नाहन: देवभूमि हिमाच में एक बार फिर जंगल के राजा ने दस्तक दी है. सिरमौर जिले के पांवटा साहिब के जंबूखाला के जंगल में एक नहीं ,बल्कि टाइगर का जोड़ा पहुंचने की बात सामने आई है. सोमवार को वन विभाग की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर फुटप्रिंट लिए. पूरे मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है. टाइगर के यहां पहुंचने की यह मामला रविवार देर रात का है.
एक के फुटप्रिंट लेने गए थे मिल गए दो के: बताया जा रहा है कि जंबूखाला के पास निजी कंपनी के कर्मचारी ने अंधेरे में कंपनी परिसर के सामने जंगल की तरफ जाते हुए एक टाइगर देखा, जिसकी सूचना उसने कंपनी को दी और फिर वन विभाग को सूचना दी गई. सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम सोमवार को मौके पर पहुंची. टीम ने मौके पाया कि एक ही, बल्कि दो टाइगर के फुटप्रिंट के निशान हैं.
10 और 8 सेंटीमीटर निशान: वन विभाग के अनुसार एक टाइगर के 10 सेंटीमीटर तो दूसरे के 8 सेंटीमीटर पैरों के निशान पाए गए. हालांकि अभी विभागीय अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे है कि यह टाइगर के ही फुटप्रिंट हैं, लेकिन विभाग के स्थानीय स्तर के कर्मचारी नाम न छापने पर इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि एक नहीं ,बल्कि टाइगर के जोड़े के फुटप्रिंट मिले हैं.
निशनों की जांच जारी: वन विभाग पांवटा साहिब के कार्यकारी डीएफओ सौरभ जाखड़ ने बताया कि टाइगर के होने की सूचना मिलने के बाद विभागीय टीम ने मौके से फुटप्रिंट लिए.अभी यह नहीं कहा जा सकता कि यह टाइगर के ही फुटप्रिंट होंगे. विभाग इसका जांच कर रहा है. उसके बाद जानकारी को साझा किया जाएगा.
20 दिन पहले भी दिखा था टाइगर: बता दें कि टाइगर की कुछ दिनों के भीतर क्षेत्र में यह दूसरी दस्तक है. इससे पहले हाल ही में जनवरी माह में एक टाइगर के फुटप्रिंट पांवटा साहिब के शमशेर जंग नेशनल पार्क सिंबलवाड़ा के आसपास के क्षेत्र में भी पाए गए थे. महज 20 दिनों के अंदर टाइगर के पांवटा साहिब में पहुंचने का यह दूसरा मामला है.
हिमाचल में टाइगर की मौजूदगी दुर्लभ: बता दें कि पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में टाइगर की मौजूदगी दुर्लभ है. केवल पांवटा घाटी ही एक ऐसा इलाका है, जहां उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क से टाइगर की आने की संभावना रहती है. यही नहीं यहां पर हाथियों का आवागमन भी काफी लंबे अरसे से चल रहा है. ऐसे में अब टाइगर की दस्तक ने विभाग के साथ-साथ वन्य प्राणी प्रेमियों को उत्साहित कर दिया है.