शिमला: नगर निगम शिमला चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है. कांग्रेस के साथ- साथ भाजपा भी अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए रणनीति तैयार कर रही है. इस बीच भाजपा ने कांग्रेस पर नगर निगम शिमला चुनावों को लेकर फर्जी वोट बनाने के आरोप लगाए हैं. साथ ही 2022 के मतदाता सूची के अनुसार चुनाव करवाने की मांग उठाई है. भाजपा के नगर निगम चुनाव के प्रभारी एवं पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने हिमाचल की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सुक्खू सरकार पूरी तरह कन्फ्यूज है.
कांग्रेस द्वारा वोट बनाने की प्रक्रिया को बदलना साफ दर्शाता है कि वह फ्रॉड वोट को बढ़ावा दे रहे हैं, इनके नेता अधिकारियों के ऊपर दबाव डालकर 100 से 500 वोट अपने वार्ड में फ्रॉड तरीके से बनवा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एक आधार कार्ड और किराएदार दिखाकर बड़ी संख्या में लोग शिमला में फ्रॉड तरीके से वोट बनाने का काम कर रहे हैं. आरोप लगाया कि कांग्रेस ओछी राजनीति कर नगर निगम का चुनाव जीतना चाहती है लेकिन ऐसा करना संभव नहीं होगा.
उन्होंने कहा की 6 महीने में अगर एक व्यक्ति दो बार वोट दे तो यह आपत्तिजनक है, हाल ही में हिमाचल में विधानसभा चुनाव हुए हैं और वही लोग नगर निगम में भी वोट डालेंगे यह ठीक नहीं है. कांग्रेस के नेताओं को यह समझना चाहिए. पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी नेकहा कि यह सरकार कभी 2017 की वोटर लिस्ट के बारे में बात करती है तो कभी 2022 की वोटर लिस्ट के बारे में. आज मतदाता चिंतित है. कांग्रेस नेता कभी कहते हैं की मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव डायरेक्ट होंगे तो कभी कहती है कि चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से होंगे.
सरकार नगर निगम अधिनियम 4 का उल्लंघन कर रही है. नगर निगम के चुनावों में एसा पहली बार हो रहा है. उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में गड़बड़झाला का संशय सामने आया है. वार्ड नंबर 5 समरहिल में एमसी लिमिट के बाहर के वोट भी बनाए जा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस और वामपंथियों का असल चेहरा सामने आया है. आरोप लगाया कि ब्लॉक लेवल ऑफिसर वोट को वेरीफाई करें बिना ही वोट बना रहे हैं. सरकार को अधिकारियों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए.
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