शिमला: प्रदूषण को कम करने की दिशा में राज्य सरकारें महत्कांक्षी योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए कई अहम कदम उठ रही हैं, लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से हिमाचल प्रदेश सरकार की 100 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की योजना फिलहाल फेल होती दिख रही है.
बजट का एक हिस्सा केंद्र तो एक राज्य को वहन करना था
प्रपोजल के अनुसार बसों की खरीद के लिए एक हिस्सा केंद्र सरकार और बाकी प्रदेश सरकार को वहन करना था, लेकिन प्रदेश सरकार ने पूंजीगत व्यय करने में असमर्थता जताई. जिसको देखते हुए केंद्र सरकार ने हिमाचल को 100 बसों के लिए बजट देने का प्रस्ताव वापिस कर दिया. परिवहन सचिव ने कहा कि पूंजीगत व्यय के अलावा राज्य सरकार दूसरे सारे व्यय को उठाने के लिए तैयार है.
अन्य राज्यों की तुलना में हिमाचल में ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें
हिमाचल में अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक बसें हैं. अब राज्य सरकार इनकी संख्या और अधिक बढ़ाना चाहती है, इसके लिए एचआरटीसी ने एक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा. राज्य सरकार ने इसे इस उम्मीद से आगे भेजा है कि अगर केंद्र सरकार बसें खरीदने में मदद करती है, तो हिमाचल में इन्हें चलाया जा सकता है.
निजी ऑपरेटर्स को आमंत्रित करने की तैयारी में सरकार
राज्य सरकार के पास इसके लिए पर्याप्त बजट का होना जरूरी है. यह प्रस्ताव लंबे समय से लंबित रहा है. जिसके बाद केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के सचिव ने स्पष्ट किया है कि अगर हिमाचल सरकार चाहे तो ट्रांसपोर्टरों को इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए आमंत्रित कर सकती है. इसके आपरेशन से संबंधित सारा खर्च केंद्र सरकार ही उठाएगी. अब हिमाचल सरकार निजी ऑपरेटर्स को इसके लिए आमंत्रित करने की तैयारी में है.