शिमला: बहुचर्चित कोटखाई गुड़िया रेप मर्डर मामले से जुड़े सूरज लॉकअप हत्याकांड मामले में हिरासत में चल रहे पूर्व शिमला एसपी डीडब्ल्यू नेगी की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई जज सुरेश्वर ठाकुर के अदालत में हुई. वहीं, कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई 12 अप्रैल को सुनिश्चित की है.
सीबीआई ने कोर्ट में बताया कि उनके वरिष्ठ वकील और केस का आईओ निजी कारणों से कोर्ट में नहीं आ सके. सीबीआई ने कहा कि डीडब्ल्यू नेगी और जहूर जैदी के केस में काफी फर्क है. इसी बीच कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिए कि वो इन सब पर एक एफिडेविट फाइल करें.
सूत्रों के अनुसार, पूर्व एसपी नेगी पर झूठी एफआईआर बनाने, सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने, तथ्यों को छुपाने व पकड़े गए एक कथित आरोपी राजू के खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप है. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कुछ लोगों को गवाह भी बनाया है, जिसमें पुलिस विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मी भी शामिल बताए गए हैं. कोटखाई में छात्रा के साथ हुई दरिंदगी व मर्डर और आरोपी सूरज की कोटखाई थाने में हत्या के दौरान भी
नेगी शिमला में एसपी थे.
बता दें कि गुड़िया चार जुलाई 2017 को स्कूल से घर लौटने के बाद से लापता हो गई थी और छह जुलाई को उसका शव बरामद हुआ था. पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन कोटखाई पुलिस लॉकअप में एक आरोपी सूरज की कस्टोडियल डेथ हो गई थी. लोगों के दवाब के कारण ये मामला सीबीआई को सौंपा गया, जिसके लिए राज्य सरकार खुद हाईकोर्ट गई थी और वहां अर्जी लगाकर मामले को सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया था. इसके बाद सीबीआई ने सूरज की हत्या के आरोप में प्रदेश पुलिस के आईजी जहूर जैदी समेत आठ पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया था.