के एसजेवीएन के साझा विजन को साकार करने की प्रक्रिया और तेज होगी. समय पर परियोजनाओं को पूरा करना और कर्मचारियों का कल्याण हमेशा से ही एसजेवीएन के मुख्य उद्देश्य रहे हैं. उन्होंने परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए कर्मचारियों को समर्पित कड़ी मेहनत के साथ काम करने और परियोजना कार्यों की गति को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया.
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नंद लाल शर्मा ने एसजेवीएन के सभी कर्मचारियों और ठेकेदारों के प्रतिनिधियों से सुरक्षा प्रोटोकॉल और कोविड उपयुक्त व्यवहार का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया. एसजेवीएन परियोजना से उत्पन्न बिजली के ट्रांसमिशन के लिए लगभग 37 किलोमीटर की अपनी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण कर रहा है जिसे अप्रैल 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
एसजेवीएन परियोजना के आसपास विभिन्न विकास कार्य
परियोजना के चालू होने से क्षेत्र और विशेष रूप से परियोजना प्रभावित परिवारों को लाभ होगा क्योंकि 10 साल तक प्रति माह 100 यूनिट बिजली लागत के बराबर राशि प्रदान की जाएगी. इतना ही नहीं एसजेवीएन कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत परियोजना के आसपास के क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्य भी कर रहा है.
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