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सुख की सरकार! कोरोना काल के दौरान दर्ज मामले होंगे वापस, सैकड़ों लोगों को मिलेगी राहत - himachal pradesh news

Sukhu government decision: हिमाचल में कोरोना काल के समय लोगों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फैसला लिया है कि कोरोना काल के दौरान जिन लोगों पर केस दर्ज किए गए हैं, वह सभी मामले वापस लिए जाएंगे. सरकार के इस फैसले से उन लोगों को बड़ी राहत मिली है, जिन पर महामारी से जुड़े विभिन्न नियमों और दिशा-निर्देशों की अवहेलना के दृष्टिगत केस दायर किए गए थे.

Sukhu government decision
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Published : Feb 2, 2023, 5:12 PM IST

Updated : Feb 2, 2023, 5:40 PM IST

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने उन लोगों को बड़ी राहत दी है. जिन पर कोविड नियमों के उल्लंघन के केस दर्ज किए गए थे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने उन सभी केसों को वापस लेने का फैसला किया है. कोविड काल में नियमों का उल्लंघन करने पर बड़ी संख्या में लोगों पर केस दर्ज किए गए थे. मुख्यमंत्री ने इन केसों का वापस लेने के आदेश दिए हैं.

हिमाचल में सुखविंदर सिंह सरकार संवेदनशीलता से कई फैसले ले रही है, ऐसा ही फैसला कोविड काल में दर्ज केसों को लेकर लिया गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कोरोना काल के दौरान लोगों पर दर्ज वे सभी मामले वापिस लेने का निर्णय लिया है जो महामारी से जुड़े विभिन्न नियमों व दिशानिर्देशों की अवहेलनाओं के दृष्टिगत दायर किए गए थे.

मानवीय संवेदनाओं के साथ करुणा भाव शासन का अभिन्न अंग: मुख्यमंत्री ने कहा कि मानवीय संवेदनाओं के साथ करुणा भाव शासन का अभिन्न अंग है. कोरोना महामारी से त्रस्त बहुत से लोगों पर नियमों के उल्लंघन के मामले दर्ज किए गए थे. कुछ लोग रोजगार की तलाश में भटक रहे थे, तो कुछ परिवार के लिए राशन व दवाई का इंतजाम करने के लिए बाजार का रुख कर रहे थे. उनका कहना है कि महामारी ने सभी को मजबूर कर दिया था. उन्होंने कहा कि सामाजिक व पारिवारिक सरोकारों के निर्वहन में आपराधिक प्रवृत्ति नहीं होती. कोरोना काल में जिन लोगों ने विभिन्न नियमों व दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया वे साधारण लोग थे, उनके क्रियाकलापों में आपराधिक प्रवृत्ति का बोध नहीं था.

मुख्यमंत्री ने तुरंत प्रभाव से केस वापस लेने के दिए आदेश: सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ऐसे लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ही प्रदेश सरकार ने कोरोना दिशा-निर्देशों की अवहेलना के लिए दर्ज मामले तुरंत प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया है. इससे इन लोगों को मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलेगी और वह अपने कार्य और ऊर्जा व दक्षता से करने में सक्षम होंगे. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह फैसला राजनीतिक नहीं, बल्कि उनका दायित्व होने के साथ-साथ मानवीय सरोकार भी है.

ये भी पढ़ें- Diarrhea in Hamirpur: पानी दूषित होने का वास्तविक कारण जानना जरूरी नहीं ? विभाग की गढ़ी थ्योरी से सरकार निश्चिंत !

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने उन लोगों को बड़ी राहत दी है. जिन पर कोविड नियमों के उल्लंघन के केस दर्ज किए गए थे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने उन सभी केसों को वापस लेने का फैसला किया है. कोविड काल में नियमों का उल्लंघन करने पर बड़ी संख्या में लोगों पर केस दर्ज किए गए थे. मुख्यमंत्री ने इन केसों का वापस लेने के आदेश दिए हैं.

हिमाचल में सुखविंदर सिंह सरकार संवेदनशीलता से कई फैसले ले रही है, ऐसा ही फैसला कोविड काल में दर्ज केसों को लेकर लिया गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कोरोना काल के दौरान लोगों पर दर्ज वे सभी मामले वापिस लेने का निर्णय लिया है जो महामारी से जुड़े विभिन्न नियमों व दिशानिर्देशों की अवहेलनाओं के दृष्टिगत दायर किए गए थे.

मानवीय संवेदनाओं के साथ करुणा भाव शासन का अभिन्न अंग: मुख्यमंत्री ने कहा कि मानवीय संवेदनाओं के साथ करुणा भाव शासन का अभिन्न अंग है. कोरोना महामारी से त्रस्त बहुत से लोगों पर नियमों के उल्लंघन के मामले दर्ज किए गए थे. कुछ लोग रोजगार की तलाश में भटक रहे थे, तो कुछ परिवार के लिए राशन व दवाई का इंतजाम करने के लिए बाजार का रुख कर रहे थे. उनका कहना है कि महामारी ने सभी को मजबूर कर दिया था. उन्होंने कहा कि सामाजिक व पारिवारिक सरोकारों के निर्वहन में आपराधिक प्रवृत्ति नहीं होती. कोरोना काल में जिन लोगों ने विभिन्न नियमों व दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया वे साधारण लोग थे, उनके क्रियाकलापों में आपराधिक प्रवृत्ति का बोध नहीं था.

मुख्यमंत्री ने तुरंत प्रभाव से केस वापस लेने के दिए आदेश: सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ऐसे लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ही प्रदेश सरकार ने कोरोना दिशा-निर्देशों की अवहेलना के लिए दर्ज मामले तुरंत प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया है. इससे इन लोगों को मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलेगी और वह अपने कार्य और ऊर्जा व दक्षता से करने में सक्षम होंगे. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह फैसला राजनीतिक नहीं, बल्कि उनका दायित्व होने के साथ-साथ मानवीय सरोकार भी है.

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Last Updated : Feb 2, 2023, 5:40 PM IST
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