हमीरपुर: सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाए हैं. उन्होंने सीएम के फाइव स्टार होटल में ठहने को लेकर सवाल खड़े किए. इसके साथ ही उन्होंने ईडी की ओर से गिरफ्तार हमीरपुर के खनन कारोबारी के सीएम के साथ कथित रिश्तों को लेकर भी मुख्यमंत्री को घेरा.
राजेंद्र राणा ने कहा कि, 'एक तरफ मुख्यमंत्री प्रदेश में आर्थिक संकट का हवाला दे रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर वो 'फाइव स्टार' संस्कृति को खुद बढ़ावा दे रहे हैं, जो प्रदेश के मुखिया होने के नाते उन्हें शोभा नहीं देता. मुख्यमंत्री चंडीगढ़ स्थित हिमाचल भवन के सीएम सुइट का उपयोग करने की जगह बार-बार फाइव स्टार होटलों में ठहरना पसंद करते हैं. हाल ही में उन्होंने फाइव स्टार होटल 'हयात' में उन्होंने रात बिताई. मुख्यमंत्री के फाइव स्टार होटलों में रुकने का खर्च कौन वहन करता है. अगर ये बिल सरकारी खजाने से अदा किया जा रहा है, तो यह जनता के धन का दुरुपयोग है. यदि कोई अन्य व्यक्ति मुख्यमंत्री के ठहराव का खर्च वहन करता है, तो यह जानना प्रदेश की जनता का अधिकार है कि इसके पीछे क्या मंशा है. जब वो आठ अन्य विधायक सरकार के दमन चक्र से बचने के लिए मजबूरी में 'फाइव स्टार' होटल में ठहरे थे, तब मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए और उनके पीछे पुलिस लगा दी थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री की 'फाइव स्टार' ठहराव की आदत पर चुप्पी क्यों है.'
राजेंद्र राणा में सीएम से मांगा जवाब
राजेंद्र राणा ने केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा शिकंजे में लिए गए खनन कारोबारी के मुख्यमंत्री के साथ कथित संबंधों पर भी सवाल उठाए. राणा ने कहा कि, 'गिरफ्तार किया गया व्यक्ति मुख्यमंत्री की कार में सफर करता रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर रहे हैं. प्रदेश की जनता यह जानना चाहती है कि मुख्यमंत्री और उस व्यक्ति के बीच किस प्रकार का रिश्ता रहा है और इन संबंधों के पीछे क्या वजह है. प्रदेश की जनता इन सवालों का जवाब चाहती है. मुख्यमंत्री का यह व्यवहार यह साबित करता है कि आर्थिक संकट का राग केवल जनता को भ्रमित करने के लिए अलापा जा रहा है, जबकि हकीकत में फाइव स्टार लाइफस्टाइल और खनन माफिया से संबंधों को छिपाया जा रहा है. राजेंद्र राणा ने इन मुद्दों पर मुख्यमंत्री से सार्वजनिक स्पष्टीकरण की मांग की और कहा कि सवालों का जवाब न मिलने पर जनता में विश्वास का संकट गहराता जाएगा.'