शिमला: हिमाचल सरकार राज्य में मौजूदा सिंगल विंडो सिस्टम को समाप्त करेगी. यह बात उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा के सवाल के जवाब में कही. उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम की प्रक्रिया अभी बहुत लंबी है. अभी तक एनओसी भी निवेशकों को संबंधित विभागों से लेने पड़ रहे हैं. ऐसे में सिंगल विंडो की जगह इन्वेस्टमेंट ब्यूरो बनाया जाएगा. यह ब्यूरो सभी तरह के एनओसी संबंधित विभागों से कनेक्ट करेगा.
यही नहीं इसमें संबंधित विभागों को एक निश्चित समय में मंजूरिया देने का प्रावधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार धारा 118 प्रक्रिया को भी कम करेगी, अभी इसकी प्रक्रिया लंबी है. इससे हिमाचल में निजी निवेश बढ़ेगा, जिससे हिमाचल में नौकरियां मिलेंगी और इससे राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी. उद्योग मंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में 41,684 करोड़ रुपए के निवेश के 901 एमओयू साइन किए गए हैं.
इनमें से 523 एमओयू को धरातल पर उतारा जा चुका है, जबकि 228 उद्योग स्थापित भी हो गए हैं. 157 उद्योगों में कारखाने स्थापित करने का काम चल रहा हैं. राज्य में स्थापित हो चुके 228 उद्योगों में 9366 लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है. उन्होंने कहा कि निजी निवेश आकर्षित करने के लिए हर सरकार प्रचार और प्रसार का सहारा लेती है. उनकी सरकार भी इस दिशा में कदम उठाएगी.
लोकतंत्र प्रहरी योजना रद्द करने पर सदन गरमाया- विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने लोकतंत्र प्रहरी योजना को बंद करने का मसला सदन में उठाया. जयराम ठाकुर ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को रातों रात इमरजेंसी लगा दी और लोकतंत्र के लिए लड़ रहे बुहत सारे नेताओं को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया. उन्होंने कहा कि मीसा के तहत 19 महीने हिमाचल के बहुत सारे लोग जेल की सलाखों के पीछे डाले गए.
उन्होंने कहा कि हिमाचल में कई महीनों तक जेल में रहने वाले लोगों की संख्या 80 से भी कम है. यह कोई स्कीम नहीं बनाई थी. इसके लिए सदन में बिल लाया गया था और बिल पारित होने के बाद यह कानून बना दिया गया. इसके तहत 20 हजार और 12 हजार देने की योजना थी. उन्होंने सवाल उठाया कि इस योजना को बंद करने की जरूरत क्यों हुई. उन्होंने कहा कि क्या सीएम लोकतंत्र प्रहरी योजना को बहाल करेंगे.
योजना को लागू करना सरकारी धन का दुरुपयोग करना- इस पर हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने जो मुद्दा उठाया है वह रिलेवेंट नहीं है. इस बारे में क्या करना है और क्या नहीं करना है, यह सरकार तय करेगी. इस पर सदन गरमा गया. विपक्षी सदस्यों ने इस पर शोर शराबा किया. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल में इस योजना के तहत कई राजनीतिक लोग हैं, इनमें इसके पात्र कई विधायक और मंत्री है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में मीसा के तहत जेल में राजनीतिक लोग रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस योजना को लागू कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया.