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हिमाचल के विकास में पैरा कर्मियों की अहम भूमिका, सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगी सरकार: CM सुक्खू - Sukhu government increased wages of para workers

हिमाचल के विकास में पैरा कर्मियों की अहम भूमिका को देखते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उनके सामाजिक व आर्थिक हित्त सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार ने दैनिक भोगियों की दिहाड़ी को 350 रुपए से बढ़ाकर 375 रुपए किया है, इससे उन्हें अब हर माह 750 रुपए का लाभ मिलेगा.

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CM सुक्खू
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Published : Jun 9, 2023, 6:37 AM IST

शिमला: हिमाचल के विभिन्न विभागों में पैरा वर्करों की तैनाती गई है. यह अन्य कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा राज्य विकास में पैरा वर्कर की अहम भूमिका है. इसको देखते हुए सरकार इनके सामाजिक व आर्थिक हित्त सुनिश्चित कर रही है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा सरकार ने सामाजिक सरोकार को प्राथमिकता देते हुए राज्य के कर्मचारियों और पैरा कर्मियों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं. राज्य के विकास में कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मान देते हुए सरकार ने सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत लाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. सरकार के इस निर्णय से कर्मठ कर्मचारियों को सेवानिवृति के बाद भी सामाजिक सुरक्षा प्राप्त होगी.

सीएम सुक्खू ने कहा कि पैरा कर्मियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए सरकार ने उन्हें वह सम्मान देने का निर्णय लिया है, जिसके वे हकदार हैं. प्रदेश सरकार ने दैनिक भोगियों की दिहाड़ी को 350 रुपए से बढ़ाकर 375 रुपए किया है, इससे उन्हें अब प्रतिमाह 750 रुपए का लाभ मिल रहा है.

इसी तरह कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के समर्पण और निःस्वार्थ भाव को देखते हुए सरकार ने उनके मानदेय को 9000 रुपये से बढ़ाकर 9500 रुपये प्रति माह किया है. मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय को भी 6100 रुपये से बढ़ाकर 6600 रुपये किया है. आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 4700 रुपये से बढ़ाकर 5200 रुपये किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा हिमाचल में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं की मानवीय सेवा से राज्य सरकार भली भांति परिचित है. यह स्वास्थ्य सेवाओं में अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं. इनको देखते हुए राज्य सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं केे मानदेय में 500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की. अब आशा कार्यकर्ताओं को 5200 रुपये का मासिक मानदेय मिल रहा है. सिलाई शिक्षक, नए प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने उनके मानदेय में 500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की है. राज्य सरकार ने उनके मानदेय को 3500 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये प्रति माह कर किया है.

नौनिहालों को पोषणयुक्त भोजन परोसने वाले मिड-डे मील कार्यकर्ताओं का अब सरकार ने मानदेय को 3500 रुपए से बढ़ाकर 4000 रुपए प्रतिमाह किया है. शिक्षा विभाग में कार्यरत जल रक्षकों के मानदेय में 500 रुपये की वृद्धि भी की गई है और अब जल रक्षकों को 3900 रुपए के बजाए 4400 रुपए प्रति माह मिल रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार पैरा श्रमिकों की विभिन्न श्रेणियों को सम्मानजनक पारिश्रमिक प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. जलरक्षकों, बहुउद्देश्यीय कर्मियों, पैरा फिटरों और पंप संचालकों के मानदेय में 500 रुपये की वृद्धि की गयी है. इसके अलावा, राज्य सरकार ने पंचायत चौकीदारों, राजस्व चौकीदारों, एसएमसी शिक्षकों और लंबरदारों के मानदेय में भी सम्मानजनक वृद्धि की है.

मुख्यमंत्री ने कहा आउटसोर्स कर्मचारियों के योगदान को देखते हुए सरकार ने उनके लिए न्यूनतम वेतन प्रति माह 11,250 रुपये निश्चित किया है. हाल की कैबिनेट बैठक में सरकार ने अंशकालीन पंचायत चौकीदारों के मासिक मानदेय को 6200 रुपए से बढ़ाकर 6700 रुपए करने का निर्णय लिया है. यह निर्णय 01 अप्रैल से लागू होगा. इस निर्णय ने राज्य के 3226 अंशकालिक पंचायत चौकीदारों लाभान्वित होंगे. प्रदेश के विकास में कर्मचारियों और पैरा वर्कर्स को सहभागी बनाते हुए राज्य सरकार उनके कल्याण और उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश में लंबित प्रोजेक्टों को लेकर मुख्यमंत्री निवेशकों के साथ करेंगे बैठक

शिमला: हिमाचल के विभिन्न विभागों में पैरा वर्करों की तैनाती गई है. यह अन्य कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा राज्य विकास में पैरा वर्कर की अहम भूमिका है. इसको देखते हुए सरकार इनके सामाजिक व आर्थिक हित्त सुनिश्चित कर रही है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा सरकार ने सामाजिक सरोकार को प्राथमिकता देते हुए राज्य के कर्मचारियों और पैरा कर्मियों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं. राज्य के विकास में कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मान देते हुए सरकार ने सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत लाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. सरकार के इस निर्णय से कर्मठ कर्मचारियों को सेवानिवृति के बाद भी सामाजिक सुरक्षा प्राप्त होगी.

सीएम सुक्खू ने कहा कि पैरा कर्मियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए सरकार ने उन्हें वह सम्मान देने का निर्णय लिया है, जिसके वे हकदार हैं. प्रदेश सरकार ने दैनिक भोगियों की दिहाड़ी को 350 रुपए से बढ़ाकर 375 रुपए किया है, इससे उन्हें अब प्रतिमाह 750 रुपए का लाभ मिल रहा है.

इसी तरह कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के समर्पण और निःस्वार्थ भाव को देखते हुए सरकार ने उनके मानदेय को 9000 रुपये से बढ़ाकर 9500 रुपये प्रति माह किया है. मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय को भी 6100 रुपये से बढ़ाकर 6600 रुपये किया है. आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 4700 रुपये से बढ़ाकर 5200 रुपये किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा हिमाचल में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं की मानवीय सेवा से राज्य सरकार भली भांति परिचित है. यह स्वास्थ्य सेवाओं में अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं. इनको देखते हुए राज्य सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं केे मानदेय में 500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की. अब आशा कार्यकर्ताओं को 5200 रुपये का मासिक मानदेय मिल रहा है. सिलाई शिक्षक, नए प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने उनके मानदेय में 500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की है. राज्य सरकार ने उनके मानदेय को 3500 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये प्रति माह कर किया है.

नौनिहालों को पोषणयुक्त भोजन परोसने वाले मिड-डे मील कार्यकर्ताओं का अब सरकार ने मानदेय को 3500 रुपए से बढ़ाकर 4000 रुपए प्रतिमाह किया है. शिक्षा विभाग में कार्यरत जल रक्षकों के मानदेय में 500 रुपये की वृद्धि भी की गई है और अब जल रक्षकों को 3900 रुपए के बजाए 4400 रुपए प्रति माह मिल रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार पैरा श्रमिकों की विभिन्न श्रेणियों को सम्मानजनक पारिश्रमिक प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. जलरक्षकों, बहुउद्देश्यीय कर्मियों, पैरा फिटरों और पंप संचालकों के मानदेय में 500 रुपये की वृद्धि की गयी है. इसके अलावा, राज्य सरकार ने पंचायत चौकीदारों, राजस्व चौकीदारों, एसएमसी शिक्षकों और लंबरदारों के मानदेय में भी सम्मानजनक वृद्धि की है.

मुख्यमंत्री ने कहा आउटसोर्स कर्मचारियों के योगदान को देखते हुए सरकार ने उनके लिए न्यूनतम वेतन प्रति माह 11,250 रुपये निश्चित किया है. हाल की कैबिनेट बैठक में सरकार ने अंशकालीन पंचायत चौकीदारों के मासिक मानदेय को 6200 रुपए से बढ़ाकर 6700 रुपए करने का निर्णय लिया है. यह निर्णय 01 अप्रैल से लागू होगा. इस निर्णय ने राज्य के 3226 अंशकालिक पंचायत चौकीदारों लाभान्वित होंगे. प्रदेश के विकास में कर्मचारियों और पैरा वर्कर्स को सहभागी बनाते हुए राज्य सरकार उनके कल्याण और उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है.

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