शिमला: शहर में कश्मीरी मजदूरों को राशन न मिलने और कामगारों को खाने के लिए कोई व्यवस्था न होने के मामले में ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने एसडीएम शहरी के कार्यालय के बाहर धरना दिया था. धरने पर बैठे विधायक और प्रशासन के अधिकारियों के बीच नोंक झोंक भी हुई थी, जिससे तनावपूर्ण स्थिति बन गई.
धरने पर बैठे विधायक राकेश सिघा संजय चौहान और प्रशासन के बीच समझौता होने के बाद धरना समाप्त हो गया. राकेश सिंघा ने बताया कि प्रदेश में पूरे देश की तरह ही असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मनरेगा व निर्माण मजदूर सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं.
प्रदेश में इनकी संख्या आठ लाख से ज्यादा है. इनमें से प्रदेश सरकार ने चार हजार रुपये की घोषणा श्रमिक कल्याण बोर्ड से जुड़े जिन मजदूरों के लिए की है. उनकी संख्या केवल डेढ़ लाख के करीब है. इनके लिए जो ग्यारह करोड़ की राशि प्रदेश सरकार ने जारी की है उस से केवल 56 हजार मजदूरों को ही दो हजार रुपये नसीब हो पाएंगे.
इस तरह श्रमिक कल्याण बोर्ड से जुड़े मजदूरों के लगभग एक-तिहाडी हिस्से को ही यह आर्थिक फायदा मिल पाएगा. उन्होंने कहा कि शिमला जिला प्रशासन ने स्वयं स्वीकर किया है कि शिमला शहर में उन्होंने केवल एक हजार दो सौ मजदूरों को राशन दिया है जोकि शहर की कुल श्रम शक्ति का केवल पांच प्रतिशत है.
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