शिमला: प्रदेश के बाहर निजी शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ले रहे छात्र छात्रवृत्ति ना मिलने से परेशान हैं. छात्रों की परेशानी का हल ना तो शिक्षा विभाग निकाल रहा है और ना ही प्रदेश सरकार. ऐसे में छात्रों ने बुधवार को शिमला के चौड़ा मैदान में आक्रोश रैली निकाली. इस आक्रोश रैली में सामाजिक कार्यकर्ता केहर सिंह भी शामिल हुए और छात्रों की आवाज का समर्थन किया.
केहर सिंह ने कहा कि 2016-17 के बाद प्रदेश के बाहर निजी शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे एससी, एसटी छात्रों को उनकी छात्रवृत्ति शिक्षा विभाग की ओर से जारी नहीं की जा रही है. छात्र छात्रवृत्ति के लिए पात्र हैं, बावजूद इसके भी उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है जिससे छात्र मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं. छात्रों के पास फीस भरने के लिए पैसे नहीं है और निजी शिक्षण संस्थान उन्हें लाखों की फीस भरने के लिए मजबूर कर रहे हैं.
छात्र ना तो कॉलेज छोड़ पा रहे हैं और ना ही फीस जमा करवा पा रहे हैं. ऐसे में छात्रों को संस्थान से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, लेकिन शिक्षा विभाग और सरकार इस मामले में कोई संज्ञान नहीं ले रही है. उन्होंने मामले को लेकर मुख्यमंत्री के साथ शिक्षा निदेशक को भी पत्र लिखा था जिस पर उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद ही वह इस आंदोलन को करने के लिए मजबूर हुए हैं.
चौड़ा मैदान में आक्रोश रैली और धरना प्रदर्शन करने के बाद केहर सिंह की अध्यक्षता में छात्र शिक्षा निदेशालय में शिक्षा निदेशक से मिले. उन्हें अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन में उन्होंने शिक्षा निदेशक और सरकार को छात्रों की छात्रवृत्ति जारी करने के लिए 25 सितंबर तक का समय दिया है इसके इस समय के बीच में अगर छात्रों की छात्रवृत्ति जारी नहीं की जाती है तो केहर सिंह इस मांग को लेकर अनिश्चित समय तक हड़ताल पर बैठेंगे जिसमें सभी छात्रों का समर्थन उन्हें मिलेगा.
वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने छात्रों के भविष्य को लेकर किए गए सवाल पर कहा है कि जब तक सीबीआई की जांच पूरी नहीं होती है तब तक निजी शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति जारी नहीं की जाएगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है. सीबीआई ने निर्देश दिए है कि जो निजी शिक्षण संस्थान इस जांच के दायरे में है या डिफॉल्टर है उन्हें जांच पूरी होने तक छात्रवृत्ति जारी नहीं की जाएगी.
गौरतलब है कि प्रदेश शिक्षा विभाग में हुए छात्रवृत्ति घोटाले के बाद जो कॉलेज जांच के दायरे में है उनके छात्रों की छात्रवृत्ति शिक्षा विभाग की ओर से जारी नहीं की जा रही है. छात्रवृत्ति ना मिलने से छात्र अपनी कोर्स की फीस जमा नहीं करवा पा रहे है. फीस संस्थानों को नहीं मिल रही है तो वह छात्रों को संस्थान छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे है.
ये भी पढ़ें: 'देवभूमि' में एक महीने बाद लागू होगा नया मोटर वाहन एक्ट, इस दिन तक पूरे करें दस्तावेज
छात्रवृत्ति का पैसा खातों में ना आने पर छात्रों से दो साल की फीस संस्थान एक साथ मांगी जा रही है, जिससे छात्रों की परेशानी बढ़ गई है. छात्र अपनी शिकायतें लेकर शिक्षा विभाग के पास आ रहे है और उनकी वेरिफिकेशन कर छात्रवृत्ति उन्हें जारी करने की मांग कर रहे है, लेकिन शिक्षा विभाग भी यही तर्क दे रहा है कि जो संस्थान जांच के दायरे में है उनकी छात्रवृत्ति जारी नहीं कि जा सकती है.