हमीरपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा आयोजित ‘नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की. इस सम्मेलन में नादौन से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वर्चुअली भाग लिया और बढ़ते नशे के संकट से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश की प्रतिबद्धता पर बल दिया. सम्मेलन में नशीले पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें आठ उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर विशेष ध्यान दिया गया.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई 'मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा' विषय पर आयोजित उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में वर्चुअली हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने और राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों और कड़े निर्णयों की जानकारी सांझा की है.
आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वर्चुअली भाग लिया।
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) January 11, 2025
नशे के खिलाफ हमारी सरकार निर्णायक लड़ाई लड़ रही है। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर हमने अपने प्रयासों और योजनाओं का प्रेजेंटेशन भी प्रस्तुत किया है। pic.twitter.com/X0YASV3XW8
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, "पिछले एक दशक में नशीले पदार्थों की तस्करी के मामलों में 340 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2012 में लगभग 500 मामलों से बढ़कर वर्ष 2023 में 2,200 मामले हो गए हैं. इसके अतिरिक्त हेरोइन से जुड़े मामलों का प्रतिशत भी दोगुना हो गया है, जो वर्ष 2020 में 29 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2024 में 50 प्रतिशत हो गया है. उन्होंने सिंथेटिक दवाओं की चिंताजनक स्थिति का उल्लेख किया. जो कि दुष्प्रभावी होने के साथ-साथ इसकी रासायनिक संरचना के कारण नियंत्रित करना भी कठिन है".
![गृह मंत्री अमित शाह के साथ सीएम सुक्खू की वर्चुअल मीटिंग](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11-01-2025/hp-hmr-01-hamirpurcmnews-avbahp10016_11012025153001_1101f_1736589601_1077.jpg)
बता दें कि नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है. विशेष रूप से अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में जो अवैध गतिविधियों का केंद्र बन चुके हैं. सीएम ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी अक्सर संगठित अपराध और आतंकवाद का कारण बनती है, जो देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए बढ़ा खतरा पैदा करती है.
सीएम ने कानून प्रवर्तन सार्वजनिक स्वास्थ्य पुनर्वास और न्यायिक सुधारों के समन्वयन से मादक पदार्थों को नियंत्रित करने के लिए हिमाचल प्रदेश की बहुआयामी रणनीति को भी रेखांकित किया. नशे की लत से पीड़ित लोग स्वभाव से अपराधी नहीं होते. हमारा दृष्टिकोण दंडात्मक उपायों से आगे बढ़कर मजबूत पुनर्वास ढांचा विकसित करना होना चाहिए.
ये भी पढ़ें: शिमला में शख्स घर से चलाता था नशे का कारोबार, पुलिस ने बरामद किया चिट्टा, चरस और नकदी