शिमला: सुखविंदर सिंह सरकार चुनाव पूर्व घोषित की कई 10 गारंटियों को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है. कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले पशुपालकों से दूध खरीदने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ सरकार की तर्ज पर 2 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदने की गारंटी दी थी. सुखविंदर सरकार इन दोनों गारंटियों को लेकर अपने पहले बजट में बड़ी घोषणा करेगी.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लेकर 1 हजार करोड़ का बजट: पशुपालकों से 80 रुपए लीटर गाय का दूध खरीदा जाएगा. इसके साथ ही 100 रुपए लीटर भैंस का दूध खरीदने का प्लान है. सुखविंदर सिंह सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कम से कम 1 हजार करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान करेगी, इसमें किसानों-बागवानों के साथ-साथ पशुपालकों के लिए भी योजनाएं होंगी. प्रमुख रूप से दूध खरीद पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.हिमाचल प्रदेश में मिल्क फेडरेशन पशुपालकों से दूध खरीदता है. इससे कई किस्म के दुग्ध उत्पाद तैयार किए जाते हैं.
हिमाचल में 4 लाख 70 हजार पशुपालक: हिमाचल प्रदेश में 4 लाख 70 हजार के करीब पशुपालक हैं. ये मिल्कफेड के अलावा खुले बाजार में भी दूध बेचते हैं. सरकार का प्रयास है कि पशुपालकों से हर रोज कम से कम 10 लीटर दूध प्रति पशुपालक खरीदा जाए. सरकार पशुपालकों को गाय के दूध के लिए 80 रुपए प्रति लीटर व भैंस के दूध के लिए 100 रुपए प्रति लीटर दाम देने की तैयारी कर रही है. इस प्रकार एक पशुपालक यदि गाय का दूध बेचता है तो उसे एक दिन में 800 रुपए मिलेंगे. यानी 10 लीटर गाय का दूध प्रति लीटर 80 रुपए बेचने पर उसे महीने भर में 24 हजार की आय होगी.
सुखविंदर सरकार पशुपालकों को बड़ा लाभ देगी: अभी मिल्कफेड पशुपालकों से 32 रुपए प्रति लीटर दूध खरीद रहा है. दूध का खरीद मूल्य बढ़ाने के लिए कई बार पशुपालक अपनी मांग सरकार के समक्ष रखते हैं. सरकार हर बजट में 1 या 2 रुपए प्रति लीटर दूध का खरीद मूल्य बढ़ाती है, लेकिन इससे पशुपालक संतुष्ट नहीं हैं. अब सुखविंदर सिंह सरकार पशुपालकों को बड़ा लाभ देने जा रही है. गाय व भैंस का दूध क्रमश: प्रति लीटर 80 व 100 रुपए के हिसाब से खरीदा जाएगा. इससे गाय का दूध बेचने वाले पशुपालकों को 24 हजार रुपए प्रति महीना व भैंस का दूध बेचने वाले को 30 हजार रुपए प्रति महीना आय हो सकेगी.
अभी 32 रुपए प्रति लीटर खरीदा जाता दूध: अभी सरकार ने ये तय करना है कि दूध खरीद का सिस्टम कैसा होगा. अभी मिल्कफेड पशुपालकों से दूध इकट्ठा करता है. अभी मिल्कफेड पशुपालकों से रोजाना सवा लाख लीटर के करीब दूध खरीदता है. यानी 32 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से 1 दिन में 40 लाख रुपए का दूध खरीदा जाता है. प्रदेश भर में 11 दूध संयंत्र हैं. मंडी के चक्कर व शिमला के रामपुर के दत्तनगर में बड़े चिलिंग प्लांट हैं. अन्य संयंत्र कम क्षमता के हैं. सरकार आने वाले समय में मिल्क प्लांट्स की क्षमता बढ़ाएगी.
पशुपालकों को मजबूत करना जरूरी: मूल रूप से सरकार का मकसद पशुपालकों की आर्थिकी को मजबूत करना है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसके लिए पशुपालन विभाग के साथ-साथ अन्य संबंधित विभागों को भी विस्तार से योजना तैयार करने के निर्देश दिए हुए हैं. सीएम सुखविंदर सिंह का कहना है कि ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए पशुपालकों को मजबूत करना जरूरी है. दूध व गोबर की खरीद से ग्रामीण इलाकों में अधिक से अधिक लोग पशुपालन की तरफ प्रेरित होंगे.
गोवंश को बेसहारा छोड़ने पर अकुंश: इससे सड़कों पर गोवंश को बेसहारा छोड़े जाने की बुराई पर भी अंकुश लगेगा. वहीं, हिमाचल प्रदेश के किसानों को दूध गंगा योजना की तरफ भी प्रेरणा मिलेगी. दूध गंगा योजना में दुधारू पशु खरीदने के लिए लोन व अनुदान मिलता है. यदि सुखविंदर सिंह सरकार दूध खरीद योजना को मार्च महीने से ही लागू करती है तो पशुपालक अधिक से अधिक संख्या में दूध गंगा योजना का लाभ लेने के लिए भी आगे आएंगे.
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