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महाराज जगत सिंह सोसायटी को ट्रांसफर होगा राधा स्वामी सत्संग ब्यास का भोटा अस्पताल, सीएम बोले-विंटर सेशन में लाएंगे बिल

भोटा का राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल अब डेरा ब्यास की सिस्टर कंसर्न महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी को ट्रांसफर होगा.

राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल भोटा
राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल भोटा (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 3 hours ago

शिमला: एक बड़े घटनाक्रम के तहत हमीरपुर जिला के भोटा स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल अब डेरा ब्यास की सिस्टर कंसर्न महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी को ट्रांसफर होगा. सरकार ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि डेरा ब्यास से इस संदर्भ में काफी समय से आग्रह किया जा रहा था.

भोटा अस्पताल चेरिटेबल ट्रस्ट है और यहां मरीजों का निशुल्क इलाज होता है. अभी भोटा अस्पताल के लिए जो जरूरी स्वास्थ्य उपकरण खरीदे जाते हैं, उनके लिए जीएसटी का भुगतान करना होता है. ऐसे में राधा स्वामी सत्संग ब्यास प्रबंधन की तरफ से सरकार को आग्रह किया जा रहा था कि इसकी अनुमति दी जाए.

सुखविंदर सिंह सुक्खू, सीएम हिमाचल प्रदेश (ETV Bharat)

अब इसके लिए असेंबली के विंटर सेशन में ऑर्डिनेंस लाया जाएगा. सीएम ने कहा कि हिमाचल के लैंड सीलिंग एक्ट के प्रावधानों के संदर्भ में कुछ अड़चन आ रही हैं. उन्हें दूर करने के लिए ऑर्डिनेंस लाया जाएगा. ऑर्डिनेंस में डेरा बाबा जैमल सिंह जिसे राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरा के नाम से भी जाना जाता है, को लैंड सीलिंग एक्ट में छूट दी जाएगी.

सीएम ने कहा कि ये सेवा कार्य है और डेरा ब्यास के भोटा अस्पताल में मरीजों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं. स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद में जीएसटी का भुगतान न करना पड़े. इसके लिए डेरा ब्यास प्रबंधन इस अस्पताल को महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी को ट्रांसफर करना चाहती है. उल्लेखनीय है कि महाराज जगत सिंह जी डेरा ब्यास के तीसरे गुरु हुए हैं. उनके नाम पर ये सोसायटी बनी हुई है.

हिमाचल निर्माता के समय से सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट

हिमाचल पहाड़ी राज्य है. यहां के पहले मुख्यमंत्री व हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार के समय से सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट लागू है. इसका मकसद प्रदेश की भूमि को धन्ना सेठों के हाथ जाने से रोकना है. चूंकि हिमाचल में खेती लायक भूमि कम है और यहां की अस्सी फीसदी जनता खेती-बागवानी पर निर्भर है, लिहाजा इस एक्ट की जरूरत थी.

लैंड सीलिंग में कोई भी व्यक्ति या परिवार सिंचाई लायक जमीन सिर्फ 50 बीघा ही रख सकता है. केवल एक फसल देने वाली जमीन की सीमा 75 बीघा है, बगीचा रखने की सीमा 150 बीघा और जनजातीय क्षेत्र में 300 बीघा है. इससे अधिक भूमि कोई रख नहीं सकता.

धार्मिक संस्थाएं जो कृषक का दर्जा ले चुकी हैं, उनके लिए कोई सीमा नहीं है, लेकिन यदि सरप्लस जमीन बेचनी हो तो सरकार से अनुमति लेनी होती है. अब राज्य की कांग्रेस सरकार भोटा अस्पताल की कुछ जमीन तय शर्तों के अनुसार महाराज जगत सिंह रिलीफ सोसायटी को देने के लिए ऑर्डिनेंस लाएगी. सीएम ने इसके संकेत दिए हैं.

ये भी पढ़ें: दियोटसिद्ध मंदिर के रोट में खोट! पहले बकरों की नीलामी में धांधली, अब प्रसाद के सैंपल फेल

शिमला: एक बड़े घटनाक्रम के तहत हमीरपुर जिला के भोटा स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल ट्रस्ट अस्पताल अब डेरा ब्यास की सिस्टर कंसर्न महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी को ट्रांसफर होगा. सरकार ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि डेरा ब्यास से इस संदर्भ में काफी समय से आग्रह किया जा रहा था.

भोटा अस्पताल चेरिटेबल ट्रस्ट है और यहां मरीजों का निशुल्क इलाज होता है. अभी भोटा अस्पताल के लिए जो जरूरी स्वास्थ्य उपकरण खरीदे जाते हैं, उनके लिए जीएसटी का भुगतान करना होता है. ऐसे में राधा स्वामी सत्संग ब्यास प्रबंधन की तरफ से सरकार को आग्रह किया जा रहा था कि इसकी अनुमति दी जाए.

सुखविंदर सिंह सुक्खू, सीएम हिमाचल प्रदेश (ETV Bharat)

अब इसके लिए असेंबली के विंटर सेशन में ऑर्डिनेंस लाया जाएगा. सीएम ने कहा कि हिमाचल के लैंड सीलिंग एक्ट के प्रावधानों के संदर्भ में कुछ अड़चन आ रही हैं. उन्हें दूर करने के लिए ऑर्डिनेंस लाया जाएगा. ऑर्डिनेंस में डेरा बाबा जैमल सिंह जिसे राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरा के नाम से भी जाना जाता है, को लैंड सीलिंग एक्ट में छूट दी जाएगी.

सीएम ने कहा कि ये सेवा कार्य है और डेरा ब्यास के भोटा अस्पताल में मरीजों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं. स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद में जीएसटी का भुगतान न करना पड़े. इसके लिए डेरा ब्यास प्रबंधन इस अस्पताल को महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी को ट्रांसफर करना चाहती है. उल्लेखनीय है कि महाराज जगत सिंह जी डेरा ब्यास के तीसरे गुरु हुए हैं. उनके नाम पर ये सोसायटी बनी हुई है.

हिमाचल निर्माता के समय से सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट

हिमाचल पहाड़ी राज्य है. यहां के पहले मुख्यमंत्री व हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार के समय से सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट लागू है. इसका मकसद प्रदेश की भूमि को धन्ना सेठों के हाथ जाने से रोकना है. चूंकि हिमाचल में खेती लायक भूमि कम है और यहां की अस्सी फीसदी जनता खेती-बागवानी पर निर्भर है, लिहाजा इस एक्ट की जरूरत थी.

लैंड सीलिंग में कोई भी व्यक्ति या परिवार सिंचाई लायक जमीन सिर्फ 50 बीघा ही रख सकता है. केवल एक फसल देने वाली जमीन की सीमा 75 बीघा है, बगीचा रखने की सीमा 150 बीघा और जनजातीय क्षेत्र में 300 बीघा है. इससे अधिक भूमि कोई रख नहीं सकता.

धार्मिक संस्थाएं जो कृषक का दर्जा ले चुकी हैं, उनके लिए कोई सीमा नहीं है, लेकिन यदि सरप्लस जमीन बेचनी हो तो सरकार से अनुमति लेनी होती है. अब राज्य की कांग्रेस सरकार भोटा अस्पताल की कुछ जमीन तय शर्तों के अनुसार महाराज जगत सिंह रिलीफ सोसायटी को देने के लिए ऑर्डिनेंस लाएगी. सीएम ने इसके संकेत दिए हैं.

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